कॉमनवेल्थ गेम्स: 218 भारतीय एथलीट में से 16 जीत चुके हैं गोल्ड मेडल, 10 फिर दिला सकते हैं सोना

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 से 15 अप्रैल तक 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स होने हैं। इस बार गेम्स में कुल 275 इवेंट्स रखे गए हैं। इन गेम्स के लिए चुने गए 218 भारतीय खिलाड़ियों के दल में 16 ऐसे हैं जो पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। माना जा रहा है कि इन 16 में से 10 एथलीट इस बार भी देश के लिए सोना जीत सकते हैं। गगन नारंग, मानवजीत सिंह संधू, हिना सिद्धू, अपूर्वी चंदेला, विनेश फोगाट, जोशना चिनप्पा और साइना नेहवाल भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं।
अनुभव दिलाएगा गोल्ड

- गोल्ड कोस्ट के लिए जो भारतीय दल जा रहा है, उन खिलाड़ियों की औसत उम्र लगभग 27 साल है। वहीं मेडल जीत चुके इन 16 खिलाड़ियों की बात करें तो इनमें सिर्फ चार ही ऐसे हैं, जिनकी उम्र 27 साल से कम है। हालांकि, उनका अनुभव अच्छा खासा है। ऐसे में कॉमनवेल्थ गेम्स में जीत का पुराना अनुभव उन्हें इस बार भी मेडल तालिका में स्थान दिलाने का प्रबल दावेदार बना रहा है। वैसे भी शूटिंग जैसे खेल में अनुभव बहुत मायने रखता है। इस बार के भारतीय दल में शूटिंग के छह खिलाड़ी ऐसे हैं, जो पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुके हैं। रियो ओलिम्पिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली विनेश फोगाट भी गोल्ड जीतने की तगड़ी दावेदार मानी जा रही हैं।

कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुके भारतीयों पर नजर

मानवजीत सिंह (शूटिंग), उम्र : 42 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में छह, एशियाड में पांच, कॉमनवेल्थ गेम्स में पांच और आईएसएसएफ वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में दो। 

प्लस : तीन बार के ओलिम्पियन, पूर्व वर्ल्ड नंबर शूटर, एशिया में 124/125 का रिकॉर्ड।

माइनस : 2015 के बाद इंटरनेशनल लेवल पर कोई गोल्ड नहीं जीता। 

संभावना : कॉमनवेल्थ के लिए क्वालीफाई कर कमबैक किया है। मेडल जीत सकते हैं।

गगन नारंग (शूटिंग), उम्र : 34 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में दो, आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल में एक, कॉमनवेल्थ गेम्स में आठ, कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में आठ। 

प्लस : तीन बार के ओलिम्पियन, लंदन ओलिम्पिक और 2010 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट।

माइनस:ग्लासगो में एक सिल्वर, एक ब्रॉन्ज जीतने के बाद किसी भी बड़ी स्पर्धा में गोल्ड नहीं जीता। 2017 कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में सिर्फ सिल्वर जीत पाए।

संभावना : कॉमनवेल्थ गेम्स का अच्छा अनुभव है। वर्ल्ड में सातवीं रैंक है। कई मेडल जीत सकते हैं।

तेजस्विनी सावंत (शूटिंग), उम्र : 38 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : कॉमनवेल्थ गेम्स में दो, आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में एक, आईएसएसएफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में एक। 

प्लस :साउथ एशियन स्पोर्ट्स फेडरेशन गेम्स में गोल्ड जीता। एएससी बैंकाक में दूसरे स्थान पर रहीं। 2009 म्यूनिख आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में सिल्वर जीता। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला शूटर।

माइनस :एक बार भी एशियाड या ओलिम्पिक नहीं खेला। 2010 के बाद इंटरनेशनल लेवल पर कोई भी पदक नहीं जीता।

संभावना :पदक जीतने की उम्मीद कम है।

हिना सिद्धू (शूटिंग), उम्र : 28 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड :आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में दो, कॉमनवेल्थ में एक, कॉमनवेल्थ चैम्पियनिशप में एक, एशियन शूटिंग चैम्पियनशिप में एक, साउथ एशियन फेडरेशन शूटिंग चैम्पियनशिप में दो, म्यूनिख ओपन में दो बार, हंगरी ओपन चार बार।

प्लस :दो बार की ओलम्पियन, इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन की वर्ल्ड रैंकिंग में शीर्ष पर रहने वाली पहली भारतीय पिस्टल शूटर। आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय पिस्टल शूटर।

माइनस :कई विवादों में जुड़ चुका है नाम, हिजाब पहनने की शर्त के कारण एशियन एयर गन शूटिंग चैम्पियनशिप से नाम वापस ले लिया था। नेशनल पिस्टल कोच पॉवेल स्मिरनोव के लिए कहा था कि उन्हें तकनीकी जानकारी नहीं है।

संभावना :वर्ल्ड में 13वें नंबर की शूटर। एक से अधिक पदक जीत सकती हैं।

अपूर्वी चंदेला (शूटिंग), उम्र : 25 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर राइफल में। 

प्लस :रियो ओलिम्पिक में भाग लिया। 2015 आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल्स में सिल्वर और आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज जीता। 

माइनस :पिछले तीन साल से इंटरनेशनल लेवल पर कोई भी गोल्ड नहीं जीता। 

संभावना :मौजूदा रैंकिंग 35 है। पदक जीतने की उम्मीद है।

जीतू राय (शूटिंग), उम्र : 30 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : कॉमनवेल्थ गेम्स में एक, आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में दो, एशियाड में एक।

प्लस : 2014 वर्ल्ड कप में दो सिल्वर जीते। 2014 वर्ल्ड कप चैम्पियनशिप में सिल्वर जीता। वर्ल्ड में 11वीं पोजिशन। 

माइनस :रियो ओलिम्पिक में 10 मीटर और 50 मीटर पिस्टल में क्रमश: आठवें और 12वें स्थान पर रहे। 

संभावना : पिछले साल कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में हिना सिद्धू के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड टीम का खिताब जीत चुके हैं। पदक जीत सकते हैं।

सुशील कुमार (रेसलिंग), उम्र : 34 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड :कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में पांच गोल्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स में दो, वर्ल्ड चैम्पियनशिप में एक और एशियन चैम्पियनशिप में एक। 

प्लस :2008 और 2012 के ओलिम्पिक में मेडल जीता। इंटरनेशनल लेवल के मैचों का अच्छा खासा अनुभव।

माइनस :विवादों में काफी रहे। क्ववालीफाइंग मैचों के दौरान भी एक विवाद में घिर गए थे। अभ्यास का अच्छा मौका नहीं मिला है। उम्र भी अधिक है। इस समय वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 20 में नहीं हैं।

संभावना :पदक जीतने की बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती।

विनेश फोगाट (रेसलिंग), उम्र : 23 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा में।

प्लस : वर्ल्ड में दूसरे नंबर की रेसलर। 2016 एशियन चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज, 2017 और 2018 एशियन चैम्पियनशिप में सिल्वर जीता। पिछले एशियाड में भी ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं।

माइनस :फोगाट सरनेम होने के कारण पदक जीतने का बहुत अधिक दबाव। फिटनेस भी समस्या है। रियो ओलिम्पिक में घुटने की चोट के कारण ही पदक नहीं जीत पाईं थीं।

संभावना : मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग बहुत अच्छी है। पदक जीतने की प्रबल दावेदार हैं।

बबिता कुमारी (रेसलर), उम्र : 28 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स 55 किग्रा. में। कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में दो। 

प्लस : दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर, एशियन चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज, वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं।

माइनस : रियो ओलिम्पिक में पहला मुकाबला ही हार गईं थीं। वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 20 से बाहर। पिछले कई साल से इंटरनेशनल लेवल पर कोई गोल्ड नहीं जीता। बढ़ती उम्र भी एक फैक्टर है।

संभावना :पदक की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती।

साइना नेहवाल (बैडमिंटन), उम्र : 28 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : कॉमनवेल्थ गेम्स में एक, वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप में एक, कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में एक।

प्लस :लंदन ओलिम्पिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट। 2017 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर और 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में मिक्सड टीम में सिल्वर जीत चुकी हैं। वर्ल्ड की नंबर एक रह चुकीं एकमात्र भारतीय शटलर। 

माइनस :चोट के बाद वापसी तो अच्छी की, लेकिन लय कॉयम नहीं रख पाईं। इस साल ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन के पहले राउंड में ही हार गईं।

संभावना :फॉर्म में वापसी कर सकीं तो मेडल जीत सकती हैं।

अश्वनी पोनप्पा (बैडमिंटन), उम्र : 28 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : कॉमनवेल्थ गेम्स में एक, साउथ एशियन गेम्स में दो।

प्लस : लंदन ओलिम्पिक में वूमेंस डबल्स में ब्रॉन्ज जीता। 2016 में उबर कप में ब्रॉन्ज मेडल और वेल्श इंटरनेशनल में सिल्वर जीता।

माइनस :ज्वाला गुट्‌टा की जगह अब एन सिक्की रेड्‌डी के साथ डबल्स खेलती हैं। इन दोनों की जोड़ी अब तक कोई कमाल नहीं दिखा सकी है।

संभावना : पदक जीतने की उम्मीद नहीं है।

संजिता खुमकचाम (वेटलिफ्टिंग), उम्र : 24 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा. में।

प्लस : 2017 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में क्लीन एंड जर्क में सिल्वर जीता। 53 किग्रा. भार वर्ग में 11वीं रैंक।

माइनस : इंटरनेशनल लेवल के मैचों का कम अनुभव। 

संभावना : पदक जीत सकती हैं।

दीपिका पल्लीकल (स्क्वाश), उम्र : 26 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में।

प्लस : 2014 एशियाड में वूमेंस सिंगल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वूमेंस स्क्वाश एसोसिएशन से संबद्ध ओपन टूर्नामेंट्स में छह गोल्ड जीत चुकी हैं। 

माइनस :पिछले दो-तीन साल से इंटरनेशनल लेवल पर कोई भी गोल्ड नहीं जीता है। 

संभावना : वर्ल्ड रैंकिंग 20 और वर्ल्ड सीरीज रैंकिंग 14 है। पदक जीत सकती हैं।

जोशना चिनप्पा (स्क्वाश), उम्र : 31 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में।

प्लस : इंटरनेशनल लेवल के टूर्नामेंट्स में छह बार चैम्पियन रह चुकी हैं। दो बार रनर भी रही हैं।

माइनस : यह स्पीड और पॉवर का गेम है। जोशना की उम्र अधिक है। 

संभावना : वर्ल्ड रैंकिंग 16 और वर्ल्ड सीरीज रैंकिंग 15 है। पदक जीतने की तगड़ी दावेदार हैं।

मनोज कुमार (बॉक्सिंग), उम्र : 31 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में लाइट वेल्टरवेट में। साउथ एशियन गेम्स में। 

प्लस : इस साल इंटरनेशनल ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में ब्रॉन्ज जीता। 2007 और 2013 एशियन चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज जीत चुके हैं।

माइनस : पिछले कई साल से इंटरनेशनल लेवल की चैम्पियनशिप में गोल्ड नहीं जीता।

संभावना : इस समय 69 किग्रा. भार वर्ग में उनकी 24वीं रैंक है। उनसे ऊपर बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं, जो कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेंगे। पदक की संभावना नहीं है।

अंचत शरत कमल (टेबल टेनिस), उम्र : 35 साल

कहां-कहां जीता गोल्ड : कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन।

प्लस : अटैक उनकी ताकत है। 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में मेंस टीम इवेंट में ब्रॉन्ज भी जीत चुके हैं।

माइनस : वर्ल्ड रैंकिंग गिरी है। पहले 53वें नंबर पर थे। अब 71वें नंबर पर पहुंच गए हैं। 

संभावना : उम्र ज्यादा है। उससे मूवमेंट पर फर्क पड़ता है। पिछले कुछ समय से इंटरनेशनल लेवल पर कोई उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं रहा। पदक जीतने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

Source - Bhaskar