PRIVATIZATION OF PASSENGER TRAINS

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New Delhi: The discussions are on with senior officials and experts whether to allow private players run passenger operations and fix fares, a senior Railway Board member said Friday.

नाथूराम गोडसे ने ली महात्मा गांधी की जान, उनके आखिरी शब्‍द थे ‘हे राम’, जानिए पूरा इतिहास

नाथूराम गोडसे ने ली महात्मा गांधी की जान, उनके आखिरी शब्‍द थे ‘हे राम’, जानिए पूरा इतिहास

30 जनवरी 1948 का दिन इतिहास में सबसे दुखद दिनों में शुमार हो गया. दरअसल 30 जनवरी 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जान ले ली और नव स्वतंत्र राष्ट्र के सिर से पिता का साया छीन लिया.

विडम्बना देखिए कि अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए. वह उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे. उसी समय गोडसे ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत 'हे राम' कहकर दुनिया से विदा हो गया. अपने जीवनकाल में अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहन दास करमचंद गांधी का नाम उनकी मृत्यु के बाद दुनियाभर में कहीं ज्यादा इज्जत और सम्मान से लिया जाता है.
देश दुनिया के इतिहास में 30 जनवरी की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1933 : राष्ट्रपति पॉल वान हिंडेनबर्ग ने अडोल्फ हिटलर को जर्मनी का चांसलर बनाया.

1941 : नौवहन के इतिहास की एक बड़ी घटना में सोवियत संघ की एक पनडुब्बी ने जर्मनी का एक पोत डुबा दिया, जिससे उसमें सवार करीब 9000 लोगों की मौत हो गई.

1948 : शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नयी दिल्ली के बिड़ला भवन में हत्या.

1965 : ब्रिटेन के लोगों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय देश के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल को अंतिम विदाई दी. चर्चिल एक कुशल कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता थे और वह एकमात्र प्रधानमंत्री थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें ब्रिटेन की महानतम विभूतियों में गिना जाता है.
2004 : वैज्ञानिकों ने एक संवाददाता सम्मेलन में ऐलान किया कि मंगल पर भेजे गए अंतरिक्ष यान अपोर्चुनिटी को मंगल ग्रह पर आयरन आक्साइड की मौजूदगी के संकेत मिले हैं. इसका सीधा मतलब है कि संभवत: एक समय वहां पानी रहा होगा.

2007 : एक बड़े अंतरराष्ट्रीय सौदे में भारत की दिग्गज कंपनी टाटा ने एंग्लो डच स्टील निर्माता कंपनी कोरस ग्रुप को 12 अरब डॉलर से अधिक में खरीदा.

2009 : आस्ट्रेलिया ओपन के मिक्स्ड डबल मुकाबले में सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति की जोड़ी फाइनल में पहुंची.

2009 : कोका कोला कंपनी ने ऐलान किया कि वह अमेरिका में अपने प्रमुख उत्पाद कोका कोला क्लासिक का नाम बदलकर कोका कोला करने जा रही है. कोका कोला के साथ क्लासिक शब्द को 1985 में जोड़ा गया था.
Source - NDTV

इन कारणों से महात्मा गांधी को 5 बार नामित होने के बाद भी नहीं मिला था शांति का नोबेल पुरस्कार

इन कारणों से महात्मा गांधी को 5 बार नामित होने के बाद भी नहीं मिला था शांति का नोबेल पुरस्कार

महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को पूरी दुनिया में अहिंसा के सबसे बड़े पुजारी के रूप में जाना जाता है. अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलाने वाले गांधी जी (Gandhi ji) को 5 बार शांति के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नामित किया गया था. लेकिन बापू को 1 बार भी शांति पुरस्कार नहीं दिया गया. महात्मा गांधी को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए पहली बार 1937 में नामिक किया गया था. Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबिक 1937 में पहली बार नॉर्वे की संसद “स्टॉर्टिंग” के लेबर पार्टी सदस्य ओले कोल्बजोर्नसन ने एमके गांधी का नाम सुझाया था. कोल्बजोर्नसन नोबेल कमेटी के 13 सदस्यों में से एक थे. कोल्बजोर्नसन ने गांधी जी को खुद से नामित नहीं किया था. उन्होंने मशहूर गांधीवादी संस्था “फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया” की नार्वे शाखा की एक शीर्ष महिला सदस्य से गांधी जी का नाम नामांकित करवाया था. जिसके बाद लगातार दूसरी और तीसरी बार 1938 और 1939 में भी गांधी जी को शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया. चौथी बार साल 1947 में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का नामांकन हुआ. जबकि पांचवी और आखिरी बार उन्हें 1948 नामांकित किया गया लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख से 2 दिन पहले उनकी हत्या कर दी गई थी. नोबेल समिति को गांधी जी के नाम पर 6 नामांकन प्राप्त हुए थे. पांचवी बार गांधी जी को नामांकित करने वालों में क्वेकर्स और अर्थशास्त्राी एमिली ग्रीन बाल्च शामिल थे.
इन कारणों से गांधी जी को नहीं मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

1937

साल 1937 में गांधी जी को पहली बार शांति पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नामित किया गया था. लेकिन उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया गया था. नोबेल समिति के सलाकार जैकब वॉर्म-मूलर के गांधीजी के बारे में निगेटिव लिखने के चलते उन्हें साल 1937 में नोबेल पुस्कार नहीं दिया गया. Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबकि जैकब वार्म-मूलर ने लिखा था, “भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष गांधीजी अच्छे, विनम्र और आत्मसंयमी व्यक्ति हैं. भारत की जनता उन्हें बेहद प्यार और सम्मान देती है, लेकिन गांधी जी अंहिसा की नीति पर हमेशा कायम नहीं रहे. अंग्रेजों के खिलाफ उनके कई शांतिपूर्ण आंदोलन कभी भी हिंसक रूप ले सकते हैं. ऐसा ही कुछ चौरा चौरी में देखने को मिला जब भारतीयों ने ब्रिटिश सरकार की एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी जिससे कई पुलिसकर्मी जल के मर गए थे. जैकब वॉर्म-मूलर ने लिखा कि गांधीजी का आंदोलन केवल भारतीय हितों तक सीमित रहा, दक्षिण अफ़्रीका में उनका आंदोलन भी भारतीय लोगों के हितों के लिए था. गांधीजी ने अश्वेत समुदाय लिए कुछ नहीं किया है जिनकी दशा भारतीयों से भी बुरी थी.
1938 और 1939

1938 और 1939 में भी गांधीजी को नामांकन के बावजूद नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया. उस समय अंतरराष्ट्रीय शांति आंदोलन में गांधीजी के कई आलोचक भी थे.
1947

1947 में गांधीजी को यूनाइटेड प्रॉविंस के प्रीमियर गोविंद वल्लभ पंत, बॉम्बे प्रेसिडेंसी के प्राइम मिनिस्टर बीजी खेर और सेंट्रल लेजिस्लेटिव एसेंबली के स्पीकर गणेश वासुदेव मावलंकर ने नामांकित किया था. उस समय नोबेल समिति के सलाहकार जेन्स अरुप सीप थे. तत्कालीन नोबेल कमेटी प्रमुख गुन्नर जान ने अपनी डायरी में लिखा कि जेन्स अरुप सीप की रिपोर्ट में गांधी के अनुकूल है लेकिन पूरी तरह से उनके पक्ष में नहीं. पाकिस्तान के साथ हालात बिगड़ने के बाद गांधीजी ने कहा, “मैं हर तरह के युद्ध का विरोधी हूं, लेकिन पाकिस्तान चूंकि कोई बात नहीं मान रहा है, इसलिए पाकिस्तान को अन्याय करने से रोकने के लिए भारत को उसके ख़िलाफ़ युद्ध के लिए जाना चाहिए. उस समय कमेटी ने गांधीजी के युद्ध वाले बयान को शांति-विरोधी माना और 1947 का नोबेल पुरस्कार मानवाधिकार आंदोलन क्वेकर को दे दिया गया. नोबेल कमेटी के अध्यक्ष ने लिखा है, ''नामांकित लोगों में गांधीजी सबसे बड़ी शख़्सियत थे. वह शांति के दूत ही नहीं, बल्कि सबसे बड़े देशभक्त थे. नोबेल कमेटी अध्यक्ष ने कमेटी के फ़ैसले का समर्थन करते हुए लिखा कि हमें यह भी दिमाग में रखनी चाहिए कि गांधीजी भोले-भाले नहीं हैं.''
1948

गांधीजी को 1948 में भी शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख से 2 दिन पहले उनकी हत्या कर दी गई थी. नोबेल समिति को गांधीजी के नामांकन के लिए 6 पत्र प्राप्त हुए थे. गांधी जी को नामांकित करने वालों में क्वेकर्स और अर्थशास्त्राी एमिली ग्रीन बाल्च शामिल हैं. लेकिन इस बार भी गांधी जी को शांति पुरस्कार नहीं मिला था. इसका मुख्य कारण ये था कि गांधी जी की हत्या हो चुकी थी और उस समय तक मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता था. लेकिन उस समय कुछ परिस्थितियों में मरणोपरांत को ये पुरस्कार दे सकते थे. ऐसे में समस्या ये थी कि गांधी जी को देने वाली पुरस्कार की राशि किसे दी जाए? क्योंकि गांधी जी न ही किसी किसी संगठन से जुड़े थे और न ही कोई वसीयत छोड़कर गए थे. ऐसे में 1948 में किसी को भी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया था. नोबेल समिति ने अपनी टिप्पणी में कहा था, ''there was no suitable living candidate. (कोई जिंदा उम्मीवार नहीं हैं)''
गांधी को शांति पुरस्कार न देना नोबेल समिति की भूल थी

नोबेल समिति यह बात स्वीकार कर चुकी है कि महात्मा गांधी को शांति पुरस्कार नहीं देना एक चूक थी. साल 1989 में महात्मा गांधी की मौत के 41 साल बाद बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को शांति पुरस्कार देते हुए नोबेल समिति के चेयरमैन ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी. बता दें कि गांधी के अहिंसावादी सिद्धांतों पर चलने वाले मार्टिन लूथर किंग और नेल्सन मंडेला जैसे लोगों को शांति का पुरस्कार दिया गया था.
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ऐसे करें Gmail के एक अकाउंट के ईमेल अपने आप दूसरे जीमेल अकाउंट पर फॉरवर्ड

ऐसे करें Gmail के एक अकाउंट के ईमेल अपने आप दूसरे जीमेल अकाउंट पर फॉरवर्ड

यदि आप भी एक से अधिक Gmail आईडी एक्सेस करते हैं तो आज हमारे द्वारा बताए जाने वाली जानकारी आपके बेहद काम आएगी। Gmail में एक ऐसा काम का फीचर मौजूद हैं जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। जीमेल में दिए इस खास फीचर की मदद से आप अपने Gmail के एक अकाउंट के ईमेल को दूसरे जीमेल आईडी पर ऑटोमेटिकली प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में आपको दूसरी ईमेल आईडी को हर बार एक्सेस करने की जरूरत भी नहीं होगी। तो आइए आपको अपने लेख द्वारा इस विषय में जानकारी देते हैं।

यह है तरीका
1) सबसे पहले अपनी नई जीमेल आईडी ओपन करें।

2) इसके बाद दाहिनी तरफ दिख रहे सेटिंग्स बटन पर क्लिक करें।

3) यहां आपको Forwarding and POP/IMAP विकल्प मिलेगा।

4) फॉरवर्डिंग विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपको एड फॉरवर्डिंग एड्रैस को दर्ज करना होगा। ध्यान दें यह आपको अपनी वो ईमेल आईडी डालनी है जिसपर आप दूसरी आईडी के मेल प्राप्त करना चाहते हैं।

5) ईमेल आईडी दर्ज करने के बाद नेक्स्ट बटन और फिर Proceed विकल्प पर क्लिक करें।

 6) Proceed पर क्लिक करने के बाद आपको नई जीमेल आईडी पर वेरिफिकेशन के लिए एक ईमेल प्राप्त होगा। जीमेल यूजर को वेरिफिकेशन मेल पर क्लिक करना होगा।

7) वेरिफिकेशन के बाद अब वापस जीमेल सेटिंग पेज पर आएं और एक बार फिर पेज को रिफ्रेश करें।

8) इसके बाद आपको फॉरवर्ड कॉपी ऑफ इनकमिंग ईमेल टू पर क्लिक करना है। नीचे दिख रहे Save Changes पर क्लिक करें।



ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करने के बाद आपके Gmail के एक अकाउंट के ईमेल अपने आप दूसरे जीमेल अकाउंट पर फॉरवर्ड होने लगेंगे।
Source - NDTV

Do’s And Dont’s Of Mediterranean Diet You Must Know

Do’s And Dont’s Of Mediterranean Diet You Must Know

The Mediterranean diet is mostly popular for its benefits on heart health. The basics of Mediterranean diet include eating healthy plant-based foods like fruits, vegetables, legumes, nuts and whole grains. The diet talks about replacing butter with healthy fats like olive oil and canola oil. As part of the diet, you need to limit consumption of red meat. The diet also includes eating fish and poultry at least twice a week. Red wine can be included in Mediterranean diet in moderation. Exercising regularly is an inevitable prerequisite of it.
Here's how you can start following a Mediterranean diet:

Switch to whole grains, eat veggies and fruits

When you are following this diet, you need to make plant-based foods a majority part of your meals. Around 7 to 10 servings of veggies and fruits are allowed as part of this diet. Include more whole grains in your diet like barley, brown rice, millets, oatmeal, popcorn, buckwheat and whole wheat bread or pasta.
Low-fat dairy

High fat dairy products need to be avoided in this diet. You can opt or low-fat milk, cheese and ice cream. Skimmed milk, low-fat cheese and fat-free yogurt can also be included.
Eat fish once or twice a week

Eating fish once or twice a week is a part of Mediterranean diet. Fatty fish like salmon, tuna and mackerel are a rich source of omega-3 fatty acid which are great for healthy heart. Avoid fried fish. You can opt for sauteed fish in canola oil or olive oil.
Ditch the butter

Basically, you need to find a healthy alternative to butter. You can opt for olive oil or canola oil. These oils should be your preferred choice for cooking and for bread spread as well.
Add more nuts in your diet

Mediterranean diet promotes eating nuts. Walnuts, cashews, pistachios and almonds need to be kept handy for a quick snack. Nut butters can also be included in this diet, which is followed by celebrity fitness trainer Kayla Itsines.
void red meat

You need to opt for poultry and fish over red meat as part of Mediterranean diet. You can opt for lean meat like chicken or turkey.
You can have red wine

This is not to say that you should drink red wine as part of Mediterranean diet if you don't drink it. Alcohol is best if avoided, for your overall health. However, you can sip over a glass of red wine as part of this diet. You can also drink purple grape juice as an alternative to red wine in Mediterranean diet.
Healthy spices

Adding herbs and spices to your diet makes it tastier and even healthier. Spices like ginger, garlic, cinnamon, cardamom, mint, etc are all great for giving a boost to your digestion. In the Mediterranean diet, idea is to add less salt and use these seasoning for flavour.S
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पीरियड के बिना भी प्राइवेट पार्ट से खून क्यों आता है?

पीरियड के बिना भी प्राइवेट पार्ट से खून क्यों आता है?

प्रिया को पीरियड्स होने वाले थे. पेट में दर्द शुरू हो गया था. मूड खराब रहने लगा था. पर जब भी वो चेक करती तो उसे सिर्फ स्पॉटिंग दिखती. स्पॉटिंग का मतलब हुआ ब्लड आना. पर बहुत हल्की मात्रा में. तो पीरियड के दौरान आम तौर पर जितनी ब्लीडिंग होती है, उतनी स्पॉटिंग में नहीं होती. पर इसका मतलब ये नहीं कि तीन दिन के अंदर स्पॉटिंग खत्म हो जाती है. ये हफ्ता से लेकर महीने तक चलती है. यही प्रिया के साथ हो रहा था. जब वो डॉक्टर के पास गई तो पता चला उसे ऐसा हॉर्मोन्स की उथल-पुथल की वजह से हो रहा था.
वैसे, हम औरतों के शरीर में होने वाले बदलावों के पीछे ज़्यादातर हॉर्मोन्स ही ज़िम्मेदार होते हैं. पर स्पॉटिंग के पीछे बस यही एक वजह नहीं है. और भी कारण हैं. जैसे:
1. गड़बड़ पीरियड साइकिल
इसके लिए एक बार फिर आप अपने हॉर्मोन्स को गालियां दे सकती हैं. जब आपकी ओवरी समय पर अपना काम नहीं कर पाती तो आपको इर्रेगुलर पीरियड होते हैं. और काम न कर पाने से हमारा मतलब है वक्त पर अंडा न बना पाना. जब अंडा नहीं बनता तो हॉर्मोन्स में इम्बेलेंस आ जाता है. और उसकी वजह से होती है स्पॉटिंग. अक्सर ऐसा तब भी होता है जब लड़कियों को पीरियड्स होना एकदम शुरू हुआ होता है. या फिर मेनोपॉज के समय.
2. हो सकता है इसमें आपकी गर्भनिरोधक गोली का हाथ हो
अगर आपके पीरियड्स शुरू हुए समय हो गया है तो आपकी दिक्कत की वजह कुछ और हो सकती है. एक वजह है आपकी बर्थ कंट्रोल पिल्स. वैसे भी इन पिल्स की वजह से आपके नॉर्मल हॉर्मोन्स पागल हो जाते हैं. इन सबका नतीजा होता है स्पॉटिंग. खासतौर पर तब, जब आपने नई-नई पिल्स खानी शुरू की होती है, बदली होती है, या मिस कर दी होती है. अगर आप ऐसी कोई पिल खा रही हैं जिसमें एस्ट्रोजेन की मात्रा कम है तो स्पॉटिंग होगी. एस्ट्रोजेन वो हॉर्मोन है जिसकी वजह से आपके गर्भाशय के अंदर बनी परत वहीँ टिकी रहती है.
तो, जब भी एस्ट्रोजेन का लेवल आपके शरीर में ऊपर नीचे होगा तो स्पॉटिंग होगी.
3. स्ट्रेस थोड़ा कम लीजिए
स्ट्रेस और हॉर्मोन्स की तो बहुत पुरानी दुश्मनी है ही. जब आप स्ट्रेस लेती हैं तो आपके शरीर में कोर्टिसोल नाम का एक हॉर्मोन बनता है. काफ़ी ज़्यादा मात्रा में. इस समय आपके बाकी हॉर्मोन्स, जो पीरियड्स होने में मदद करते हैं, जैसे एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेबरॉन, वो कम बनने लगते हैं. इस वजह से स्पॉटिंग होती है.
4. आपको कोई इन्फेक्शन या चोट भी हो सकती है
गर्भाशय के एंट्री को सर्विक्स कहते हैं. ये बहुत नाज़ुक होती है. अगर आपको यहां कोई अंदरूनी चोट लग जाए तो इसमें ब्लीडिंग होती है. कुछ औरतों को ये ब्लीडिंग दूसरों के मुकाबले ज़्यादा होती है. कई बार सेक्स या डॉक्टर के टेस्ट की वजह से यहां चोट लग जाती है. ऐसा भी हो सकता है कि स्पॉटिंग चोट लगने के फौरन बाद हो जाए या कुछ समय बाद.
साथ की सेक्स की वजह से होने वाले इन्फेक्शन जैसे क्लैमाइडिया वगैरह की वजह से भी स्पॉटिंग होती है.
5. हो सकता वही आप प्रेगनेंट हों
कुछ औरतों को ऑवयूलेशन के दौरान स्पॉटिंग होती है. ऑवयूलेशन उस समय को कहते हैं जब अंडाशय से अंडे बाहर आते हैं. ये ज़्यादातर पीरियड्स के दौरान ही होता है. पर कुछ औरतों में ये प्रेगनेंसी के बिल्कुल शुरुआती दौर में होता है.
ऑवलूशन के एक हफ्ते बाद, जो अंडा स्पर्म के साथ मिल चुका है वो गर्भाशय की वॉल से जाकर जुड़ जाता है. इस प्रोसेस के दौरान हल्की सी ब्लीडिंग होती है. ये देखने में स्पॉटिंग जैसा ही होता है. पर अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपको हल्की ब्लीडिंग हो रही है तो घबराइए मत. ऐसा होना नॉर्मल है.
Source - Odd Nari


अब अंतरिक्ष में लगेंगे विज्ञापन, चांद की तरह आसमान में दिखेंगे

अब अंतरिक्ष में लगेंगे विज्ञापन, चांद की तरह आसमान में दिखेंगे

एक रूसी कंपनी ने ऐसी योजना पेश की है जिसके तहत आने वाले समय में अंतरिक्ष में विज्ञापन लगाए जाएंगे. जैसे लोग चांद को आसमान में देखते हैं, उसी तरह अब विज्ञापन भी आसमान में देखे जा सकेंगे. इसके लिए रॉकेट से छोटे-छोटे सैटेलाइट भेजे जाएंगे.
अंतरिक्ष में लगाए जाने पर ऐसे विज्ञापन को धरती पर रहने वाले अरबों लोग एक साथ देख सकते हैं. विज्ञापन के लिए जिन सैटेलाइट को भेजा जाएगा वह धरती के ऊपर 400 किमी के अल्टीट्यूड पर रहेंगे. साल भर तक एक सैटेलाइट अंतरिक्ष में रहेगा.
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स्टाररॉकेट कंपनी के मुताबिक, सैटेलाइट सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करेंगे और इसके आधार पर आकाश में शब्दों या फिर लोगों की आकृति दिखाई देगी. कंपनी के सीईओ व्लादिलेन सितनिकोव ने अपने प्रोजेक्ट की तुलना एलन मस्क और पीटर बेक के प्रोजेक्ट से की है.
सीईओ ने कहा- एलन मस्क के स्पेसएक्स की सफलता के बाद मुझे लगा कि कुछ भी संभव है. जनवरी 2018 में अमेरिकी कंपनी रॉकेट लैब ने भी डिस्को बॉल को अंतरिक्ष में लॉन्च किया था. व्लादिलेन सितनिकोव ने कहा कि रॉकेट लैब के डिस्को बॉल प्रोजेक्ट के बाद उन्होंने अंतरिक्ष में बिल बोर्ड लगाने का फैसला किया.
कंपनी के मुताबिक, धरती पर रहने वाले तमाम लोग इन विज्ञापन को देख पाएंगे. यह दिन में 10 या इससे अधिक बार दिखाई देगा. कंपनी ने टेस्ट प्रोजेक्ट को 2021 में लॉन्च करने का फैसला किया है. लेकिन पर्यावरण और साइंटिफिक क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोगों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है.
Source - Aaj Tak

बॉलीवुड की इन फिल्मों में दिखाया गया है समलैंगिक रिश्ता !

बॉलीवुड की इन फिल्मों में दिखाया गया है समलैंगिक रिश्ता !

अगर हम साहित्य उठा कर देखे तो ऐसी बहुत सी किताबे हैं जहाँ होमोसेक्सुअल को लेकर बात की गई है। बस थोड़ी देर लगी समाज में खुल कर इस मुद्दे पर बात करने में। सन 2000 के दशक में कुछ फिल्मों के किरदारों से इस मुद्दे को परदे पर दिखाने की जरुर कोशिश की, लेकिन वो हिस्सा या किरदार कभी लीड में नहीं रहा। या फिल्म की कहानी के चलते उस मुद्दे को दबा ही दिया। लेकिन अगर आज के वक़्त की बात करे तो धारा 377 के तहत ये समलैंगिक रिश्ते को जायज मना जायेगा। ऐसे में न सिर्फ अब इस विषय पर बात हो रही है बल्कि कई एक्टिविटीज के जरिये इस रिश्ते को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जहाँ तक हमारी हिंदी फिल्मों की बात की जाए तो मेकर्स बने टैबू माने जाने वाले मुद्दे पर फ़िल्में बनाई है और खुल कर होमोसेक्सुअल को सपोर्ट किया है। तो ये हैं वो फ़िल्में जिसमें होमोसेक्सुअल को टैबू नहीं बल्कि समाज का बदलता आइना दिखाया-
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
हाल में सोनम कपूर और अनिल कपूर स्टार फिल्म ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ का ट्रेलर सामने आया था। ट्रेलर को देखने के बाद आप साफ़ समझ जायेंगे कि इस फिल्म की कहानी किसी हीरो-हीरोइन की लव स्टोरी नहीं बल्कि दो लड़कियों की प्रेम कहानी है। जहाँ सोनम को किसी हीरो से नहीं हीरोइन से प्यार होता है। वैसे अभी तक बड़े स्टार्स इस तरह के किरदार करने से कतराते आये हैं। फिल्मों में भी होमोसेक्सुअल को ज्यादा स्पेस नहीं दिया जाता है। यहाँ सोनम न सिर्फ ये लेस्बियन का करैक्टर निभा रही है बल्कि ये पूरी फिल्म इसी मुद्दे पर आधारित है।
अलीगढ़
मनोज बाजपाई ने फिल्म में एक गे प्रोफेसर का डॉक्टर श्रीनिवासन सिराज का किरदार निभाया था। ये अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर की असली कहानी थी। जिसे परदे पर निभाने के बाद मनोज बाजपाई ने उन्हें पहचान दिला दी।
गर्लफ्रेंड
अमृता अरोड़ा और ईशा कोपिकर ने फिल्म गर्लफ्रेंड में लेस्बियन का किरदार निभाया था। फिल्म में दोनों के बीच कई इंटिमेट सीन्स भी दिखाए गए। जिसे लेकर खूब विवाद हुआ। हालांकि दोनों एक्ट्रेस ने जिस हिम्मत से उस समय ये किरदार करने की हिम्मत ठानी थी इसके लिए दोनों की खूब तारीफ भी हुई।
द फायर
फिल्म में शबाना आज़मी और नंदिता दास ने परदे पर लेस्बियन का किरदार निभाया था। इस फिल्म को लेकर इतना विवाद हुआ कि फिल्म बैन करनी पड़ी। लेकिन आज भी दोनों की हिम्मत की तारीफ की जाती है।
मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ
इस फिल्म में कल्कि केकलां के करियर की सबसे दमदार परफॉरमेंस बताई गई है। जहाँ कल्कि ने एक लेस्बियन लड़की का किरदार निभाया था। फिल्म में इनकी परफॉरमेंस की खूब तारीफ हुई।
Source - Bollywood News

आपका चेहरा खोलता है सेहत के कई राज, आईने के सामने खड़े होकर लगा सकते हैं पता

आपका चेहरा खोलता है सेहत के कई राज, आईने के सामने खड़े होकर लगा सकते हैं पता

अक्सर लोग हमारा चेहरा देखकर हमारा मूड समझ जाते हैं कि हम खुश हैं या दुखी, हम गुस्से में हैं या चिल करने के मूड में हैं। कई लोग तो चेहरा देखकर ये भी बता देते हैं कि इंसान अच्छा है या बुरा। शायद, इसीलिए कहा जाता है कि इंसान का चेहरा सीरत का आइना होता है मगर हमारा चेहरा सिर्फ सीरत का नहीं बल्कि हमारी सेहत का भी आईना होता है। माथा, आँखें, नाक, जीभ, होंठ और मुंह सभी का कनेक्शन शरीर के दूसरे अंगों से होता है। अगर उन अंगों में कुछ गड़बड़ होती है तो उसका असर चेहरे पर नजर आने लगता है।
आज हम ऐसी ही कुछ बातों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप आइने के सामने खड़े होकर अपनी सेहत के बारे में जान सकते हैं। तो देर किस बात की है। आइए करते हैं माथे से शुरुआत।
9. माथा
अगर आपके माथे पर पिम्पल्स और आड़ी लकीरें नजर आ रही हैं तो इसका इशारा पित्ताशय, लिवर की परेशानी या पाचन क्रिया में गड़बड़ी से हो सकता है।
माथा शरीर के नर्वस सिस्टम और पाचनतंत्र से जुड़ा होता है।इस परेशानी से बचने के लिए आपको स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए और योग करना चाहिए।
आपको अपने खाने में प्रोसेस्ड फूड और फैट्स की मात्रा कम करके सुबह-सुबह गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर पीना चाहिए।
8. आँखें लाल होना
किसी ऑटो इम्यून डिसीज या डिप्रेशन की वजह से आंखों का रंग लाल हो जाता है।
यदि आपकी आँखों में पीलापन आ रहा है तो इसकी वजह लीवर की बीमारी हो सकती है।
घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों के माध्यम से आँखों को आराम दिया जा सकता है।
7. आँखों में डार्क सर्कल्स
आँखों के नीचे डार्क सर्कल बनने के पीछे नींद में कमी, खून में आयरन की कमी और किडनी में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आंखों के बदलते रंग के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आँखों की सेहत के लिए पर्याप्त नींद लें।
ज्यादा पानी पियें और डार्क सर्कल्स के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स से दूरी बनाकर रखें।
6. बार-बार नाक बहना
नाक के लाल होने और बार-बार बहते रहने के पीछे हार्ट प्रॉब्लम्स, हाइ ब्लड प्रेशर या लिवर डिसऑर्डर जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
इस समस्या को ठीक करने के लिए अल्कोहल से दूर रहें।
खाने में फैटी एसिड युक्त एवोकैडो, अलसी, ऑलिव ऑयल जैसी चीजें शामिल करें और मसालेदार खाने से दूरी बनाकर रखें।
5. जीभ पर सफेद दाग
अगर आपको जीभ पर सफेद दाग नजर आ रहे हैं तो समझ जाइये कि आपके शरीर में टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ गई है।
शरीर में बढ़ रहे टॉक्सिन्स को कम करने के लिए आपको शरीर का डेटोक्सिफिकेशन करने की जरूरत होती है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और खट्टे फलों के जूस का सेवन करें।
4. ठुड्डी के पास पिम्पल्स


कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ठुड्डी के पास पिम्पल्स हो जाते हैं। ऐसा उनके शरीर में होने वाले हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण होता है।
महिलाओं को हार्मोनल इम्बैलेंस से बचने के लिए स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए।
भरपूर नींद लेनी चाहिए और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
3. होंठ में सूजन
फूड सेंसेटिविटी, आंतो में सूजन या जलन की वजह से होंठ में भी सूजन आ जाती है।
2. होंठ का सूखना
डिहाइड्रेशन, विटामिन बी या आयरन की कमी से होंठ सूखे-सूखे से नजर आने लगते हैं।
होंठ का सूखापन दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। अगर वो फिर भी ठीक ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
1. मुंह का सूखापन
मुंह का सूखापन लार की कमी की वजह से होता है। इसके पीछे डिहाइड्रेशन, अल्कोहल की अधिकता, धूम्रपान जैसे कारण हो सकते हैं।
साथ ही साथ ये डाइबिटीज के एक शुरुआती लक्षण में से भी एक है।
डाइबिटीज का पता लगाने के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना होगा। साथ ही साथ मुंह के छालों और कट से बचने के लिए आप विटामिन बी से भरपूर आहार अपने खाने में शामिल कर सकते हैं।
Source - dunia digest

आपका पासपोर्ट तो नीला है! जानें- किसे मिलता है लाल-सफेद पासपोर्ट

आपका पासपोर्ट तो नीला है! जानें- किसे मिलता है लाल-सफेद पासपोर्ट

पासपोर्ट आपकी अहम पहचान है और यह ऐसा पहचान पत्र है, जो देश में नहीं बल्कि विदेश में भी मान्य होता है. इसकी बदौलत ही आप अन्य देशों की सीमा में प्रवेश कर पाते हैं. आपने देखा होगा कि आपके पासपोर्ट का रंग नीला होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ लोगों को लाल और सफेद रंग का पासपोर्ट भी दिया जाता है. आइए जानते हैं अलग अलग रंगों के पासपोर्ट का बंटवारा किस आधार पर होता है...
बता दें कि भारतीय नागरिक को भारतीय पासपोर्ट कंसुलर पासपोर्ट और वीसा (सीपीवी) प्रभाग की ओर से उनकी पहचान के एक यात्रा दस्‍तावेज के रूप में जारी किया जाता है, जो विदेश मंत्रालय के अधीन आता है.
पासपोर्ट पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत जारी किया जाता है और इसे भारत में 37 से अधिक आरपीओ/ पीओ से और विदेश में 170 से अधिक भारतीय दूतावासों से जारी किया जाता है.
बता दें कि सरकारी की ओर से तीन रंग के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं. इसमें नीला, लाल और सफेद रंग शामिल है.
नियमित पासपोर्ट में नेवी ब्लू रंग का कवर होता है और यह साधारण यात्रा के लिए जारी किया जाता है, जैसे- अवकाश और व्‍यापार संबंधी दौरे.
डिप्‍लोमेटिक पासपोर्ट पर मेरून रंग का कवर होता है और यह भारतीय डिप्‍लोमेट, वरिष्‍ठ स्‍तर के सरकारी अधिकारियों और डिप्‍लोमेटिक अधिकारियों को जारी किया जाता है.
शासकीय पासपोर्ट पर सफेद रंग का कवर होता है और यह आधिकारिक कार्य से जाने वाले भारतीय अधिकारियों को जारी किया जाता है.
भारतीय पासपोर्ट के लिए दो मार्गों से आवेदन किया जा सकता है, पहला ऑनलाइन आवेदन के माध्‍यम से, जहां आवेदक ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकता है. व्‍यक्तिगत रूप से आवश्‍यक दस्‍तावेज लेकर जाने के लिए पहले से समय तय होता है.
वहीं दूसरे मामले में आवेदक पासपोर्ट सेवा केंद्र से सीधे आवेदन पत्र ले सकता है और इसे भरकर निवास-स्‍थान, जन्‍म तिथि, नाम में परिवर्तन और ईसीएनआर के प्रलेख, पासपोर्ट आकार के फोटो आदि लेकर प्रत्‍यक्ष रूप से आवेदन जमा कर सकता है.
Source - Aaj Tak

6 साल से दुकान में टांग रखे हैं फटे कपड़े, जानिए अंदर क्या मिलता है

6 साल से दुकान में टांग रखे हैं फटे कपड़े, जानिए अंदर क्या मिलता है

मध्य प्रदेश में एक जिला है बालाघाट. बालाघाट में तहसील है वारासिवनी. यहां एक दुकान है मानीबाई गोलछा साड़ी & रेडीमेड के नाम से. सामने से दुकान की शकल देखकर लगता है कि कपड़ों की है. क्योंकि बाहर कपड़े ही टंगे हैं. लेकिन ये अजीब बात है कि कपड़े नहीं चिथड़े हैं. हर जगह से फटे हुए. ये दुकानदार या तो बहुत आलसी है, कि ये सामने का डिस्प्ले नहीं बदल सका. या फिर उसके दिमाग में कोई प्लान है. जिसके तहत ये दुकान ऐसी बनी हुई है.
तो सुनो. दुकानदार का नाम पीयूष गोलछा. ये दुकान मार्केट में सबसे पहले यानी 8 बजे सुबह खुल जाती है. पीयूष जैन हैं और पक्के पुजारी हैं. सुबह सवेरे नहाकर धोती लपेटकर पूजा करने जाते हैं और लौटकर दुकान खोलते हैं. ये घर में ही है. ये भी समझ लो कि दुकान 15 फरवरी 2012 को खुली है, वैलेंटाइन्स डे के एक दिन बाद. और घर 2013 में बना है. इससे वो कहावत याद आ जाती है कि दुकान से मकान बन सकता है लेकिन मकान से दुकान नहीं.
दुकान खुली कैसे? इसका भी किस्सा है. पीयूष ने 2008 में बारहवीं पास की. स्कूल में टॉप किया. उसके बाद बी.कॉम किया, एम.कॉम किया. फिर रायपुर चले गए, CA की कोचिंग करने. इस बीच पापा की तबीयत काफी खराब हो गई. उनकी पहले से कपड़े की दुकान है. वो चाहते थे कि छोटा बेटा यानी पीयूष का छोटा भाई आयुष एक और कपड़े की दुकान खोल ले. लेकिन उसने नहीं खोली. घर में गरमा गरमी भी हुई. फिर पीयूष ने कहा- रुको हम खोलते हैं. फिर ये दुकान खुल गई.
अब सुनो इस दुकान में मिलता क्या क्या है. बाहर से लोग फटे कपड़े टंगे देखकर हंसते हुए अंदर घुसते हैं तो भौचक रह जाते हैं. सब मिलता है भई सब. पैदाइश से मरने तक की ड्रेस. बिना जेब की नैपी से लेकर बिना जेब के कफन तक सब कुछ. पूरी मार्केट में कपड़ों को 80-90 दुकाने हैं. लेकिन हर जगह सब कुछ नहीं मिलता. उन्होंने सारे पैसे डिस्प्ले और प्रचार में लगा दिए होंगे �� पीयूष ने बताया कि 110 नंबर की चड्डी भी यहां मिल जाएगी. अमित शाह से भी मोटा आदमी हो उसके लिए ये साइज लगता है. यहां 400 में चार साड़ियां भी मिल सकती हैं और 10 हजार की एक भी है.
पीयूष ने इस दुकान से बहुत दाम भी कमाया और नाम भी. ‘जो दिखता है वो बिकता है’ वाली थ्योरी भी पलट दी. अब वो बिकता है जो भाईसाब बेचते हैं.
Source - The Lallan Top

Faster trains soon! Indian Railways to replace slow-moving passenger trains on Golden Quadrilateral

Faster trains soon! Indian Railways to replace slow-moving passenger trains on Golden Quadrilateral

ज्यादा कसी या ढीली ब्रा पहनना इतना खतरनाक है कि आपको अंदाज़ा भी नहीं होगा


लड़कियों, इस वक़्त आप जो भी कर रही हैं, रोक दीजिए. 10 सेकंड का समय लीजिए. और अपने ब्रा पर थोड़ा ध्यान दीजिए. क्या वो आपको टाइट महसूस हो रहा है? या बहुत ढीला? चाहे जो भी हो, बात ये है कि आप इस ब्रा में कम्फ़र्टेबल नहीं है. ये आपकी लिए सही साइज़ नहीं है. और ये थोड़ा परेशानी वाली बात है. सिर्फ़ इसलिए नहीं क्योंकि आप सहज महसूस नहीं कर रहीं. बल्कि इसलिए क्योंकि इसका असर आपकी हेल्थ पर भी पड़ता है.

26 जनवरी: ऐसी थी भारत के गणतंत्र की यात्रा, फिर 1950 में बना संविधान


भारत भले ही 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन भारत को 26 जनवरी 1950 को पूर्व गणराज्य बना. इसी दिन को पूरा भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. बता दें, 26 जनवरी 1950 को दो साल के अधिक समय में तैयार हुआ संविधान लागू हुआ और इस संविधान से भारत के हर नागरिक को अपनी सरकार चुनकर अपना शासन चलाने का अधिकार मिला. इसी दिन 21 तोपों की सलामी के बाद डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्‍म की घो‍षणा की थी.

संभले नहीं तो 2050 के बाद दूध, गेहूं, चावल के लिए तरस जाएगा भारत


जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत अगर आज भी सजग नहीं हुआ तो आने वाला वक्त महंगा साबित हो सकता है. भारत 2050 तक फल-सब्जियों के अलावा दूध के लिए भी तरस जाएगा. यह बात पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की रिपोर्ट में सामने आई है. इसे बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली समिति ने संसद में पेश किया है.

DIG अपर्णा कुमार का एक और कीर्तिमान, दक्षिणी ध्रुव पर फहराया झंडा

DIG अपर्णा कुमार का एक और कीर्तिमान, दक्षिणी ध्रुव पर फहराया झंडा

दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराने वाली पहली महिला आईपीएस और आईटीबीपी की डीआईजी अपर्णा कुमार अपना अभियान सफलता पूर्वक पूरा कर शनिवार को दिल्ली लौट आईं. सफल अभियान के बाद देश पहुंचने पर आइटीबीपी ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपर्णा कुमार का जोरदार स्वागत किया.
इस मौके पर आइटीबीपी की महिला बैंड ने स्वागत धुन प्रस्तुत किया और फूलों का गुलदस्ता देकर उनका अभिवादन किया. बता दें कि अपर्णा कुमार 111 किलोमीटर तक बर्फ में चल कर साउथ पोल तक पहुंची थीं. इस दौरान उनके पास उपकरणों का लगभग 35 किलोग्राम वजन भी था. इस उपलब्धि पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें विशेष तौर पर बधाई दी है. वर्तमान में अपर्णा कुमार आइटीबीपी की नॉर्दन फ्रंटियर में डीआईजी के पद पर तैनात हैं.
इसके पहले भी अपर्णा कुमार ने विश्व की नामी चोटियों का सफलतापूर्वक आरोहण किया है. वह 13 जनवरी, 2019 को साउथ पोल पर पहुंची थी और वहां भारत और आईटीबीपी का झंडा लहराया था. उन्होंने 6 महाद्वीपों की सर्वश्रेष्ठ सर्वोच्च चोटियों का भी आरोहण किया है.
अपर्णा कुमार 2002 बैच की यूपी काडर की आईपीएस अधिकारी हैं. आईटीबीपी पर्वतारोहण में विशेष उपलब्धि धारण करने वाला बल है. इस फोर्स के बलों ने वैश्विक तौर पर 211 सफल पर्वतारोहण अभियान संचालित किए हैं जो एक रिकॉर्ड है. बता दें कि आईटीबीपी मूल रूप से अति कठिन भारत चीन हिमालय सीमा की निगरानी करने वाला केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल है. पर्वतारोहण और साहसिक खेलों में इस बल की विशेष वैश्विक पहचान है.
Source - Aaj Tak

‘औरतों की इज्जत’ पर विदेशियों की सोच भारतीयों से कैसे अलग है, पीवी सिंधु ने तगड़े तरीके से समझाया

‘औरतों की इज्जत’ पर विदेशियों की सोच भारतीयों से कैसे अलग है, पीवी सिंधु ने तगड़े तरीके से समझाया

पीवी सिंधु, शानदार बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. बैडमिंटन कोर्ट में तगड़े तरीके से खेलने वाली सिंधु, असल जिंदगी में भी, अपनी बात सीधे तौर पर रखती हैं. हाल ही में, उन्होंने 'औरतों की इज्जत' करने की बातें कहने वाले लोगों पर, दमदार कमेंट किया है. सिंधु कहती हैं, कि भारत में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो ये कहते हैं कि औरतों की इज्जत करनी चाहिए, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा करने वाले लोग बहुत कम हैं.
दरअसल, शुक्रवार को 'SH(OUT) - Sexual Harassment Out: We are listening(एसएच (आउट)- सेक्सुअल हैरेसमेंट आउट: हम सुन रहे हैं)' कार्यक्रम हुआ. ये कार्यक्रम हैदराबाद पुलिस ने करवाया. इसी इवेंट में सिंधु ने शिरकत की थी. जहां उन्होंने सेक्सुअल हैरेसमेंट पर ऐसी बातें कहीं, जिन्हें आपको जरूर सुनना चाहिए.
सिंधु कहती हैं, 'मैं जब विदेश जाती हूं, तब ये देखती हूं कि दूसरे देशों में लोग औरतों की बहुत इज्जत करते हैं. मुझे खुशी होती है कि विदेशों में ऐसा होता है. भारत में लोग कहते हैं, 'हमें औरतों की इज्जत करनी चाहिए', लेकिन जो असल में इज्जत करते हैं, उनकी संख्या बहुत कम है. मैं ये देखना चाहती हूं, कि हर कोई व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति की इज्जत करे, खासतौर पर औरतों की. औरतों को स्ट्रॉन्ग होना पड़ेगा, और औरत होने के नाते हमें खुद पर ये भरोसा करना चाहिए, कि हम कुछ भी कर सकते हैं.'
मीटू पर क्या बोलीं सिंधु?
वो कहती हैं कि औरतों को सेक्सुअल हैरेसमेंट पर अब चुप नहीं रहना चाहिए. अगर उनके साथ कुछ गलत होता है, तो सामने आकर उस पर बात करनी चाहिए, शर्माना नहीं चाहिए. बल्कि ये सोचना चाहिए, कि हम स्ट्रॉन्ग हैं, जो इन बातों पर बिना डरे बोल रहे हैं.
सिंधु ने मीटू मूवमेंट को अच्छा मूवमेंट बताया. उन्होंने कहा, कि इस मूवमेंट ने औरतों के साथ होने वाले, सेक्सुअल हैरेसमेंट को लेकर बहुत जागरुकता लाई है. इस कैंपने ने औरतों और आदमियों, दोनों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराया.
Source - Odd nari

जानें- फ्लाइट से पहले और बाद में क्या करती हैं एयर होस्टेस?

जानें- फ्लाइट से पहले और बाद में क्या करती हैं एयर होस्टेस?

एयर होस्टेस बनना कई लड़कियों का सपना होता है और एयर होस्टेस बनकर अपना करियर बना सकते हैं. एयर होस्टेस बनने के लिए आपको लिखित परीक्षा, इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन की प्रक्रिया से गुजरना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं एयरहोस्टेस का आखिर क्या काम होता है? आज हम आपको बताते हैं कि आखिर उनका क्या काम होता है...
एयर होस्टेस फ्लाइट की यात्रा के दौरान काफी काम करती है और यात्रा के दौरान ही उन्हें ज्यादा काम करना होता है, जिसके बारे में यात्री जानते भी हैं. इस दौरान उन्हें यात्री का वेलकम करने से लेकर यात्री का आखिरी वक्त तक ध्यान रखना होता है.
जब फ्लाइट में यात्री बैठ जाते हैं तो एयर होस्टेस उन्हें प्लेन की पूरी जानकारी देती है और सुरक्षा संबधी जानकारी भी देती है. इस ब्रिफिंग में एयर होस्टेस यात्रियों को लगेज, सुरक्षा, सीट बेल्टस की जानकारी देती है और अन्य पायलट के बिहाफ पर यात्रियों को जानकारी देती हैं.
साथ ही यात्रा के दौरान एयर होस्टेस का काम यात्रियों को खाना देना, इमरजेंसी हालात में मदद करना, तबियत खराब होने पर मदद करना, मेडिकल एडवाइस देना होता है.
हालांकि फ्लाइट में यात्रियों के बैठने से पहले और बाद में एयर होस्टेस को कई काम करने होते हैं. एयर होस्टेस प्लेन उड़ने से पहले सेफ्टी उपकरणों की जानकारी लेती है. साथ ही जांच करती है कि प्लेन साफ है या नहीं और सीट पॉकेट में पूरा किट है या नहीं. वहीं अगर यात्रियों को खाना देना है तो एयर होस्टेस पहले चेक करती हैं कि खाने की मात्रा यात्रियों के अनुसार है या नहीं.
फ्लाइट से पहले फ्लाइट अटेंडेंट्स की पायलट के साथ एक मीटिंग होती है, जिसमें सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाती है.
बता दें कि लंबी दूरी की फ्लाइट्स में यात्रियों को सर्विस देने के बाद एयरहोस्टेस बारी-बारी से आराम करती हैं. क्योंकि जरा सी गड़बड़ी से बड़ी परेशानी हो सकती है.
फ्लाइट के बाद फ्लाइट क्रू मेंबर्स को अपने अपने काम की रिपोर्ट देनी होती है. इसमें सेल, कोई आपातकाल घटना, कोई यात्री का गलत व्यवहार आदि की जानकारी शामिल होती है. साथ ही फ्लाइट की एक बार जांच होती है, जिसपर भी रिपोर्ट तैयार की जाती है.
कितनी होती है सैलरी- वैसे तो एयर होस्टेस की सैलरी हर एयरलाइन और अनुभव पर निर्भर करती है. आम तौर पर कंपनियां 25 हजार से लाख रुपये तक सैलरी देती है और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में पैसे ज्यादा मिलते हैं. हालांकि कई लग्जरी एयरलाइंस ज्यादा सैलरी देती है. एयर होस्टेस को सैलरी के साथ कई अन्य सुविधाएं भी मिलती है.
Source - Aaj Tak 

क्या है BSF और सेना में अंतर, सैलरी-सुविधाएं भी होती है अलग

क्या है BSF और सेना में अंतर, सैलरी-सुविधाएं भी होती है अलग

भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के साथ सीआरपीएफ, बीएसफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी का अहम योगदान होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं ये सुरक्षा बल, भारतीय सेना से अलग होते हैं और इन्हें मिलने वाली सुविधाएं भी काफी अलग होती है. आइए जानते हैं पैरा मिलिट्री फोर्सेज और सेना में क्या अंतर होता है...
बता दें कि सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और भारतीय सेना में काफी अंतर होता है. कई सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं, जिसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, आसाम राइफल्स और एसएसबी शामिल है. वहीं सेना में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना आते हैं.
अर्धसैनिक बल देश में रहकर या सीमा पर देश की सुरक्षा करते हैं और अर्धसैनिक बल पूरे देश में आतंकवाद औऱ नक्सलवाद विरोधी अभियानों में भी लगे हुए हैं. वहीं वीआईपी सिक्योरिटी में भी मुख्यतौर पर अर्धसैनिक बलों के जवान ही होते हैं. सुविधाओं के नाम पर जो सहूलियतें भारतीय सेना को मिलती हैं, वैसी सुविधाएं अर्धसैनिक बलों को नहीं मिलती है.
बीएसएफ पीस-टाइम के दौरान तैनात की जाती है, जबकि सेना युद्ध के दौरान मोर्चा संभालती है. बीएसएफ के जवानों को हमेशा सीमा की सुरक्षा के लिए तैयार रहना पड़ता है.
बीएसएफ के जवानों को सीमा पर तैनात किया जाता है, जबकि भारतीय सेना के जवान सीमा से दूर रहते हैं और युद्ध के लिए खुद को तैयार करते हैं. साथ ही यह क्रॉस बोर्डर ऑपरेशन भी करती है.
भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ के जवानों से ज्यादा सुविधा मिलती है, इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल है.
भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है, जबकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन होती है.
भारतीय सेना में रैंक लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जर्नल आदि होती है, लेकिन बीएसएफ में पोस्ट कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी आदि होती है.
भारतीय सेना में अधिकारी एनडीए और सीडीएस के माध्यम से चुने जाते हैं और इस परीक्षा का चयन यूपीएससी की ओर से किया जाता है. वहीं बीएसएफ में एसआई तक के उम्मीदवार एसएससी की ओर से चुने जाते हैं. वहीं बीएसएफ के डीजी आईपीएस बनते हैं.
Source - AajTak 

कभी भी इंटरव्यू में ना पहनें ऐसे कपड़े, ध्यान रखें ये बातें

कभी भी इंटरव्यू में ना पहनें ऐसे कपड़े, ध्यान रखें ये बातें

किसी भी इंटरव्यू में नौकरी पाने के लिए आपकी नॉलेज के साथ आपका व्यक्तित्व भी काफी अहम होता है, जिसमें आपके कपड़े भी शामिल है. ऐसे में इंटरव्यू में जाने से पहले कपड़ों पर ध्यान देना आवश्यक है. आइए जानते हैं इंटरव्यू में किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए...
कंफर्टेबल ड्रेस है जरूरी- जिस ड्रेस में आप कंफर्टेबल ना हों, उससे बचें. अगर इंडस्ट्री की मांग आप पूरी ना कर सकते हों तो एक सरल उपाय है. लड़कियां सलवार-कमीज और लड़के फुल शर्ट-पैंट पहन बीच का रास्ता अपना सकते हैं.
चमकीले कपड़े ना पहनें- जब कभी भी आप इंटरव्यू के लिए जाएं तो चमकीले-भड़कदार कपड़ों से बचें. आपकी पसंद आपके विचारों का आइना होता है. ऐसे कपड़े पहनने से आपके इंटरव्यू पर असर पड़ सकता है, इसलिए सिंपल कपड़े पहनें.
माहौल के हिसाब से पहने कपड़ें- ऑफिस के माहौल और मौसम को ध्यान में रखते हुए कपड़ों को तय करें. जैसे बिजनेस कंपनी, मल्टीनेशनल कंपनी आदि के आधार पर कपड़े पहनें.
जूतों पर भी दें ध्यान- अपने कपड़ों को ध्यान में रखते हुए जूतों को डिसाइड करें. लड़कियां जो हाईहिल्स में कंफर्टेबल ना हों, उसे कतई ना पहनें. आपके चलने के तरीके से आपके कॉन्फीडेंस का अंदाजा लगाया जा सकता है.
रंग बयां करता है व्यक्तित्व- इंटरव्यू के दौरान केवल साफ-सुथरे और व्यवस्थित परिधान ही नहीं आते हैं, बल्कि इसमें कपड़ों का रंग तक भी शामिल होता है. इंटरव्यू के दौरान नीले कपड़े पहनना ज्यादा उचित माना जाता है. आप किसी बिजनेस कंपनी के लिए जा रहे हैं तो पुरूष या महिलाएं दोनों ही ऐप सूट पहनकर जा सकते हैं.
Source - Aaj Tak

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शुरू होगा नया कोर्स, मिलेगी मौलवी बनने की ट्रेनिंग

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शुरू होगा नया कोर्स, मिलेगी मौलवी बनने की ट्रेनिंग

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) की तरफ से जल्द ही नया कोर्स शुरू होने जा रहा है. इस कोर्स को करने वाले छात्र भारतीय सेना में मौलवी के पद पर सीधे आवेदन कर सकेंगे. इससे मदरसों में पढ़ने वाले लड़कों के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता भी खुलेगा.
सेना में इनकी भर्ती सीधे नायब सूबेदार की रैंक पर होगी. दरअसल नए सत्र में AMU इस्लामिक चैपलिन के नाम से एक साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहा है. कॉलेज में इस कोर्स को करने के बाद बच्चों के सामने सेना सहित कई सरकारी महकमों में मौलवी का पद मिल सकेगा.
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AMU की इस पहल से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की उम्मीदों को एक नई उड़ान मिलेगी. इस कोर्स को करने के लिए ये जरूरी होगा कि मदरसे से आने वाले छात्र अदीब-कामिल या अदीब-माहिर यानी बीए के बराबर मदरसे की कोई डिग्री हो.
इसके बाद ये छात्र AMU से एक साल का डिप्लोमा करेंगे और फिर सीधे सेना में मौलवी का पद लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे. सबसे बड़ी बात ये है कि लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी इस कोर्स को कर सकेंगी.
शुरुआत में इस कोर्स में 10 छात्रों को दाखिला लिया जाएगा. इसमें 5 सीट लड़कियों के लिए रिजर्व है. उम्मीद की जा रही है कि एक साल का कोर्स करने के बाद मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे सरकारी नौकरियों का रास्ता साफ होगा. सेना अस्पताल, जेल प्रशासन जैसे दूसरे जगहों पर नियुक्ति मिलेगी.
गौरतलब है कि हर साल सेना में धर्म शिक्षक (पंडित, मौलवी, पादरी, ग्रंथी, बौद्ध संन्यासी) के पद पर नियुक्ति होती है. इसमें नियुक्ति बतौर जूनियर कमीशन अधिकारी के पद पर होती है. इसकी जानकारी कम मुस्लिम युवकों को होती है जिससे वह इससे वंचित रह जाते हैं.
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दूर होंगे इनकम टैक्‍स से जुड़े कन्‍फ्यूजन, जान लें इन 6 सवालों के जवाब

दूर होंगे इनकम टैक्‍स से जुड़े कन्‍फ्यूजन, जान लें इन 6 सवालों के जवाब

वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले नौकरीपेशा लोगों से कंपनियां इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ मांग रही हैं. वहीं लोगों में इसको लेकर कई तरह के कन्‍फ्यूजन हैं. अधिकतर लोगों को यह नहीं समझ में नहीं आ रहा कि वह इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ में क्‍या-क्‍या दे सकता है. तो वहीं बहुत ऐसे भी लोग हैं जो स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन को लेकर कन्‍फ्यूज हैं. आज हम इस रिपोर्ट में आपके इस कन्‍फ्यूजन को दूर करने वाले हैं.
1. सवाल - इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ क्‍यों मांग रही कंपनियां ?
जवाब- दरअसल, इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ के जरिए कंपनियां आपके द्वारा टैक्स बचाने के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट की जानकारी लेती हैं. कंपनी ऐसा आपको टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए करती है. ऐसे में एक निश्चित तारीख तक आपको इन्वेस्टमेंट प्रूफ की कॉपी अपनी कंपनी को देनी होगी. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपकी सैलरी कट सकती है.
2. सवाल- इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ में क्‍या-क्‍या दे सकते हैं ?
जवाब - इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ के तौर पर अपने लाइफ या हेल्थ पॉलिसी या फिर टैक्‍स सेविंग निवेश की रसीद देनी पड़ेगी. वहीं किराए के मकान में रहने वाले लोगों को घर के किराए की रसीद जमा करानी होती है. इसके अलावा होम लोन ले रखा है तो इससे जुड़े दस्‍तावेज भी कंपनी को देने होंगे.
3. सवाल- क्‍या ट्यूशन फीस भी दे सकते हैं ?
जवाब - इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ के तौर पर आप बच्‍चों की ट्यूशन फीस की रसीद भी दे जमा कर सकते हैं. लेकिन इसकी कुछ शर्तें भी हैं. पहली शर्त के मुताबिक सिर्फ भारत सरकार के साथ रजिस्‍टर्ड स्कूल, कॉलेज या अन्य शिक्षा संस्थान में दाखिले के समय या वित्त वर्ष में किसी भी समय भरी गई फीस टैक्स लाभ के लिए मान्य हैं. इसके अलावा यह छूट सिर्फ दो बच्चों की स्कूल फीस तक ही सीमित है. अगर माता-पिता दोनों ही जॉब में हैं, तो वे अलग-अलग तरीके से इस छूट का फायदा उठा सकते हैं. कई बार अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा भी कई प्रकार के शुल्क जमा कराने होते हैं. बता दें कि आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है.
4. सवाल - स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन क्‍या होता है?
जवाब- स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी सालाना कमाई का वो हिस्सा है, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. इस छूट का फायदा उठाने के लिए आपसे आयकर विभाग किसी भी तरह का डॉक्‍युमेंट भी नहीं मांगता है. आसान भाषा में समझें तो आपको स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के तहत मिलने वाली 40 हजार रुपये तक की छूट का कोई इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी.
5. सवाल- कैसे तय होगा स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन ?
जवाब- स्टैंडर्ड डिडक्शन वो एक एकमुश्त रकम है जिसे सैलरी से हुई आपकी कुल कमाई में से घटा दिया जाता है और उसके बाद टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन की जाती है. उदाहरण के लिए आपकी सालाना कमाई 5 लाख रुपये है तो आप इस रकम में से 40,000 रुपये तक (5 लाख -40 हजार = 4,60,000 ) कम कर लें. यानि आपकी 4 लाख 60 हजार रुपये की सालान इनकम टैक्‍सेबल है. आपको कितना स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन मिलेगा, ये इस पर न‍िर्भर करेगा कि आप टैक्स स्लैब के किस दायरे में आते हैं.
इस कैल्‍कुलेशन से समझें
सालाना इनकम - 5 लाख रुपये
स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन - 40,000 रुपये
टैक्‍सेबल इनकम - 4,60,000 रुपये (5 लाख -40 हजार)
टैक्‍स छूट - 2,50,000 रुपये तक
4,60,000-2,50,000 = 2 लाख 10 हजार रुपये
टैक्‍स स्‍लैब- 5 फीसदी
6. सवाल- स्टैंडर्ड डिडक्शन का किसको कितना फायदा ?
जवाब- आम बजट 2018 में 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया था. स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन लागू होने से पहले मेडिकल अलाउंस के तौर पर 15 हजार और ट्रांसपोर्ट अलाउंस के नाते 19200 रुपये मिलते थे. ये दोनों मिलाकर 34,200 रुपये होते थे. अब इसे स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन की 40 हजार रुपये से कम कर दें तो आपको सिर्फ 5800 रुपये का फायदा मिलता है. आसान भाषा में समझें तो आप अगर 5 फीसदी के टैक्स स्‍लैब में आते हैं तो आपका टैक्स सिर्फ 290 रुपये बचता है. वहीं अगर 10 फीसदी टैक्स भर रहे हैं तो आपके 1160 रुपये बचेंगे जबकि 30 फीसदी का टैक्स दे रहे हैं तो 1740 रुपये बचा सकेंगे. बता दें कि इसका फायदा नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों को सबसे ज्‍यादा मिलता है.
Source - Aaj Tak

अंतरिक्ष से ऐसा दिख रहा है कुंभ मेला, ISRO ने जारी की फोटो

अंतरिक्ष से ऐसा दिख रहा है कुंभ मेला, ISRO ने जारी की फोटो

दुनिया के सबसे बड़ा धार्मिक समागम कुंभ मेले की छटा तो सिर्फ प्रयागराज जाकर देखी जा सकती है, लेकिन अंतरिक्ष से यहां का माहौल कैसा है यह देखना और भी भव्य हो जाता है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने कुंभ की 2 तस्वीरें जारी की हैं जो कुंभ क्षेत्र और आस-पास के इलाके को दिखा रही हैं. 16 जनवरी को ली गईं इन तस्वीरों में संगम क्षेत्र और तट पर जमा लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी जरूर नजर आ रही है. यह तस्वीर रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट कार्टोसैट-2 से ली गई है.
इसरो ने अपने ट्विटर अकाउंट से फोटो शेयर करते हुए लिखा कि कुंभ मेला 2019 की 2 तस्वीरें रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट कार्टोसैट-2 से ली गई हैं जो कि कुंभ के आस-पास के क्षेत्र को दिखा रही हैं. इसरो पहले भी इस तरह के आयोजनों की तस्वीरें जारी करता रहा है, जहां बड़ी तादाद में लोग जमा होते हैं.
तस्वीरों में तीन नदियों के मिलन वाला त्रिवेणी संगम, नए यमुना ब्रिज, इलाहाबाद के किले को दिखाया गया है. साथ ही संगम तट पर जमा लाखों लोगों को भी डॉट के जरिए दिखाया गया है जो कुंभ के मौके पर संगम स्नान के लिए वहां जमा हुए हैं.
क्या है कार्टोसैट-2
कार्टोसैट-2 को पीएसएलवी के जरिए 12 जनवरी 2018 के लॉन्च किया गया था. यह दूसरा मौका है जब इस सैटेलाइट के जरिए कोई तस्वीर भेजी गई हो, इससे पहले इसरो ने कार्टोसैट-2 के ऑर्बिट में स्थापित होने के 4 दिन बाद ही अंतरिक्ष से इंदौर के होल्कर स्टेडियम की तस्वीर भेजी थी. सैटेलाइट में पैन क्रोमैटिक कैमरा लगा हुआ है जो कि धरती के ब्लैट एंड व्हाइट तस्वीरें लेने में सक्षम है. इस सैटेलाइट के जरिए रोड नेटवर्ट, आबादी का क्षेत्रफल, तटीय इलाके, जल क्षेत्र की जानकारी हासिल की जा सकती है.
Source - Aaj Tak

5-star premium lounge at Tirupati railway station to be inaugurated soon

5-star premium lounge at Tirupati railway station to be inaugurated soon

Tirupati station lounge

New Delhi: After New Delhi railway station, Indian Railways passengers are set to experience 5-star lunge at Tirupati station as well. Railway minister Piyush Goyal shared the pictures of the 5-star hotel like premium lounge 'ATITHI' on his official Twitter account. Passengers especially those visiting Balaji temple will be able to enjoy the premium lounge service soon.

सर्दियों में हीटर के सामने बैठना हो सकता है खतरनाक, रहें सावधान

सर्दियों में हीटर के सामने बैठना हो सकता है खतरनाक, रहें सावधान

सर्दी का कहर जारी है. सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए लोग अक्सर रूम हीटर का सहारा लेते हैं. सर्दियों में सर्द हवाओं के बीच हीटर के आगे बैठने का एहसास ही लोगों के मन को खुश कर देता है. हम से अधिकतर लोग तो हीटर जलाकर ही सोते हैं. अगर आप भी सर्दी से बचने के लिए अपने घरों में हीटर जलाते हैं तो ये खबर आपको निराश कर सकती है आइए जानते हैं क्यों...
रूम हीटर से सेहत को होते हैं ये नुकसान-
1. आप जब घर के अंदर हीटर जलाते हैं, तो इससे निकलने वाली हवा आपके आस-पास के पर्यावरण से मॉइस्चर को खत्म कर देती है. हवा ड्राई होने के कारण इससे स्किन में खिंचाव और एलर्जी होने का खतरा अधिक रहता है.
2. बच्चों की स्किन बहुत ज्यादा कोमल होती है. हीटर से निकलने वाली ड्राई एयर बच्चों की नाजुक स्किन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है. कई बार इससे बच्चों को जलने का खतरा भी रहता है.
3. सभी जानते हैं कि रूम हीटर हवा से मॉइस्चर को खत्म कर देता है, जिससे हवा ड्राई हो जाती है. इससे सांस संबंधी मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए जिन लोगों को अस्थमा या स्किन संबंधी कोई भी बीमारी हो, वे हीटर के इस्तेमाल से बचने की कोशिश करें.
4. हीटर के आगे बैठने के बाद रूम से बाहर निकलने पर शरीर के तापमान में तेजी से बदलाव होने लगते हैं. ये बदलाव व्यक्ति को कई बीमारियों का शिकार बना सकते हैं.
5. लंबे समय तक हीटर के सामने बैठे रहने से शरीर को जलने का भी खतरा रहता है. स्किन संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं.
Source - Aaj Tak

पहली बार चांद पर पौधे उगाने में मिली सफलता, चीन ने रोपा कपास

पहली बार चांद पर पौधे उगाने में मिली सफलता, चीन ने रोपा कपास

पहली बार चांद पर कोई पौधा उगाया गया है. चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि चैंगे-4 मिशन ने कपास का पौधा उगाने में सफलता हासिल की है. अंतरिक्ष रिसर्च के क्षेत्र में ये एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
चैंगे-4 पहला ऐसा मिशन है जो चंद्रमा के दूरस्थ स्थलों का जायजा लिया. वे जगहें जो धरती से काफी दूरी पर हैं. चैंगे-4 मिशन 3 जनवरी को चंद्रमा पर पहुंचा था. इसका उद्देश्य चंद्रमा की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन करना था. इससे पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पौधा उगाया गया था, लेकिन चंद्रमा पर नहीं. इस सफलता के बाद आने वाले दिनों में लंबे स्पेस मिशन के दौरान साइंटिस्ट पौधे उगाने की और कोशिशें करेंगे.
इसका मतलब ये हुआ है कि एस्ट्रोनॉट भविष्य में अंतरिक्ष में अपने लिए खाना उगाने में सक्षम हो सकते हैं. इससे सप्लाई के लिए जल्दी धरती पर वापस आने की जरूरत खत्म हो सकती है. चीन के मून लैंडर के जरिए कपास और आलू के बीज भेजे गए थे. पौधे सील किए हुए कंटेनर में उगाए गए हैं. पौधे उगाने में सफलता से ये भी संभावना बढ़ी है कि अंतरिक्ष में सेल्फ सस्टेनिंग एन्वायरमेंट बनाया जा सकता है.
चीन के लुनर मिनी बायोस्फेयर एक्सपेरिमेंट को इस तरह से डिजायन किया गया था जिससे फोटोसिंथेसिस और रेस्पिरेशन प्रोसेस को टेस्ट किया जा सके. इन प्रोसेस के जरिए ही इनर्जी का प्रोडक्शन होता है. ये पूरा एक्सपेरिमेंट 18 सेमी लंबे, 3 किलो के कंटेनर में हुआ. इसे चीन की 28 यूनिवर्सिटी ने मिलकर तैयार किया था.
कंटेनर के भीतर पानी, हवा की सप्लाई की व्यवस्था थी. हालांकि, साइंटिस्ट के लिए सबसे बड़ी मुश्किल टेंपरेचर को कंट्रोल में रखना था. क्योंकि चांद पर -173C से 100C के बीच तापमान में अंतर होता है.
Source - Aaj Tak

पहली बार किन्नर अखाड़ा ने किया शाही स्नान, देखें कुंभ की तस्वीरें

पहली बार किन्नर अखाड़ा ने किया शाही स्नान, देखें कुंभ की तस्वीरें

दुनिया का सबसे बड़ा आस्था का मेला कल शाही स्थान के साथ शुरू हो गया है. पहाड़ की ऊंची चोटियों और गुफाओं में तपस्या करने वाले संन्यासी इन दिनों प्रयागराज में धुनी रमाए हुए हैं. इस बार कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़े ने भी शिरकत की.
किसी ने रुद्राक्ष का मुकुट पहन रखा है तो कोई वर्षों से एक पैर पर खड़ा है तो कोई कड़ाके की ठंड में सिर्फ भस्म लगाए तपस्या में लीन है.
जटाओं पर अनगिनत रुद्राक्ष धारण किए इस बाबा को जो भी देखता है, एक टक देखता रहा जाता है. पूरे शरीर में भभूत लपेटे. बाबा कई किलो वजनी रुद्राक्ष से अपना श्रृंगार किए हुए हैं. लेकिन, भक्ति ऐसी कि वजन का जरा भी एहसास नहीं होता.
रुद्राक्ष बाबा जैसे हजारों संन्यासियों का जमघट संगम की चमकती रेती पर दिखा. कुंभ के रंग अनेक हैं और यहां साधु-संतों के भी विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं.
साधुओं की अजब-गजब भेषभूषा भी लोगों को रोमांचित कर रही है. इस कड़ाके की ठंड में नंगे बदन साधुओं को विदेशी मेहमान हैरत भरी नजरों से देख रहे हैं.
कुंभ मेले में सबसे खास आकर्षण नागा बाबा होते हैं. नागा बाबा कठिन साधना में लीन रहते हैं. कहा जाता है कि नागा बाबा दिन में सिर्फ एक बार ही भोजन ग्रहण करते हैं.
आस्था के इस कुंभ में साधुओं की माया भी दिख रही है. करोड़ों लोग अपनी आस्था के हिसाब से डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं और पुण्य बटोरने की कोशिश कर रहे हैं. कुंभ तक लोग अजब-गजब साधु लोक का विचरण करेंगे.
इस साधु का भी रंग देखिए, भभूत में लिपटे साधु भावभक्ति में लीन नजर आ रहे हैं. गले में बड़ी सी रुद्राक्ष माला सुशोभित हो रही है.
साधु-संतों के चेहरे पर कुंभ की दिव्यता का प्रभाव साफ नजर आ रहा है. साधु-संत प्रयागराज में लोगों को आध्यात्मिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं.
संगम की रेती पर श्रद्धा और आस्था के सागर में गोते लगाते हुए नागा साधु भी नजर आए. पूरे शरीर पर भस्म का श्रृंगार किए नागा साधु सिर्फ कुंभ में ही दर्शन देते हैं. उसके बाद ये हिमाचल की गुफाओं में चले जाते हैं- कड़ी तपस्या के लिए.
बदलते वक्त के साथ कुंभ में पहुंचे साधुओं पर तकनीक का रंग दिख रहा है. मोबाइल और लैपटॉप से लैस साधु कुंभ के हर रंग से पूरी दुनिया को रु-ब-रु करवा रहे हैं. 
मकर संक्रांति से कुंभ का पहला शाही स्नान शुरू हुआ है. 14 अखाड़े कुंभ के शाही स्नान में भाग लेने के लिए उत्सुक दिखाई दिए.
कुंभ मेले में इस बार 12 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है. कुंभ में इस बार कई खास इंतजाम किए गए हैं.
Source - Aaj Tak 

खाना-पीना छोड़ 30 सालों से केवल चाय पर कैसे जिंदा है ये औरत?

खाना-पीना छोड़ 30 सालों से केवल चाय पर कैसे जिंदा है ये औरत?



छत्तीसगढ़ में एक जिला है- कोरिया. यहां बरदिया नाम का एक गांव है. इस गांव में एक औरत रहती है, नाम है पिल्ली देवी. 44 साल की हैं. एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिल्ली देवी ने पिछले 30 सालों से खाना नहीं खाया है. वो केवल चाय पीती हैं. वो भी एक कप चाय. और इसी एक कप चाय पर वो जिंदा हैं. पिल्ली जब 11 साल की थीं, तब से ही उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था.
विश्वास नहीं हुआ? हमें भी नहीं हुआ था, लेकिन दावा तो यही किया जा रहा है कि पिल्ली देवी ने पिछले 30 सालों से खाना नहीं खाया है. हमारे रिपोर्टर ने खुद पिल्ली देवी से इस बारे में बात की. पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. जवाब में पिल्ली देवी ने कहा,
'मुझे भूख नहीं लगती. मुझे खाने का मन ही नहीं करता. मुझे केवल चाय पीने का मन करता है. अपने आप ही मन करता है. और कुछ नहीं पता मुझे, केवल इतना ही पता है कि मुझे भूख नहीं लगती, प्यास नहीं लगती. मैं शाम को चाय पीती हूं, सूरज डूबने के बाद. एक बार. डॉक्टर्स खाना खाने के लिए कहते हैं, लेकिन मुझे खुद भूख-प्यास नहीं लगती.'
बरदिया गांव के लोग पिल्ली देवी को 'चाय वाली चाची' बुलाते हैं. पिल्ली देवी के पिता का नाम है- रति राम. उनका कहना है कि जब पिल्ली 6वीं में थीं, तब से ही उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया. रति ने कहा, 'पिल्ली जब 6वीं में थी, तब वो डिस्ट्रिक्ट लेवल टूर्नामेंट में पार्टिसिपेट करने गई थी. वहां से जब वापस आई तब अचानक ही उसने खाना खाना छोड़ दिया और पानी पीना भी.'
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिल्ली देवी शुरू में दूध पीती थी. उसके साथ बिस्किट और ब्रेड भी लेती थी, लेकिन धीरे से पिल्ली देवी ने ये सब खाना भी छोड़ दिया और चाय पर शिफ्ट हो गईं. एक और बात, पिल्ली देवी लाल चाय पीती हैं. यानी बिना दूध वाली चाय. सूरज ढलने के बाद, वो भी एक कप.
पिल्ली देवी के भाई बिहारी लाल ने बताया कि, उन लोगों ने पिल्ली की परेशानी के बारे में कई सारे डॉक्टर्स से बात की, लेकिन कोई भी उन्हें कुछ बता नहीं सका. पिल्ली के परिवार के मुताबिक, ये जानने के लिए कि उनको कौन सी बीमारी है, उन्हें कई सारे डॉक्टर्स के पास ले जाया गया, लेकिन कोई भी ये नहीं बता सका कि आखिर पिल्ली को हुआ क्या है. पिल्ली का परिवार कहता है कि, वो घर से कभी-कभार ही बाहर निकलती है. सारा दिन भगवान शिव की पूजा करती है.
कोरिया जिला अस्पताल में डॉक्टर एस.के गुप्ता हैं. उनका कहना है कि किसी भी इंसान के लिए केवल चाय पर जिंदा रहना नामुमकिन है. वो कहते हैं, 'ये बात काफी सरप्राइजिंग है. वैज्ञानिक तौर पर अगर, बात की जाए, तो एक इंसान 33 साल तक केवल चाय पीकर जिंदा नहीं रह सकता. ये अलग बात है कि लोग बिना खाना-पीना के, नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक, केवल चाय पर सर्वाइव कर जाते हैं. लेकिन 33 सालों तक ऐसा करना, मुमकिन नहीं है.'
Source - Odd Nari

खुलेंगे 25 वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर, जल्द शुरू होंगे एडमिशन

खुलेंगे 25 वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर, जल्द शुरू होंगे एडमिशन

दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वर्ल्ड क्लास सेंटर खोलने जा रही है, जिनमें स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. इनमें से 6 स्किल केंद्र में मार्च से ही एडमिशन प्रोसेस शुरू हो जाएगी, जबकि कई केंद्र अगस्त में खुलेंगे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि विश्व स्तर के दिल्ली के छह नए कौशल केंद्र के विभिन्न पाठ्यक्रमों में मार्च से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो रही है.
सिसोदिया ने कहा कि इस तरह के कुल 25 कौशल केंद्र की स्थापना दिल्ली में किया जाएगा, जिनमें से 19 की शुरुआत अगस्त में हो जाएगी. इस दौरान सिसोदिया ने यह भी बताया, 'विश्व स्तर के 6 नए कौशल केंद्र (डब्ल्यूसीएससी) के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो रही है. इसमें विभिन्न पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए कुल 720 सीटे हैं.
बता दें कि दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही इसकी औपचारिक शुरुआत हो जाएगी. मंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार भी कौशल की बात कर रही है लेकिन उन्होंने एक विज्ञापन में सचिन तेंदुलकर को एक प्लंबर के साथ खड़े करने के अलावा क्या किया. प्लंबिंग भी कौशल का काम है लेकिन उसके साथ-साथ आतिथ्य, बैकिंग में भी कौशल के लिए मौके हैं. युवाओं में कौशल का मतलब है कि वह एक पेशेवर समझ के साथ अपने पैरों पर खड़े हों.'
Source - Aaj Tak

आप भी करते हैं paytm? जल्द बंद होगे कई मोबाइल वॉलेट अकाउंट

आप भी करते हैं paytm? जल्द बंद होगे कई मोबाइल वॉलेट अकाउंट

अगर आप मोबाइल वॉलेट यूज करते हैं तो आपके के लिए बुरी खबर है. आरबीआई की सख्ती की वजह से देश में अधिकतर मोबाइल वॉलेट्स मार्च 2019 तक बंद हो सकते हैं. अगर मोबाइल वॉलेट बंद हुए थे तो लोगों को फिर से कैश के भरोसे रहना पड़ेगा.
दरअसल आज के दौर में लोग अक्सर पेटीएम समेत तमाम मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं. लोग मोबाइल वॉलेट की वजह से कैश साथ में रखना बंद कर दिया है. शॉपिंग हो या पेट्रोल भराना, या फिर सब्जी खरीदने तक में ग्राहक PayTm जैसे वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जानकारों ने मार्च 2019 तक सभी मोबाइल वॉलेट्स के बंद होने की आशंका जताई है.
बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मोबाइल वॉलेट का संचालन करने वाली कंपनियों को अपने ग्राहकों का वेरिफिकेशन करने के लिए फरवरी 2019 तक का समय दिया है. लेकिन इस डेडलाइन तक अधिकांश कंपनियां इस पूरा नहीं कर पाएंगी. ऐसे में इन कंपनियों के पास अपने वॉलेट बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा.
आरबीआई ने मोबाइल वॉलेट्स को अक्टूबर 2017 में निर्देश दिया था कि वे 'नो योर कस्टमर' गाइडलाइंस के तहत ग्राहकों की पूरी जानकारी जुटाएं. इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों की मानें तो वॉलेट बैंक कंपनियां अब तक अपने टोटल यूजर बेस के मामूली हिस्से की जानकारी ही जुटा सकी हैं और अभी उन्होंने अधिकतर यूजर्स का बॉयोमैट्रिक या फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं किया है.
आरबीआई के आदेश के बाद सभी कंपनियां आधार बेस्ट ई-केवाईसी के जरिए जानकारी जुटा रही थीं. लेकिन 2018 में सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बाद अब आधार की ई-केवाईसी पर रोक लग गई हैं. जिस वजह से अब कंपनियों को ग्राहकों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने में परेशानी हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोबाइल वॉलेट कंपनियां अभी तक केवल 10 फीसदी ग्राहकों का डाटा ही जुटा पाई हैं.
गौरतलब है कि केवाईसी के लिए वर्षों से वीडियो के जरिए वेरिफिकेशन या एक्सएमएल आधारित केवाईसी जैसे दूसरे तरीकों पर चर्चा होती रही हैं, लेकिन किसी को भी आरबीआई की हरी झंडी नहीं मिली है.
मालूम हो कि मोबाइल वॉलेट्स इंडस्ट्री में पिछले चार साल से तेजी आई है. नोटबंदी के बाद से लोग अक्सर पेटीएम और दूसरे मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. खासकर मोबीक्विक, फोनपे और एमेजॉन पे जैसी अधिकतर पीपीआई लाइसेंस धारक या तो यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस बिजनेस पर जोर लगा रही हैं या वे फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी से जुड़े दूसरे कामकाज करने लगी हैं.
Source - Aaj Tak








Uber Partner Reveals First Full-Scale Design of Upcoming Air Taxi Vehicle at CES 2019

Uber Partner Reveals First Full-Scale Design of Upcoming Air Taxi Vehicle at CES 2019

Last year, Uber revealed its plans to expand its ride-hailing business to the skies. While the idea may still take some more time to take off, a Texas-based company Bell has revealed a full-scale model of Uber's upcoming air taxi. The hybrid-electric air taxi vehicle can take off and even land vertically. The company had revealed the interiors of the vehicle during last year's Consumer Electronics Show. Bell already makes aircraft for military and commercial usage.



The Bell Nexus hybrid-electric air taxi vehicle consists of six fans and a hybrid propulsion system to cover a large area. The vehicle can be seen as a larger, much more advanced version of regular consumer drones. It's worth mentioning here that the design revealed by Bell at CES 2019 isn't a working model.



Uber intends to launch its Uber Air service in another four years. The service will also expand to international markets, but there's no clear timeline on when that will happen. Uber is working with a bunch of companies to build its futuristic air taxi service.



This is not the first time we've seen prototypes of Uber's air taxi vehicles. In May last year, Uber had revealed one of its air taxi prototypes while claiming to begin commercial operations in 2023.





In an official statement, the president and CEO of Bell, Mitch Snyder said, "As space at the ground level becomes limited, we must solve transportation challenges in the vertical dimension - and that's where Bell's on-demand mobility vision takes hold."



In August last year, Uber had revealed that India is one of the five shortlisted countries for its flying taxi business. Out of these five countries, one will host the first Uber Air City outside the US. Uber also claimed it can help cut travel time in Mumbai by around 90 percent with its flying taxi.



Source - NDTV

SBI Tax Savings Scheme: Interest Rate, Tenure And Other Details

SBI Tax Savings Scheme: Interest Rate, Tenure And Other Details

State Bank of India (SBI) offers a type of fixed deposit or term deposit scheme called the SBI Tax Savings Scheme, 2006. Resident Indians as an individual or in the capacity of the Karta of the Hindu Undivided Family, are eligible to avail the benefits of this scheme, said the country's largest bank on its website, sbi.co.in. One also needs to have income tax Permanent Account Number (PAN), said the bank. SBI's Tax Savings Scheme offers tax benefits of up to Rs. 1.5 lakh under Section 80C of Income Tax Act.
Here are 5 things you need to know about SBI's Tax Savings Scheme, 2006:
1. Amount: Customers need to deposit a minimum of Rs. 1,000 or in multiples thereof whereas the maximum deposit should not exceed Rs. 1,50,000 in a year.
2. Tenure: The minimum tenure for SBI Tax Savings Scheme, 2006, is five years which can go up to a maximum of 10 years, according to SBI.

3. Rate of Interest: The rate of interest for the savings scheme is similar to that on term deposits. The interest rates for retail domestic term deposits below Rs. 1 crore is 6.85 per cent for general public and 7.35 per cent for senior citizens in maturity period of 5 years and up to 10 years.
4. Premature withdrawal: Customers cannot withdraw the term deposit before the expiry of five years from the date of its receipt, said SBI.
5. Other facilities: A nomination facility is also available with SBI's Tax Savings Scheme. However, customers investing in the scheme cannot use the term deposit account to secure loan or as security to any other asset.
Source - NDTV

जानिए, मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने का क्या है महत्व?

जानिए, मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने का क्या है महत्व?

हिंदू धर्म में मकर संक्राति का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने को संक्राति कहते हैं. यह त्योहार जनवरी महीने के चौदहवें दिन मनाया जाता है. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति होती है. इस तरह वर्ष में कुल मिलाकर 12 संक्रांति होती हैं, क्योंकि सूर्य हर महीने में राशि परिवर्तन करता है. लेकिन इनमें से चार संक्रांति महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति शामिल हैं.
मकर संक्रांति पर क्यों खाई जाती है खिचड़ी?
मकर संक्रांति के दिन अलग-अलग पकवानों के साथ खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. दरअसल, चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और उरद की दाल को शनि का. हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं. मान्यता है कि खिचड़ी की गर्मी मंगल और सूर्य से जुड़ी है. इसलिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से राशि में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है. कहा जाता है कि इस दिन नए अन्न की खिचड़ी खाने से पूरे साल आरोग्य मिलता है.
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की ऐसी भी मान्यता है कि खिलजी के आक्रमण के दौरान बाबा गोरखनाथ के योगी खाना नहीं बना पाते थे और भूखे रहने की वजह से हर ढलते दिन के साथ कमजोर हो रहे थे. योगियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए बाबा ने अपने योगियों को चावल, दाल और सब्जियों को मिलाकर पकाने की सलाह दी. यह भोजन कम समय में तैयार हो जाता था और इससे योगियों को ऊर्जा भी मिलती थी. बाबा गोरखनाथ ने इस दाल, चावल और सब्जी से बने भोजन को खिचड़ी का नाम दिया. यही कारण है कि आज भी मकर संक्रांति के पर्व पर गोरखपुर में स्थित बाबा गोरखनाथ के मंदिर के पास खिचड़ी का मेला लगता है. इस दौरान बाबा को खासतौर पर खिचड़ी को भोग लगाया जाता है.
Source - Aaj Tak

भारत में खुलेगा ईरान का पहला बैंक, केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी

भारत में खुलेगा ईरान का पहला बैंक, केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी

भारत सरकार ने ईरान के एक बैंक को मुंबई में अपनी शाखा स्थापित करने की स्वीकृति दी है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत यात्रा पर आए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ मुलाकात के बाद यह जानकारी दी. ईरान का बैंक पसरगाद अगले तीन महीने में यह शाखा चालू करेगा. गडकरी ने बताया कि सरकार इसकी अनुमति पहले ही दे चुकी है. ईरानी बैंक तीन माह में मुंबई में शाखा चालू कर देगा.
इससे पहले गड़करी ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. गडकरी के पास जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग जैसे विभागों की जिम्मेदारी है. बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘हमने विस्तार से बाचतीत की है. हमारी यह बैठक बड़ी सार्थक रही और हमने बहुत से मुद्दों का समाधान कर लिया है. ’ भारत ने इस बंदरगाह के लिए 8.5 करोड़ डॉलर की मशीनों की खरीद का आर्डर जारी कर रखा है. यह बंदरगाह दक्षिणी ईरान में ओमान की खाड़ी के तट पर है.
गडकरी ने कहा, ‘‘ईरान के मंत्री के साथ हमारी अच्छी बातचीत हुई. चाबहार पर माल आना शुरू हो गया है और पहला जहाज ब्राजील से माल लेकर आया. वहां परिचालन के लिए वित्त का प्रबंध पूरा किया जा चुका है. कुछ दिक्कतें थीं पर हमने इन मुद्दों का समाधान कर लिया है.’’ उन्होंने कहा कि भारत और ईरान के बीच वस्तु व्यापार व्यवस्था अपनाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है.
गडकरी ने यह भी बताया कि ईरान के विदेश मंत्री ने कई प्रस्ताव सुझाए हैं. उन्होंने कहा , ‘‘ ईरान को इस्पात, रेल और रेल इंजनों आदि की जरूरत है. ’’ भारत इन सामानों की आपूर्ति कर सकता है.
Source - Aaj Tak

Why Are Millennials Scared Of Marriage? We Asked A Few Of Them & Here’s What They Said

Why Are Millennials Scared Of Marriage? We Asked A Few Of Them & Here’s What They Said

A millennial is an amalgamation of a lot of things. They are independent, confident and as we may call them, the boomer generation.

They have the potential to achieve whatever they aspire because they believe in themselves. However, dig a little deeper and you'll observe another common ground they share and it is nothing but the fear of getting married.
So we asked the reason behind their fear and we must say, the answers were surprising.
1. “I think I understand love because I’ve given myself plenty of chances. And I don’t think getting married really makes a difference. Love is more important.”
2. “I feel that I'll leave so many things behind if I get married. There is so much I have planned for myself. The idea of marriage only pulls me own.”
3. “A lot of my friends are against the concept of marriage and we keep discussing its repercussions. It leaves us with nothing but fear.”
4. “It's kind of alien to me. Being with one person for the rest of your life? What if he or she is not the one?”
Source - India Times

Post Office National Pension System: Income Tax Benefits, Transaction Charges, Other Details

Post Office National Pension System: Income Tax Benefits, Transaction Charges, Other Details

India Post or Department of posts, which runs the postal network of the country, also offers the facility of opening accounts under National Pension System (NPS). NPS or National Pension System is defined as a contribution pension system that provides social security to all citizens of the country. It is administered and regulated by Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA). Under this system, contributions from subscribers along with matching contributions from respective governments as an employer, are collected and accumulated in an individual pension account, which is identified by Permanent Retirement Account Number (PRAN).

Given below are salient features of Post office National Pension System (NPS):
Services offered
India Post allows subscribers to open new NPS (all citizens model) account and make subsequent contributions. All types of service requests and exit / claim withdrawal requests are also offered, stated India Post its official website-indiapost.gov.in.
Eligibility
All citizens who do not come under any NPS sector and are aged between 18 and 64 years of age can open an NPS account with post office, it noted.
Types of accounts
There are two types of accounts that are opened under NPS: Tier I and Tier II. Tier I is a pension account and is mandatory. Tier II is a savings account and is optional.
Finance cap on NPS accounts
Minimum Initial Contribution with registrationRs. 500 (excluding taxes)
Minimum Subsequent ContributionRs. 500 (excluding taxes)
Maximum ContributionsNo limit
Minimum Contributions in a Financial YearRs.1,000 in Tier I
Minimum transactions in a Financial YearOne
Transaction charges
Registration ChargesRs. 200 (excluding taxes).
0.25 % of the Contribution amount subject to minimum of Rs.20 (excluding taxes) and maximum of Rs.25,000 (excluding taxes)
All Service ChargesRs. 20 (excluding taxes)
Payment modeCash, Cheque, DD subject to realization
Income Tax benefits
There is an additional tax benefit up to Rs. 50,000 for investment in NPS (All Citizen Model), said India Post.
Source - NDTV












AAP offers support to actor Prakash Raj for elections

AAP offers support to actor Prakash Raj for elections

The Aam Aadmi Party on Friday extended support to actor Prakash Raj, who will contest the Lok Sabha election as an independent candidate.
The actor, who has been critical of Prime Minister Narendra Modi and his government, announced on Tuesday that he would contest the Lok Sabha election as an independent candidate, without naming the constituency.
"I welcome the decision of Prakash Raj and all good people are welcome in politics," AAP leader Manish Sisodia said in a meeting in Bangalore with the actor and the party's volunteers.
The party, in a tweet said it "offered open support to him".
The actor, in response, thanked the AAP and Sisodia "for the assuring support to my political journey".
The meeting was organised by the Bangalore unit of the party in presence Karnataka Convenor Prithvi Reddy.
Earlier, the actor had tweeted saying: "I will be contesting in the coming parliamentary elections as an independent candidate. Details of the constituency soon".
After his announcement, the Telangana Rashtra Samithi had also offered him support.
Source - OutlookIndia

लोकसभा चुनाव के लिए 8 लाख से ज्यादा ‘विजय प्रमुख’ नियुक्त करेगी AAP

लोकसभा चुनाव के लिए 8 लाख से ज्यादा ‘विजय प्रमुख’ नियुक्त करेगी AAP

नए साल की शुरुआत के साथ ही आम आदमी पार्टी ने कई राज्यों में 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि वो 15 फरवरी तक दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की सभी सीटों पर तमाम उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी.
आम आदमी पार्टी 2014 की तरह इस बार सभी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी फिलहाल दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोआ और चंडीगढ़ की 33 सीटों पर फोकस कर रही है. इनमें दिल्ली की 7, पंजाब की 13, हरियाणा की 10, गोआ में 2 और चंडीगढ़ की 1 सीट शामिल है.
पार्टी ने पंजाब में फिलहाल कुल 13 लोकसभा में से 5 पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि दिल्ली में कुल 7 में से 5 सीट पर पहले ही प्रभारी घोषित हो चुके जो संभावित उम्मीदवार भी हैं. बाकी राज्यों में संगठन को रिपोर्ट देनी होगी, जिस पर पार्टी नेतृत्व रिपोर्ट आने के बाद फैसला करेगा कि चुनाव उन राज्यों में लड़ा जाए या नहीं.
दिल्ली में संगठन के साथ चुनावी रणनीति पर केजरीवाल की बैठक
दिल्ली में आम आदमी पार्टी 10 जनवरी के बाद तीसरे फेज़ का अभियान शुरू करेगी. इसके तहत सातों लोकसभा क्षेत्र के संगठन के साथ बैठक में खुद अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार की रणनीति बनाएंगे. 10 जनवरी को दक्षिणी दिल्ली लोकसभा, 11 जनवरी नई दिल्ली लोकसभा, 12 जनवरी को पूर्वी दिल्ली व चांदनी चौक, 13 जनवरी को नॉर्थ ईस्ट व नॉर्थ वेस्ट और 15 को पश्चिमी दिल्ली की मीटिंग होगी. प्रत्येक मीटिंग में 800 लोग होंगे जिसमे बूथ स्तर के कार्यकर्ता शामिल होंगे.
हरियाणा और पंजाब में केजरीवाल करेंगे रैली
4 जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल हरियाणा के चरखी दादरी में रैली करेंगे. 5 जनवरी से लेकर 9 जनवरी तक केजरीवाल हरियाणा के 10 लोकसभा सीटों कें पदधिकारियों के साथ डोर टू डोर को लेकर बैठक करेंगे और 10 जनवरी से पूरे हरियाणा में पार्टी डोर टू डोर प्रचार लॉन्च कर देगी. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल 20 जनवरी को पंजाब के संगरूर, 29 जनवरी को आनंदपुर साहिब और 2 फरवरी को अमृतसर में रैली करेंगे.
दिल्ली और पंजाब में AAP के 'विजय प्रमुख'
आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में विजय प्रमुख नियुक्त करेगी. विजय प्रमुख का काम होगा अपने इलाके के केवल 10 घरों पर फोकस करना. विजय प्रमुख का काम होगा कि वोटिंग से एक हफ्ते पहले आम आदमी पार्टी की 'वोट पर्ची' उन 10 घरों में पहुंचाना और जिन 10 घरों की ज़िम्मेदारी दी गई उनसे लोगों को निकालकर वोट डलवाना. AAP दिल्ली में 3,62,500 और हरियाणा में 4,62,500 विजय प्रमुख नियुक्त करेगी.
Source - Aaj Tak

मिनी एयरपोर्ट जैसे बनेंगे नए बस टर्मिनल

मिनी एयरपोर्ट जैसे बनेंगे नए बस टर्मिनल

दिल्ली सरकार ने एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों की तरह बस टर्मिनलों को मॉडर्न लुक दिए जाने के प्लान को मंजूरी दे दी है। नेहरू प्लेस बस टर्मिनल को नए सिरे से तैयार किए जाने के लिए टेंडर हो गया है और नजफगढ़ तथा आजादपुर बस टर्मिनल का डिजाइन भी फाइनल हो गया है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने कहा कि बस टर्मिनलों को अभी तक नजरअंदाज किया जाता रहा है और यहां पर जरूरी सुविधाओं की भी कमी है। बसों का इंतजार लोगों के लिए मुश्किल भरा होता है लेकिन अब बस टर्मिनलों को एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों की तरह तैयार किया जाएगा।
आप सरकार की अडवाइजरी बॉडी डायलॉग ऐंड डिवेलपमेंट कमिशन (डीडीसीडी) के वाइस चेयरमैन जस्मिन शाह ने बताया कि नए बस टर्मिनल के लिए जो डिजाइन तैयार किया गया है, उसमें हर बस टर्मिनल में एसी वेटिंग रूम, लगेज के लिए लॉकर रूम, वॉटर एटीएम होगा। टॉयलेट ब्लॉक भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा मोहल्ला क्लिनिक भी होगा। डीटीसी की बसों में कॉमन मोबिलिटी कार्ड लागू हो गया है और बस टर्मिनल पर पास सेक्शन के साथ-साथ कॉमन मोबिलिटी कार्ड को भी रिचार्ज करवाया जा सकेगा। यहां पर साइकल स्टैंड भी होगा, जहां पर प्राइवेट साइकल पार्क की जा सकेगी। किराये पर भी मिल सकेंगी। ऑनलाइन बिल पेमेंट करने के लिए ई-क्यिोस्क भी लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए क्रेच और प्ले एरिया बनाने की तैयारी भी है।
बस टर्मिनलों के आसपास ऑटो, ग्रामीण सेवा, ई-रिक्शा इधर- उधर खड़ी रहती हैं, जिसके चलते ट्रैफिक जाम भी होता है लेकिन अब नए बस टर्मिनल में इन पब्लिक सर्विस वीकल के लिए अलग से स्पेस बनाया जाएगा और पिकअप और ड्राप ऑफ पॉइंट्स होंगे। बस टर्मिनल में बसों के आने-जाने की टाइमिंग को लेकर डिस्पले बोर्ड के जरिए बताया जाएगा। रेन शेल्टर होंगे ताकि बारिश में लोगों को बसों का इंतजार करने में कोई परेशानी न हों। बारिश के पानी के हार्वेस्टिंग टैंक बनाए जाएंगे।
Source - Nav Bharat

बैंकिंग से जुड़ी ये चीजें नए साल से बदल जाएंगी, जानें आप पर पड़ेगा कितना असर


अगले कुछ घंटों में नए साल की शुरुआत हो जाएगी. इसी के साथ आपकी जिंदगी से जुड़ी हुई बहुत सी चीजें पुरानी हो जाएंगी तो बहुत कुछ नया होने वाला है. आज हम आपको 5 ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं जो कल यानी 1 जनवरी 2019 से बदल जाएंगी.