सूरजकुंड मेला: श‍िवाजी के 400 क‍िलों का इत‍िहास अब होगा सबके सामने


दुन‍ियाभर में फेमस सूरजकुंड मेले में 20 देशों के कलाकारों की कलाकृतियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस बार मेले की राज्य थीम, महाराष्ट्र है. महाराष्ट्र के पर्यटन व‍िभाग ने इस मौके पर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. इस बार श‍िवाजी के रायगढ़ का किला, महाराष्ट्र थीम पर बना है. इस माध्यम से शिवाजी के 400 किलों का इतिहास दुनिया के सामने आएगा.

महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल के नेतृत्व में छत्रपत‍ि शिवाजी के 400 किलों का इतिहास लोगों के सामने लाया जाएगा. हर किले का संरक्षण किया जाएगा साथ ही यहां टूरिस्ट के लिए शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था साथ ही कई तरह की सुविधाएं मौजूद होंगी.

देश का मशहूर सूरजकूंड मेला एक बार फिर लोगों के लिए तैयार है. 1 फरवरी से शुरू हुआ मेला 17 फरवरी तक चलेगा. इस साल महाराष्ट्र को थीम राज्य बनाया गया है. सूरजकुंड देश ही नहीं, सार्क और दुनियाभर के कारीगरों को एक साथ लाता है. मेले में 1000 से ज्यादा कारीगरों यहां कला का प्रदर्शन करते हैं.

बता दें कि सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन पहली बार वर्ष 1987 में भारत हस्तशिल्प, हथकरघा, सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि एवं विविधता को एक मंच पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया गया था. इस मेले का आयोजन हरियाणा टूरिज्म और टेक्स्टाइल, पर्यटन, कल्चर एंड एक्सटर्नल अफेयर्स मंत्रालय मिलकर करते हैं. मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत के कल्चर और ट्रेडिशन को दिखाना होता है.

मेले के नोडल अधिकारी आशुतोष राठोड ने बताया कि 80 से एक लाख लोग रोज आ रहे हैं. मेले में इस बार 20 देशों ने भाग ल‍िया है. यहां की इंटरनेशनल मार्केट में टर्किश लैंप, सीरिया लेदर पर्स, नामीबिया पेपर आर्ट, उज्बेकिस्तान के ओलिव वुड आर्ट लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

Source - Aaj Tak