इन अहम बातों से राजस्थान 12 रन से पंजाब से हार गया



काश वो दो ओवर लगातार इतने खराब न जाते! काश आखिरी ओवर में अश्विन दो छक्के न जड़ते! काश स्टुअर्ट बिन्नी को और पहले बैटिंग पर भेजा जाता! निश्चित ही मंगलवार को राजस्थान रॉयल्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मोहाली के स्टेडियम में मैच खत्म होने के बाद कुछ ऐसा ही सोच रहेंगे, जो उनकी टीम सिर्फ 12 रन से हार गई. मिले 183 रनों का पीछा करते हुए राजस्थान को राहुल त्रिपाठी (50 रन, 45 गेंद, 4 चौके) और बाकी बल्लेबाजों ने छोटी-छोटी पारियों से अच्छा सहारा दिया.

लेकिन बल्लेबाजों की तुलनात्मक रूप से धीमी बल्लेबाजी और स्टुअर्ट बिन्नी को काफी नीचे भेजने के गलत फैसले से हालात उस मुकाम पर पहुंच गए, जहां राजस्थान को पंजाब को हराने के लिए 3 ओवरों में पहले 50 और फिर दो ओवरों में 37 रन बनाने थे. ऐसे में स्टुअर्ट बिन्नी ( नाबाद 33 रन, 11 गेंद, 2 चौके, 3 छक्के) ने अपनी तरफ से एक बेहतरीन कोशिश कर मैच में रोमांच फूंकने की कोशिश की, लेकिन इस प्रयास के बावजूद राजस्थान कोटे के 20 ओवरों में 7 विकेट पर 170 रन ही बना सकी. और पंजाब ने राजस्थान को 12 रन से हरा दिया. इसी के साथ ही किंग्स इलेवन पंजाब दस प्वाइंट्स के साथ केकेआर से आगे निकलकर चौथे नंबर पर पहुंच गई है. 

वैसे हार के लिए बड़ा अंतर और भी बातों ने पैदा किया. पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन ने धवल कुलकर्णी के फेंके आखिरी ओवर में दो लगातार छक्के और एक चौका जड़ा. इससे पंजाब इस 20वें ओवर में 18 रन बटोरे, तो वहीं 14वें ओवर में 19 और 20वें ओवर में 20 रन आना एक और बात रही, जिसने मैच में बड़ा अंतर पैदा किया. ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए अश्विन को मैन ऑफ द मैच चुना गया. 

अगर सामने लक्ष्य 183 का हो, तो वही करना चाहिए, जो बटलर और राहुल त्रिपाठी ने किया. जी हां राहुल त्रिपाठी ने. इस बार कप्तान रहाणे पारी शुरू करने नहीं उतरे. बस पहली ही ओवर सूखा-सूख गया! इसके बाद तो बटलर शुरू हो गए. और तीसरा ओवर लेकर आया 20 साल का बच्चा! आईपीएल में अपना पहला मैच खेल रहे लेफ्टी सीमर अर्शदीप. और बच्चा का स्वागत बटलर ने छक्का जड़कर किया. एक चौका और लगाते हुए 13 रन बटोर लिए. लेकिन इसी बच्चे ने अपने अगले और पांचवें ओवर में बटलर की जान ले ली! बटलर गए, तो कटाई करने का काम राहुल त्रिपाठी ने संभाल लिया. इसी ओवर में अर्शदीप को दो बार बाउंड्री के बार पहुंचा. कुल मिलाकर राजस्थान ने पावर-प्ले में तो अपना काम कर दिया. विकेट गया बटलर का. और रन बनाए 54. मतलब नौ रन प्रति ओवर. और अगर बटल आउट न हुए होते, तो यह आंकड़ा और बेहतर होता. 

इससे पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने राजस्थान के सामने जीत के लिए 183 रन का मजबूत टारगेट रखा. पंजाब को शुरुआत में आतिशी शुरुआत नहीं मिल सकी, लेकिन शुरुआत में धीमा खेलने वाले ओपनर केएल राहुल (52 रन, 47 गेंद, 3 चौके, 2 छक्के) और डेविड मिलर (40 रन, 27 गेंद, 2 चौके, 2 छक्के) ने पंजाब को एक बड़े स्कोर की ओर धकेल दिया.केएल राहुल के आउट होने के बाद अचानक से और गिरे विकेटों से पंजाब दिख रहे स्कोर से काफी पहले सिमटता दिखाई पड़ रहा था. लेकिन आखिरी ओवर में कप्तान रविचंद्रन अश्विन (17 रन, 4 गेंद, 1 चौका, 2 छक्कों) ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए पंजाब को 20 ओवरों में छह विकेट पर 182 रनों तक पहुंचा दिया. अश्विन ने पारी के आखिरी ओवर में एक चौके और दो छक्कों से 18 रन बटोरे, जो बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हुए. 

पंजाब की रणनीति जल्द ही साफ हो गई. रणनीति यह थी गेल एक छोर पर कटाई करेंगे, तो दूसरे छोर पर राहुल शांत रहेंगे. अगर दोनों बल्लेबाज फॉर्म में हों, तो यह रणनीति थोड़ी नकारात्मक हो सकती है. और हुआ भी ऐसा. अटैक करने का सारा भार गेल ने अपने कंधों पर ले लिया. जयदेव उनादकट के दूसरे ही ओवर में जड़ डाले लगातार दो छक्के. तीसरा और चौथा ओवर सूना-सूना गया. जरूरी लक्ष्य में गिरावट आई, तो पांचवें ओवर में गेल का गुस्सा धवल कुलकर्णी पर फूटा. फिर से एक चौका और छक्का. लेकिन पावर प्ले का आखिरी ओलवर लेकर आए जोफ्रा ऑर्चर ने गेल के आतिशी तेवरों को एक अच्छी गेंद से ठंडा कर दिया. कुल मिलाकर पंजाब की पावर-प्ले की रणनीति नाकाम हो गयी. रन बने सिर्फ 39 और गेल जैसे आतिशी बल्लेबाज का विकेट भी हाथ से चला गया. 

राजस्थान रॉयल्स ने टॉस जीतकर पंजाब के खिलाफ पहले गेंदबाजी चुनी. और हां दोनों टीमों ने पिछले मैच की तुलना में पंजाब ने दो और राजस्थान ने अपनी इलेवन में तीन बदलाव किए. हम इन बदलावों के बारे में बताएंगे, पहले पिच रिपोर्ट पढ़ लीजिए. 

पिच रिपोर्ट: मोहाली की इस पिच पर रनों का पीछा करना हमेशा से मुश्किल रहा है. ऐसे में राजस्थान के इस फैसले को बहुत ही साहसिक कहा जाएगा. पिच पर अच्छी घास. मतलब शुरुआत में सीम मिलेगी. बॉल स्किड भी हो सकता है. लेकिन घास के बीच ही बीच-बीच में सूखा क्षेत्र है. यह गेंद को होल्ड कर सकता है. मतलब गेंद रुक कर आ सकती है. और दूसरे सेशन में बैटिंग करने वाली टीम को इस बात से दिक्कत हो सकती है, लेकिन फायदा मिलेगा पड़ने वाली ओस का. इन तमाम बातों के बावजूद राजस्थान ने साहसी फैसला लिया. और अगर पंजाब की बैटिंग चल गई, तो फिर उसके लिए मुश्किल ही मुश्किल है. चलिए अब उन बदलावों के बारें जान लें, जो दोनों टीमों ने अपनी इलेवन में किए.. 

राजस्थान ने तीन बदलाव किए. एश्टन टर्नर आईपीएल में पदार्पण किया, जो रास नहीं आया. वह खाता भी नहीं खोल सके. टर्नर को स्टीव स्मिथ की जगह शामिल किया गया था. इसके अलावा स्टुअर्ट बिन्नी और ईश सोढ़ी भी अंतिम एकादश में शामिल किया गया. वहीं. पंजाब ने दो बदलाव किए हैं. सैम कुरेन की जगह डेविड मिलर और सरफराज खान की जगह अर्शदीप सिंह को अंतिम एकादश में शामिल किया.

Source - NDTV