अमरुद के फायदे और नुकसान Amrud Ke Fayde Aur Nuksaan in Hindi
आयुर्वेद के अनुसार अमरुद, गुणों का भण्डार लिए हुए है. इसके फल, पत्तियां, बीज, जड़ सभी बड़े काम के होते है. इससे कई रोगों का इलाज किया जा सकता है.
अमरुद के बारे में सामान्य जानकारी
इसका पेड़ प्राय: भारत के सभी राज्यों में उगाया जाता है। इसके पेड़ की ऊंचाई 10 से 20 फीट होती है। टहनियां पतली-पतली और कमजोर होती हैं। तने का पृष्ठ चिकना, भूरे रंग का, पतली सफेद छाल से आच्छादित रहता है। छाल के नीचे की लकड़ी चिकनी होती है। पत्ते हलके हरे रंग के, स्पर्श में खुरदरे, 3 से 4 इंच लंबे, आयताकार, सुगंधयुक्त, डंठल छोटे होते हैं।
अमरूद लाल और पीताभ सफेद रंग लिए हुए होते हैं। बीज वाले और बिना बीज वाले तथा अत्यंत मीठे और खट्टे-मीठे प्रकार के अमरूद आमतौर पर देखने को मिलते हैं। सफेद की अपेक्षा लाल रंग के अमरूद गुणकारी होते हैं। सफेद गूदे वाले अमरूद अधिक मीठे होते हैं। फल का भार आमतौर पर 30 से 450 ग्राम तक होता है।
अमरुद के के विभिन्न भाषाओं में नाम
संस्कृत-पेरूक, अमरूफल।
हिंदी-अमरूद, बिही।
मराठी-पेरू, जाम।
बंगाली –पियारा |
अंग्रेज़ी –कामन गुआवा (COMMON GUAVA) |
लेटिन सिडियम गुआजावा (PSIDIUM GUAJAVA)
अमरूद के औषधीय गुण Amrood Ke Gun
आयुर्वेद के अनुसार, अमरुद एक कसैला, स्वादिष्ट, भारी, शीतल, कफकारक, अम्लीय, वात-पित शामक, शुक्रजनक, तीक्ष्ण, तृष्णा, कृमि, मूर्च्छा, भ्रम, उन्माद, शोथ, विषम ज्वर नाशक फल है । पेट साफ कर कब्ज़ियत दूर करने में सर्वोत्तम है। भोजन के पश्चात् खाने से पाचन क्रिया सुधारता है और भोजन के पूर्व खाने से अतिसार में लाभकारी है। शीतकाल के फल अधिक बलकारी और तृप्तिदायक होते हैं।
यूनानी चिकित्सा के अनुसार, अमरूद में पहले दर्जे की ठंडी और दूसरे दर्जे की ऊष्ण प्रकृति होती है। यह रक्तदोष जन्य शरीर के चकत्ते, दूषित व्रण व मसूढ़ों की सूजन को दूर करने में सर्वोत्तम है।
वैज्ञानिक मतानुसार अमरूद की रासायनिक बनावट में पानी 89.9, कार्बोहाइड्रेट 14.9, प्रोटीन 1.5, वसा 1.2, खनिज-लवण 1.8 प्रतिशत पाए जाते हैं। इसके अलावा पर्याप्त विटामिन ‘सी’, कैल्शियम, फास्फोरस व आयरन भी पाया जाता है। अमरूद के पत्तों में राल, वसा, काष्टोज, टेनिन, उड़नशील तेल और खनिज लवण होते हैं।
अमरुद खाने के नुकसान Amrud Khane Ke Nuksaan in Hindi
जिन लोगो की प्रकृति शीत होती है या जिनका पाचन कमजोर है वे लोग अमरुद कम खाएं. ऐसे लोगों को यह सही तरीके से नहीं पचता और नुकसान करता है | आपने अक्सर देखा होगा कि बारिश के मौसम में अमरूद के छोटे – छोटे कीड़े पद जाते हैं, ये कीड़े यदि पेट में चले जाते है तो पेट दर्द, अफारा, हैजा जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। इसके बीज सख्त होते हैं और इस कारण से इनका पचना कठिन हो जाता है | जिन लोगो को इसके बीज नहीं पचते हैं उनको एपेन्डिसाइटिस रोग हो सकता है । अत: इनके बीजों के सेवन से बचना चाहिए।
अमरूद और इसके पत्तों के फायदे विभिन्न रोगों में Amrood Ke Fayde Aur Gharelu Nuskhe
अमरुद को कई रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. यह एक घरेलु उपचार है जिससे नुकसान नहीं है बल्कि कुछ सावधानियां जरूर हैं.
1. शक्ति और वीर्य वृद्धि : अच्छी तरह पके नरम, मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें और फिर छानकर इनके बीज निकाल लें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर प्रात: नियमित रूप से 21 दिन सेवन करें। इसके सेवन से शरीर की शक्ति बढ़ती है और पुरुषों के वीर्य में वृधि होती है |
2. पेट दर्द का इलाज : पेट दर्द के मरीज को नमक के साथ पके अमरूद खाने से आराम मिलता है। इसे दिन में दो बार सेवन करना चाहिए. एक बार एक मध्यम आकार अमरुद ही खाएं.
3. कब्ज़ के इलाज में लाभ्कारी : नाश्ते में अमरूद का सेवन करें। सख्त कब्ज़ में सुबह-शाम अमरूद खाएं। अमरूद को काली मिर्च, काला नमक, अदरक के साथ खाने से अजीर्ण, गैस, अफारा की तकलीफ दूर होकर भूख बढ़ जाएगी।
4. बवासीर (पाइल्स ) का इलाज : सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद नियमित रूप से सेवन करें। ऐसा करने से बवासीर में फायदा होता है .
5. सूखी खांसी : गर्म रेत में अमरूद को भूनकर खाने से सूखी, कफ युक्त और कुकर खांसी में आराम मिलता है। यह प्रयोग दिन में तीन बार करें।
6. दांत दर्द : अमरूद के पत्तों को दांतों से चबाने से आराम मिलेगा। इसलिए यदि किसी को दांत दर्द है तो वह अमरुद के पत्तों को दिन तीन बार चबाएं. These are Benefits of guava leaves in hindi
7. सिर दर्द : आधे सिर के दर्द में कच्चे अमरूद को सुबह पीसकर लेप बनाएं और उसे मस्तक पर लगाएं।
8. जुकाम : रुके हुए जुकाम को दूर करने के लिए बीज निकला हुआ अमरूद खाएं और ऊपर से नाक बंद कर एक गिलास पानी पी लें। जब दो-तीन दिन के प्रयोग से स्राव बढ़ जाए, तो उसे रोकने के लिए 50-100 ग्राम गुड़ खा लें। बाद में पानी न पिएं।
9. मुंह के छाले : अमरूद के पते पर कत्था लगाकर पान की तरह इसे दिन में 3-4 बार चबाएं और यह प्रयोग 2-3 दिन करें।
10 मलेरिया : इसके ज्वर में अमरूद का सेवन लाभप्रद है। नियमित सेवन से तिजारा और चौथिया ज्वर में भी आराम मिलता है।
11. भांग का नशा : अमरूद के पत्तों का रस या केवल पके अमरूद खिलाने से भांग का नशा दूर हो जाता है।
12. पागलपन, उन्माद : सुबह खाली पेट पके अमरूद चबा-चबाकर खाने से मानसिक शरीर की गर्मी निकल जाती है।
Source - Ghar ka vaidya