नौकरी की तलाश में हर रोज लाखों परिवार दरबदर होते हैं. क्या आपको पता है कि नौकरी के लिए ये लोग किस शहर पर भरोसा करते हैं. कौन सा शहर सबसे ज्यादा प्रवासियों को मौके देता है. यूपी से दिल्ली आने वाले या बिहार के रहने वालों का नया पता कौन सा महानगर होता है. आइए जानें, सेंसस 2011 के हाल में आए आंकड़े पलायन की क्या कहानी बयां कर रहे हैं.
दिल्ली और मुंबई में रोज लाखों लोग नौकरी की तलाश में आते हैं. इस भीड़ की पहचान करना मुश्किल है, लेकिन जनगणना 2011 में इससे जुड़े कई पहलू सामने आए हैं. इकोनॉमिक्स टाइम्स ने हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार बड़े शहरों में जरूरी नहीं है कि उसके आसपास के राज्य के लोग ही ज्यादा आ रहे हैं, जैसे दिल्ली में सबसे ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आ रहे हैं, लेकिन मुंबई में भी यूपी के ही लोग सबसे ज्यादा हैं.
हाल-ए-दिल्ली: 61.8 लाख माइग्रेंट
आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली में कुल 61.8 लाख माइग्रेंट रहते हैं. इनमें सबसे ज्यादा 28 लाख लोग उत्तर प्रदेश से हैं. दूसरे नंबर दिल्ली में बिहारियों की संख्या है. दिल्ली में बिहार के 10.7 लाख लोग रहते हैं. तीसरे नंबर पर हरियाणा (6.2लाख), राजस्थान (3.1 लाख), उत्तराखंड (2.8लाख) पंजाब (2.4 लाख) वेस्ट बंगाल (1.7 लाख) मध्यप्रदेश (1.3लाख) हिमांचल प्रदेश (0.8लाख) झारखंड (0.7लाख) लोग दिल्ली में रह रहे हैं.
मुंबई: 46.4 लाख लोगों को जम गई
अगर मुंबई की बात करें तो यहां भी सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से लोग हैं. मुबई में 18.8 लाख लोग उत्तर प्रदेश से हैं. वहीं दूसरे नंबर पर यहां गुजरात राज्य के लोग रहते हैं, लेकिन बिहार यहां पांचवें नंबर पर आता है. मुंबई में तीसरे नंबर पर कर्नाटक के लोग रहते हैं इनकी संख्या 3.8 लाख लोग रहते हैं. यहां राजस्थान के (3.3 लाख), बिहार (2.8 लाख), वेस्ट बंगाल (1.9लाख) तमिलनाडु (1.7 लाख) आंध्र प्रदेश (1.5लाख) केरल (1.3 लाख) और मध्य प्रदेश के एक लाख लोग रहते हैं.
दिल्ली मुंबई सबसे आगे, फिर आते हैं ये शहर
सेंसस के अनुसार प्रवासियों को सबसे ज्यादा रोजगार और अपनाने में दिल्ली और मुंबई का नाम आगे आता है. इंटरस्टेट प्रवासियों को सबसे ज्यादा 19 लाख दिल्ली और 16 लाख लोगों ने मुंबई में पलायन किया है. वहीं बैंगलुरु छह लाख प्रवासियों को अपनाता है. इसमें चौथे नंबर पर कोलकाता (3 लाख) और चेन्नई (एक लाख) संख्या से पांचवें नंबर पर है.
अल्पसंख्यक कहां कर रहे पलायन
अगर अंतर्राज्यीय पलायन में दस प्रमुख शहरों की बात करें तो कुल प्रवासियों में सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक प्रवासी हैदराबाद में हैं. हैदराबाद में प्रवासी अल्पसंख्यकों की संख्या 33.5 फीसद है. वहीं दूसरे नंबर पर तिरुअनंतपुरम (30.7%) और तीसरे नंबर पर मुंबई (28.4%) है. इस कड़ी में चौथे नंबर पर लखनऊ है जहां (27.9%) अल्पसंख्यक पलायन करते हैं.
दिल्ली सातवें नंबर पर
अल्पसंख्यक प्रवासियों को अपनाने के मामले में दिल्ली को सातवें नंबर पर स्थान मिलता है. पांचवें नंबर पर कोलकाता (22.4%) के बाद बैंगलुरु (20.7%) छठे नंबर पर है. वहीं सातवें नंबर पर दिल्ली (19.7%) आता है. दिल्ली के बाद चेन्नई (18.4 %), अहमदाबाद (18.3%) और सबसे निचले पायदान पर बिहार है जहां 13.1 फीसद पलायन अल्पसंख्यकों का है.
Source - Aaj Tak