परीक्षा के समय बच्चे देर रात तक जागते हैं या सुबह जल्दी उठते हैं. नींद से बचने के लिए बच्चे इस समय चाय-कॉफी और जंक फूड अधिक खाते हैं, लेकिन ये उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है. परीक्षा का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ इस समय बच्चों की डायट पर भी ध्यान देना ज़रूरी है. अत: परीक्षा के समय बच्चों के लिए हेल्दी डायट चार्ट तैयार करें, ताकि वे स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहें.
सुबह का नाश्ता
कई बच्चे सुबह का नाश्ता नहीं करते, जिसके कारण उनमें ऊर्जा की कमी नज़र आती है. सुबह का नाश्ता बहुत ज़रूरी है, इसलिए बच्चों के सुबह के नाश्ते पर विशेष ध्यान दें.
कैसा हो सुबह का नाश्ता?
बच्चे के दिन की शुरुआत हेल्दी नाश्ते से करें. नाश्ते में आप बच्चे को दलिया, अंडा, उपमा, पोहा, ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स आदि दे सकते हैं. सुबह के नाश्ते के ये सभी विकल्प हेल्दी होने के साथ ही बच्चे को एनर्जेटिक बनाए रखेंगे.
मिड मील
नाश्ता व दोपहर के खाने के बीच बच्चों को भूख लगती है इसलिए ज़्यादातर बच्चे इस समय चिप्स, बिस्किट आदि खाते हैं, लेकिन ऐसा करना सही नहीं है.
कैसा हो मिड मील?
नाश्ता व दोपहर के खाने के बीच जब बच्चों को भूख लगे, तब उन्हें मौसमी फल खाने को दें. ये एनर्जी के साथ-साथ विटामिन्स और मिनरल्स भी प्रदान करते हैं, जिससे रोग-प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ती है.
दोपहर का खाना
दोपहर का खाना बच्चे को हमेशा टाइम पर दें यानी खाने का एक टाइम फिक्स कर दें. दोपहर का भोजन बच्चे को दो बजे तक ज़रूर दे दें.
कैसा हो दोपहर का खाना?
दोपहर के खाने में यानी लंच में बच्चे को दाल-चावल, सब्जी-रोटी, सलाद और दही दें. इस बात का ध्यान रखें कि खाना बहुत स्पाइसी यानी मसालेदार न हो. बच्चे को हल्का और हेल्दी खाना दें. और हां, बच्चे को खाने के तुरंत बाद पढ़ने को न कहें. खाना पचाने के लिए कम से कम 15-20 मिनट की वॉक जरूर करें, ताकि पेट संबंधी कोई तकलीफ जैसे बदहज़मी आदि न हो.
शाम का नाश्ता
सुबह के नाश्ते की तरह ही बच्चों के लिए शाम का नाश्ता भी बेहद ज़रूरी है. अतः बच्चे को शाम के समय क्या दें, इसकी प्लानिंग भी पहले ही कर लें.
कैसा हो शाम का नाश्ता?
दोपहर की पढ़ाई के बाद थकान दूर करने और तरोताज़ा महसूस करने के लिए गर्म दूध या कम पत्ती वाली चाय पीना बेहतरीन विकल्प है. दूध या चाय के साथ आप बच्चे को ब्राउन ब्रेड सेंडविच, बिस्किट्स आदि दे सकते हैं. बच्चे को शाम का नाश्ता देते समय इस बात का ध्यान रखें कि नाश्ता हेल्दी, हल्का और सीमित मात्रा में हो.
रात का खाना
रात का खाना भी हल्का और हेल्दी होना चाहिए, ताकि खाने के बाद बच्चे को पढ़ाई करने में आलस न आए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चा रात का खाना जल्दी खाए.
कैसा हो रात का खाना?
रात के खाने में रोटी, दाल, सब्ज़ी, सलाद, सूप, दलिया, खिचड़ी, ग्रिल्ड चिकन या फिश जैसे हेल्दी फूड खाए जा सकते हैं. खाना खाने के बाद बच्चे को कुछ देर टहलने को कहें, इससे खाना आसानी से पच जाएगा और बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा.
हेल्दी टिप्स
* बच्चे की पढ़ाई का टाइम टेबल इस तरह सेट करें कि उसे आठ घंटे की नींद मिल सके. नींद पूरी न होने पर बच्चे थकान और आलस महसूस करते हैं.
* बच्चे की डायट में कार्बोहाइड्रेट और वसा का होना भी ज़रूरी है. इनसे बच्चे को ऊर्जा और कैलोरी मिलती है, जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ज़रूरी है.
Source-Meri Saheli