एसी (एयर कंडीशनर) का सही ढंग से उपयोग न केवल ऊर्जा की बचत करता है, बल्कि यह आपकी सेहत और उपकरण की दीर्घकालिकता के लिए भी फायदेमंद है।
एसी के उचित उपयोग के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव हैं:
1. सही तापमान सेट करें
• एसी को 24 से 26 डिग्री सेन्टीग्रेड पर चलाना सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह तापमान शरीर के लिए आरामदायक होता है और ऊर्जा की खपत को भी कम करता है।
• बहुत कम तापमान (18-20°C) पर एसी चलाने से ऊर्जा की खपत में वृद्धि होती है और जब आप बाहर निकलते हैं तो आपको अचानक गर्म महसूस हो सकता है।और बाहर जाते ही ठंडा-गर्म लग सकता है। जो आपकों बीमार कर सकता है।
यह न केवल ऊर्जा की बचत करेगा, बल्कि एसी की कार्यक्षमता को भी बेहतर बनाएगा।
- कमरे को बंद रखें जब एसी चालू हो, ताकि ठंडी हवा बाहर न जाए और एसी को अधिक मेहनत न करनी पड़े। हर 15-20 दिन में एयर फिल्टर की सफाई करें और साल में कम से कम एक बार एसी की प्रोफेशनल से सर्विसिंग कराएं।
- धूप से बचाएं
यदि एयर कंडीशनर वाला कमरा अधिक धूप में है, तो खिड़कियों पर परदे या ब्लाइंड्स लगाना एक अच्छा उपाय है। इससे कमरे में धूप की मात्रा कम हो जाएगी, जिससे कमरा तेजी से ठंडा होगा। इसके अलावा, इससे एयर कंडीशनर पर भी दबाव कम होगा, जिससे उसकी कार्यक्षमता में सुधार होगा और ऊर्जा की खपत भी घटेगी।
5. टाइमर या स्मार्ट प्लग का उपयोग करें। रात में सोते समय टाइमर सेट करें ताकि एसी कुछ घंटों बाद अपने आप बंद हो जाए। स्मार्ट प्लग के माध्यम से आप मोबाइल से भी इसे नियंत्रित कर सकते हैं।
- कमरे के आकार के अनुसार एयर कंडीशनर (AC) की क्षमता का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। छोटे कमरों के लिए 1 टन क्षमता वाला AC उपयुक्त होता है, जबकि बड़े कमरों के लिए 1.5 या 2 टन क्षमता वाले AC का उपयोग करना चाहिए। यदि आप सही टन का चयन नहीं करते हैं, तो इससे AC पर अतिरिक्त लोड पड़ता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और बिजली की खपत भी बढ़ जाती है। इसलिए, कमरे के आकार के अनुसार सही AC की क्षमता का चयन करना आवश्यक है।
- इन्वर्टर AC पर विचार करें। इन्वर्टर एसी पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। यह न केवल ऊर्जा की खपत को कम करता है, बल्कि तापमान को भी स्थिर बनाए रखता है।
- इन्वर्टर एसी (Inverter AC) एक आधुनिक और ऊर्जा-संवेदनशील एयर कंडीशनर होता है जो पारंपरिक एयर कंडीशनरों की तुलना में ज़्यादा स्मार्ट तरीके से काम करता है। इसका मुख्य काम कमरे के तापमान को नियंत्रित करना है, लेकिन यह इसे एक विशेष तकनीक से करता है। आइए समझते हैं कि इन्वर्टर एसी कैसे काम करता है:
पारंपरिक (non-inverter) एसी में कंप्रेसर या तो पूरी स्पीड पर चलता है या पूरी तरह बंद हो जाता है।
लेकिन इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर की स्पीड तापमान के अनुसार बदलती रहती है। अगर कमरे में ज्यादा गर्मी है, तो कंप्रेसर तेज़ चलेगा। जैसे-जैसे कमरा ठंडा होता जाएगा, स्पीड धीरे-धीरे कम होती जाएगी। इन्वर्टर एसी तापमान को एक समान बनाए रखता है। इसमें बार-बार चालू और बंद नहीं करना पड़ता, जिससे बिजली की बचत होती है।
इसमें AC (Alternating Current) को DC (Direct Current) में बदला जाता है और फिर उसकी फ़्रिक्वेंसी बदलकर मोटर की स्पीड कंट्रोल की जाती है।
इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर बंद नहीं होता, इसलिए बिजली की बचत होती है। यह कम शोर करता है क्योंकि बार-बार ऑन-ऑफ नहीं होता। शुरू में तेज़ स्पीड से चलता है, जिससे जल्दी ठंडा करता है। इससे कमरे का तापमान स्थिर बना रहता है।