दांतों की उचित देखभाल न होने पर इनमें कैविटी की समस्या होने लगती है. हालांकि अधिकांश लोग इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, क्योंकि कैविटी धीरे-धीरे दांतों को अपना शिकार बनाती है और दांतों की सेहत ख़राब होने लगती है. आप समय रहते कैविटी से अपने दांतों की रक्षा कर सकें, इसके लिए ज़रूरी है कि आप कैविटी के इन 10 संकेतों से अवगत हो जाएं.
क्या है कैविटी?
कैविटी यानी दांतों में होने वाली सड़न. यह एक ऐसा छेद होता है जो धीरे-धीरे दांतों में विकसित होता है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं कराया गया तो यह बड़ा होता चला जाता है. हालांकि कैविटी के शुरुआती दौर में दांतों में दर्द नहीं होता, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ने लगता है वैसे-वैसे दांतों की तकली़फें भी बढ़ने लगती हैं.
क्या हैं कारण?
अगर नियमित तौर पर दांतों की सही तरी़के से सफाई न की जाए तो इससे बैक्टीरिया दांतों में पनपने लगते हैं. धीरे-धीरे यही बैक्टीरिया प्लाक के रूप में अपना घर बना लेते हैं. प्लाक एक चिपचिपी परत है जो बैक्टीरिया, लार, एसिड और भोजन के कण से बनता है. प्लाक के कारण ही दांतों में कैविटी विकसित होती है.
कैसे बनता है प्लाक ?
जब हम शुगर वाले फूड या पेय पदार्थों का सेवन करते हैं तोे मुंह में बैक्टीरिया शुगर को एसिड में बदल देता है और दांतों पर प्लाक बनना शुरू हो जाता है. प्लाक में मौजूद एसिड धीरे-धीरे दांतों के एनामेल को नष्ट कर देता है (एनामेल दांतों पर एक कठोर और सुरक्षात्मक कोटिंग है) और जैसे-जैसे यह कमज़ोर होता है वैसे-वैसे कैविटी का जोख़िम बढ़ता ही जाता है.
कैविटी के लक्षण
कैविटी स्वस्थ दांतों की सेहत को ख़राब कर देती है. हालांकि यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, लेकिन इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानकर आप इससे अपने दांतों का बचाव कर सकते हैं.
1-चाकमय धब्बे
दांतों पर चाकमय धब्बे नज़र आना कैविटी की ओर इशारा करता है. दरअसल, कैविटी दांतों से कैल्शियम और मिनरल्स जैसे तत्वों को नष्ट करने लगती है
जिससे दांतों पर चाकमय धब्बे दिखने लगते हैं.
2- भोजन का फंसना
दांतों के बीच भोजन का फंसना कैविटी का सबसे आम लक्षण है. कैविटी अक्सर दांतों की ऊपरी सतह या फिर किनारों पर छेद का निर्माण करती है जिससे दांतों के बीच अंतर बढ़ जाता है और कुछ भी खाने पर वह दांतों के बीच फंसने लगता है.
3- चबाने में तकलीफ़
जब कैविटी दांतों के पल्प यानी गुदा (दांतों के नीचले हिस्से की रक्त वाहिकाएं और नसें) को प्रभावित करता है, तब पीरियोडोंटल स्पेस (दांतों से लेकर दांतों की नसों तक फैले टीशू) में पस यानी मवाद बन जाता है. इससे प्रभावित दांतों से भोजन चबाने के दौरान दर्द का एहसास होता है.
4- अति संवेदनशीलता
जब दांतों में कैविटी होने लगती है तब दांत अति संवेदनशील होने लगते हैं. ठंडे खाद्य पदार्थों के प्रति दांतों में सेंसिटिविटी इस बात का संकेत है कि अभी आपके दांत जीवित हैं और समय पर इलाज कराकर आप इसे बचा सकते हैं.
5- दांतों में फ्रैक्चर
खाद्य पदार्थों को दांतों से चबाने पर सेंसिटिविटी महसूस होना कैविटी का लक्षण है, लेकिन जब कैविटी बढ़ने लगती है तो यह दांतों की परत पर मौजूद एनामेल को कम करने लगती है जिससे कुछ खाते व़क्त दांतों में फ्रैक्चर भी हो सकता है.
6- दांतों का पीलापन
सफेद दांतों का पीला पड़ना इस बात का संकेत है कि आपके दांतों को कैविटी ने अपना शिकार बना लिया है. असल में कैविटी जब पल्प में विकसित हो रही होती है तो दांतों को नुक़सान होता है और जब पल्प (गुदा) मृत हो जाते हैं तो दांत पीले पड़ने लगते हैं.
7- सांसों की बदबू
अगर भोजन करते समय खाना आपके दांतों में फंस जाए और फिर वह पूरी तरह से बाहर न निकल पाए, तो वह ख़राब सांस देने वाली बदबू छोड़ने लगता है. सांसों की बदबू भी इस बात का संकेत है कि आपके दांतों में कैविटी है.
8- गम ब्लिडिंग
अगर कैविटी दो दांतों के बीच है तो यह उसके आस-पास के गम टीशूज़ तक फैल जाती है और टीशूज़ को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे ब्रश करते समय आपके दांतों से ब्लिडिंग की समस्या हो सकती है.
9- दांतों के बीच नया गैप
अगर आपके एक दांत में कैविटी है तो यह उसके पास वाले दांत को भी प्रभावित कर सकती है. इतना ही नहीं यह कैविटी दांतों के बीच एक नए गैप के निर्माण का कारण भी बन सकती है, जिससे आपके दांतों की तकलीफ़ बढ़ सकती है.
10- मसूड़ों की सूजन
जब कैविटी दांतों के पल्प तक पहुंच कर टिशूज़ में विकसित होती है, तो इससे मसूड़ों में सूजन आ जाती है. मसूड़ों की सूजन को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और समय पर डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए.
Source - Meri Saheli