करियर के टॉप पर रहते इस फीमेल सिंगर ने छोड़ा था फिल्मों के लिए गाना


हिंदी सिनेमा की लीडिंग सिंगर में से एक रहीं अनुराधा पौडवाल 27 अक्टूबर 1952 को जन्मी थीं. वह संगीत की दुनिया का चर्चित चेहरा रही हैं. उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मी गीत और भजन गाए हैं. भक्ति संगीत में उनका कोई सानी नहीं है. होली, दीवाली, दुर्गा पूजा हो या छठ पूजा उनकी मधुर और सुकून भरी गायिकी ने हर किसी का दिल जीता है. लेकिन बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि उन्होंने अपने करियर के शिखर पर प्लेबैक सिंगिंग को अलविदा कह दिया था. उनके जन्मदिन पर जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्से.

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एक इंटरव्यू में उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा था, "फिल्म आशिकी और दिल है कि मानता नहीं से पहले ही मैंने प्लेबैक सिंगिंग छोड़ने का फैसला कर लिया था. लेकिन फिर मैंने सोचा कि जब मैं अपने करियर के शिखर पर होंगी तब फिल्मों में गाना छोड़ूंगी. करियर के मुकाम पर उसे छोड़ने की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर लोग आपको याद रखेंगे."

इसके बाद उन्होंने भजन गाने का फैसला लिया. लेकिन म्यूजिक इंडस्ट्री में कई लोगों ने उन्हें सलाह दी कि उनकी आवाज भजन के लिए नही हैं और भक्तिमय गानों का कोई भविष्य नहीं है. अनुराधा कहती हैं धीरे-धीरे चीजों में बदलाव आया. शुरुआत में मुझे भजन गाने में परेशानी होती थी.



अमिताभ-जया की फिल्म से सिंगिंग की शुरुआत

अनुराधा का बचपन मुंबई में बीता. जिस वजह से उनका रुझान शुरू से फिल्मों की तरफ रहा. उन्होंने अमिताभ और जया बच्चन की फिल्म 'अभिमान' से अपने सिंगिग करियर की शुरुआत की थी. जिसमें उन्होंने जया के लिए एक श्लोक गाया था. इसके बाद साल 1976 में फिल्म 'कालीचरण' में अनुराधा ने गाना गाया. लेकिन सोलो गाने की शुरुआत उन्होंने फिल्म 'आप बीती' से की. इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया था. उन्होंने किशोर कुमार के साथ करीब 300 स्टेज शो किए हैं. वह उन्हें अपने पिता के समान मानती हैं. वह किशोर कुमार को अपना आदर्श भी मानती हैं.

अनुराधा ने अपनी मधुर आवाज में बॉलीवुड को कई हिट गाने दिए. उन्होंने धक-धक करने लगा, तू मेरा हीरो, हम तेरे बिन, मैया यशोदा, जिस दिन तेरी मेरी बात, चाहा है तुझको, एक मुलाकात जरूरी है सनम और दो लफ्जों में जैसे पॉपुलर गानों से लोगों का दिल जीता.

संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा उन्हें मदर टेरेसा लाइफटाइम अवॉर्ड, मोहम्मद रफी अवॉर्ड, लता मंगेशकर अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है. उन्हें 4 बार फिल्मफेयर और 1 बार नेशनल पुरस्कार मिला है.

Source - Aaj Tak