कैसे हराएं अपने डर को और पाएं प्रेरणा का उच्च स्तर


जीवन को बेहतर बनाने और सफलता पाने के लिए अपने अंदर के डर को हराना बेहद ज़रूरी होता है, ताकि आप जीवन में प्रेरणा का उच्च स्तर पा सकें।

भगाएं डर, पाएं एक नई प्ररेणा

जब आप सकारात्मकता के साथ जिएंगे, तभी नूतनता की नव-ऊर्जा को पूरेपन के साथ अनुभव कर पाएंगे। डर - डर के जीने वाला व्यक्ति रोज़ मरता है और जीवन का आनंद लेकर जीने वाला व्यक्ति रोज एक नया जीवन जीता है। अपने 'अहं' को 'हम' बना कर आप कामयाबी पा सकते हैं। जीवन में समस्याओं से न डरें, क्योंकि हर चीज का हल होता है, आज नहीं तो कल होता है। तो चलिये जानते हैं कि कैसे हराएं अपने डर को और पाएं जीवन में प्रेरणा का एक उच्च स्तर।

रुकावट कहीं आप ख़ुद ही तो नही
हो सकता है आप ही स्वयम के सबसे बड़े दुश्मन हों। आत्म विजय पहली और सर्वश्रेष्ठ विजय है। ख़ुद को ना कहना सीखें। कोई भी ईंसान अपनी सभी महत्वपूर्ण लड़ाईयां अपने भीतर लड़ता है। अक्सर स्थिति को नहीं बल्कि ख़ुद को बदलने की ज़रूरत होती है। सिर्फ आप ही है जो ख़ुद को रोके हुए हैं, सिर्फ आपका डर और झिझक आपकी सफलता की राह मे बाधा बना हुआ है। जब आप अपनी सफलता की राह मे बाधाक बन खड़े होंगे, तो आपकी आशाएं हमेशा अस्पष्ट होंगी और आपके डर बहुत स्पष्ट। ऐसी स्थिति मे अपने अंदर के आलोचक को मुह तोड़ जवाब दें और उसका मुह बंद डालें।

जो बीत गया, सो बीत गया
यदि हम विचार मंथन करें, तो ज्ञात होगा कि नकारात्मक भावनाएं अतीत के कारण पैदा होती हैं। इसलिए अतीत को कभी अपने वर्तमान के अनुभव को नष्ट न करने दें। अतीत को माफ़ कर दें। यदि आप अपने बीते हुए समय को क्षमा नहीं कर पाएंगे तो आपका भविष्य दु:खपूर्ण हो जाएगा।

ख़ुद के लिए वक्त निकालें

हम अपनी दिनचर्या की विभिन्न क्रियाओं में बेहद मश़गूल रहते हैं। जिसके चलते हम ख़ुद के लिए सोचने और उस पर अमल करने पर गौर ही नहीं कर पाते। यही कारण है कि हम ख़ुद को थका हुआ महसूस करते हैं। इसलिए स्वयं के लिए भी कुछ समय निकालने इससे जीवन जीने की गुणवत्ता में विकास होता है।

जीवन छोटा, ज़िम्मेदारियां बड़ी
कहाते हैं जीवन क्षणिक होता है। लेकिन इस बात के मर्म को तो समझिए! हमारे पैदा होने से लेकर आज तक कुछ भी स्थायी नहीं है। इसलिए आवश्यक है कि हम जीवन की क्षणभंगुरता को समझें और ख़ुद से यह सवाल पूछें कि भला मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? तब हमारा दायित्वबोध जागेगा और तब हम जागरूक बनेंगे। और तब हम जीवन के प्रत्येक क्षण को जीना सीख सकेंगे।

सेवा से मिलती है शांति
ख़ुद से ये वादा कीजिए कि आप इस दुनिया को जीने योग्य बनाएंगे। बिना किसी उम्मीद व अपेक्षा किए, अपने जीवन में दयालुता के काम करें। यकीन मानिये सेवा जीवन में शांति ला सकती है। जब आप किसी की मदद कर, उसके जीवन में कुछ राहत व सुकून लाते हैं तो आप अच्छी तरंगों को अपनी ोर आकर्षित करते हैं।

मुस्कान मंहगी नहीं!
हर दिन, हर सुबह ख़ुद को शीशे में देखें और हर नए दिन का एक अच्छी मुस्कान के साथ स्वागत करें। खु़ से वादा करें कि किसी भी हाल में अपनी मुस्कान होंठों से नहीं जाएगी। अपनी मुस्कान को सस्ता और अपने गुस्से को महंगा बनाएं। ऐसा करने से आपका जीवन सरल और शांत हो जाएगा।

ध्यान करें
जब हमारे जीवन का लक्ष्य बड़ा और महान होता है, तो बेचैनी व तनाव भी होना सामान्य है। लेकिन केवल कुछ मिनट के ध्यान व आत्मनिरीक्षण के बाद हम अपने जीवन को तनावमुक्त कर सकते हैं। सजगता, ध्यान से ही आ सकती है। जितना गहरे हम ध्यान में उतरेंगे, उतनी ही हम अपने जीवन में ऊर्जा व सजगता ला पाएंगे।

विद्यार्थी बनें
जीवन एक क्लासरूम है और सारे लोग शिक्षक हैं, लेकिन हम विद्यार्थी हैं। इस बात को हमेशा याद रखें और किसी भी इंसान को कमतर न आंकें। ज्ञान आपको कभी भी और किसी से भी मिल सकता है। हर स्थिति व हर एक व्यक्ति हमें अपने जीवन में कुछ न कुछ नया अवश्य सिखाता है। ये पूरी दुनिया ही आपकी टीचर है। जब आप हमेशा सीखने के लिए तैयार रहेंगे तो आप दूसरे को कम आंकना भी छोड़ देंगे और तब आपके जीवन में विनम्रता का उदय होगा।

कृतज्ञता
इंसान का प्यार और विश्वास बहुत गहरा होना चाहिए। ऐसा होने पर ख़ुद-ब-ख़ुद सब कुछ हमारे जीवन में घटित होने लग जाता है। ख़ुद पर विश्वास की भावना आपकी असफलता व मुश्किल समय में आपकी मदद कर सकती है।