‘औरतों की इज्जत’ पर विदेशियों की सोच भारतीयों से कैसे अलग है, पीवी सिंधु ने तगड़े तरीके से समझाया

‘औरतों की इज्जत’ पर विदेशियों की सोच भारतीयों से कैसे अलग है, पीवी सिंधु ने तगड़े तरीके से समझाया

पीवी सिंधु, शानदार बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. बैडमिंटन कोर्ट में तगड़े तरीके से खेलने वाली सिंधु, असल जिंदगी में भी, अपनी बात सीधे तौर पर रखती हैं. हाल ही में, उन्होंने 'औरतों की इज्जत' करने की बातें कहने वाले लोगों पर, दमदार कमेंट किया है. सिंधु कहती हैं, कि भारत में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो ये कहते हैं कि औरतों की इज्जत करनी चाहिए, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा करने वाले लोग बहुत कम हैं.
दरअसल, शुक्रवार को 'SH(OUT) - Sexual Harassment Out: We are listening(एसएच (आउट)- सेक्सुअल हैरेसमेंट आउट: हम सुन रहे हैं)' कार्यक्रम हुआ. ये कार्यक्रम हैदराबाद पुलिस ने करवाया. इसी इवेंट में सिंधु ने शिरकत की थी. जहां उन्होंने सेक्सुअल हैरेसमेंट पर ऐसी बातें कहीं, जिन्हें आपको जरूर सुनना चाहिए.
सिंधु कहती हैं, 'मैं जब विदेश जाती हूं, तब ये देखती हूं कि दूसरे देशों में लोग औरतों की बहुत इज्जत करते हैं. मुझे खुशी होती है कि विदेशों में ऐसा होता है. भारत में लोग कहते हैं, 'हमें औरतों की इज्जत करनी चाहिए', लेकिन जो असल में इज्जत करते हैं, उनकी संख्या बहुत कम है. मैं ये देखना चाहती हूं, कि हर कोई व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति की इज्जत करे, खासतौर पर औरतों की. औरतों को स्ट्रॉन्ग होना पड़ेगा, और औरत होने के नाते हमें खुद पर ये भरोसा करना चाहिए, कि हम कुछ भी कर सकते हैं.'
मीटू पर क्या बोलीं सिंधु?
वो कहती हैं कि औरतों को सेक्सुअल हैरेसमेंट पर अब चुप नहीं रहना चाहिए. अगर उनके साथ कुछ गलत होता है, तो सामने आकर उस पर बात करनी चाहिए, शर्माना नहीं चाहिए. बल्कि ये सोचना चाहिए, कि हम स्ट्रॉन्ग हैं, जो इन बातों पर बिना डरे बोल रहे हैं.
सिंधु ने मीटू मूवमेंट को अच्छा मूवमेंट बताया. उन्होंने कहा, कि इस मूवमेंट ने औरतों के साथ होने वाले, सेक्सुअल हैरेसमेंट को लेकर बहुत जागरुकता लाई है. इस कैंपने ने औरतों और आदमियों, दोनों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराया.
Source - Odd nari