सावन का महीना शुरू होते ही भगवान भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने में लग जाते हैं. भगवान शिव की पूजा के दौरान लोग कभी शिवलिंग पर भांग-धतूरा तो कभी दूध, चंदन और भस्म चढ़ाते हैं. भगवान शिव को बैरागी कहा जाता है. यही वजह है कि उनके शिवलिंग पर कभी भी आम जिन्दगी में इस्तेमाल होने वाली चीजें नहीं चढ़ाई जाती हैं. अगर आप भी इस सावन भोलेबाबा के व्रत या उनकी पूजा करने वाले हैं तो भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 7 चीजें.
शंक से न चढ़ाएं जल-
भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था. शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था. इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है, शिव की नहीं.
तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं -
तुलसी को भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है. इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती.
तिल या तिल से बनी कोई वस्तु न चढ़ाएं-
यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है, इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए.
कभी न चढ़ाएं टूटे हुए चावल-
भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है. टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है, इसलिए यह शिव जी को नहीं चढ़ता.
शिव को नहीं भाता कुमकुम-
कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है, जबकि भगवान शिव वैरागी हैं, इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता.
हल्दी-
शिवलिंग पर कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.
नारियल पानी
शिव जी की पूजा नारियल से होती है लेकिन नारियल पानी से नहीं क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली सारी चीज़ें निर्मल होनी चाहिए यानि जिसका सेवन ना किया जाए. नारियल पानी देवताओं को चढ़ाये जाने के बाद ग्रहण किया जाता है इसीलिए शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है.
Source - Aaj Tak