ट्यूबलाइट में काँच की नली के दोनों सिरों पर टंगस्टन धातु के तंतु होते है तथा इसमें अल्प दाब पर पारे की वाष्प भरी रहती है। जैसे ही बटन दबाया जाता है टंगस्टन तन्तु से इलेक्ट्रोन उत्सर्जित होते है तथा पारे की वाष्प के अणुओं को आयनित कर देते है जिससे दीप्त विसर्जन
होता है इनमें से कुछ प्रकाश तरंगों की तरंग दैधर्य अल्प होती है जिन्हें हम देख नहीं पाते है। अतः इन अदृश्य प्रकाश तरंगों को दृश्य प्रकाश तरंगों में परिवर्तित करने के लिये नली के भीतर की सतह पर प्रतिदीप्त पदार्थ पोत दिया जाता है जो अदृश्य प्रकाश को दृश्य प्रकाश में परिवर्तित करता है इससे ट्यूब लाइट से अधिक प्रकाश प्राप्त होता है।