भारतीय क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच के लिए आवेदन की अंतिम तारीख खत्म हो चुकी है. जिसके बाद अब पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान कपिल देव की अध्यक्षता वाली क्रिकेट एडवाइजरी कमिटी (CAC) नए कोच के लिए इंटरव्यू लेगी.
इस 3 सदस्यीय क्रिकेट अडवाइजरी कमिटी (CAC) में कपिल देव के अलावा टीम इंडिया के पूर्व कोच अंशुमन गायकवाड़ और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व खिलाड़ी शांता रंगास्वामी शामिल हैं.
लेकिन नए मुख्य कोच चुनने से पहले ही इस कमेटी पर सवाल उठने लगे हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह उठ रहा है कि बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक क्या समिति कोच चुन सकती है. CAC के सदस्यों पर हितों के टकराव के मामले में बातचीत की जा रही है.
इससे पहले कि कपिल देव की अध्यक्षता वाली यह क्रिकेट अडवाइजरी कमिटी नए मुख्य कोच के लिए शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवारों के इंटरव्यू के लिए बैठे, बीसीसीआई में नियुक्त लोकपाल और एथिक्स ऑफिसर जस्टिस डीके जैन इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे.
क्रिकइन्फो के मुताबिक हितों के टकराव के मामले को सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना इडुल्जी ने दिल्ली में हुई सीएसी की बैठक में उठाया था. उसके बाद मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने भी सीओए को पत्र लिखकर मामले को उठाया.
इस पत्र में संजीव गुप्ता ने कपिल देव पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है सीएसी के तीनों सदस्य बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक पात्रता नहीं रखते, क्योंकि भारतीय क्रिकेट में एक व्यक्ति एक ही पद ग्रहण कर सकता है.
कपिल देव भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन की स्टीयरिंग कमेटी के भी सदस्य हैं. वहीं कपिल देव और अंशुमन गायकवाड़ टीवी पर क्रिकेट एक्सपर्ट की भूमिका भी निभाते हैं. गायकवाड़ बीसीसीआई की मेंबर संबंधित कमेटी का भी हिस्सा हैं. वहीं रंगास्वामी भी आईसीए की निदेशक हैं.
Source - Aaj Tak