रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया. RBI. रेपो रेट में कटौती की. और जीडीपी के नए अनुमानित आंकड़े दिए. इस नए अनुमान में पिछले 6.9 प्रतिशत से जीडीपी गिरकर 6.1 प्रतिशत तक हो सकती है. जबकि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही की जीडीपी 5 परसेंट ही थी, अनुमानित 5.8 प्रतिशत से भी कम. अब इस नए अनुमान के सापेक्ष असल जीडीपी क्या होगी, ये देखना अभी बाकी है.
आज यानी 4 अक्टूबर को आरबीआई ने मीडिया को संबोधित किया. ऐलान किया कि रेपो रेट में कटौती हो गयी. और “दिवाली के पहले तोहफा” टैग से खबरें चलने लगीं. 0.25 आधार अंकों की कटौती. पहले थी 5.40 प्रतिशत. अब है 5.15 प्रतिशत. रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती हुई और ये आंकड़ा अब आ गया है 4.90 प्रतिशत है.
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्या हैं?
बैंक अपने रोज के खर्चों को चलाने के लिए RBI से पैसा उधार लेते हैं. बैंक जिस दर पर रिज़र्व बैंक से उधार लेते हैं, उसे रेपो रेट कहते हैं. और जब रोज के खर्चों के बाद बैंक के पास कुछ पैसा बचा रह जाता है, तो उसे वे फिर से रिज़र्व बैंक के पास रखते हैं. इसके बदले में रिज़र्व बैंक से बैंकों को ब्याज मिलता है. इसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं.
रेपो रेट कम होने से आपका क्या फायदा होगा?
1-बैंकों के पास अब ज़्यादा कैश होगा. इससे वे लोगों को ज्यादा कर्ज दे सकेंगे.
2-आपके चल रहे मौजूदा लोन की ईएमआई यानी महीने की किस्त कम हो जाएगी.
3-ऑटो और होम लोन सस्ते होंगे. लोग घर खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी लेंगे.
4-कर्ज में दबी कंपनियों को राहत मिलेगी. उनकी भी किस्त कम हो जाएगी.
5-देश में निवेश की ज्यादा संभावनाएं बढ़ेंगी. निजी निवेशक ज्यादा पैसा सकते हैं.
6-बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आएगी.
7-औद्योगिक उत्पादन करने वाली कंपनियों को पूंजी जुटाने में आसानी होगी.
8-प्रधानमंत्री आवास योजना को बढ़ावा मिलेगा. लोग लोन लेने के लिए आगे आएंगे. योजना के तहत लोन की ब्याज दर में छूट दी जाती है.
9-महंगाई को कंट्रोल करने में सरकार को सहयोग मिलेगा, रिटेल और रियल एस्टेट बाजार को भी बल मिलेगा
10– ये सब फायदे इस बात पर निर्भर करेंगे कि बैंक आरबीआई के फैसले का फायदा आम ग्राहकों तक पहुंचाते हैं या नहीं.
11-ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले भी दो बार रेट में कटौती हो चुकी है, पर ग्राहकों को बैंकों ने अब तक कोई फायदा नहीं दिया है.
Source - Aaj Tak