4 फरवरी को दुनिया भर में वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है. इस बार कैंसर डे की थीम है 'आई एम एंड आई विल'. विश्व भर में हस साल करीब 96 लाख लोगों की कैंसप की वजह से ही होती है. भारत में हर साल एक लाख से अधिक नए कैंसर के मामले सामने आते हैं. कैंसर आजकल बहुत ही कॉमन बीमारी होती जा रही है और इसके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. ऐसे में कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है.
कैंसर एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर के किसी एक हिस्से में कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं. कैंसरग्रस्त कोशिकाएं पूरे शरीर के ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचाने लगती हैं.
नैशनल हेल्थ सर्विस (इंग्लैंड) के मुताबिक, हर तीन में से एक व्यक्ति को किसी ना किसी तरह का कैंसर हो रहा है. कैंसर भी करीब 200 प्रकार के होते हैं जिसमें से हर टाइप के कैंसर के अलग-अलग लक्षण होते हैं. हालांकि 4 ऐसे कैंसर हैं जिनके लक्षण कुछ-कुछ एक ही तरह के हैं. इन 4 तरह के कैंसरों में एब्डोमिनल एरिया में दर्द भी एक सामान्य लक्षण है.
अधिकतर लोगों को कैंसर का पता आखिरी स्टेज में ही चलता है इसलिए अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो शायद हमें इससे निपटने में मदद मिल जाए. इसके लिए आपको सबसे ज्यादा अपने शरीर में होने वाले किसी भी अजीब से बदलाव पर ध्यान देना होगा.
शरीर के किसी हिस्से में कहीं गांठ, यूरीन में ब्लड या फिर आंतों में किसी तरह का बदलाव महसूस हो तो सतर्क हो जाएं. अगर आपके शरीर के एब्डोमिनल हिस्से में दर्द होता रहता है तो ये इन 4 तरह के कैंसरों का लक्षण हो सकता है.
बोवेल कैंसर
इस कैंसर के लक्षणों को बहुत आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है, शायद आपको एहसास भी ना हो. हालांकि 90 फीसदी से ज्यादा मरीजों को एब्डोमिनल पेन महसूस होता है, या बेचैनी या सूजन या फिर bowel में किसी भी तरह का बदलाव, या बिना पाइल्स के खून आना.
इन लक्षणों के दिखने का मतलब यह नहीं है कि आपको bowel cancer ही होगा. हालांकि NHS की सलाह है कि अगर ये लक्षण लगातार 4 हफ्तों से ज्यादा रहते हैं तो फिर आपको डॉक्टर से जांच जरूर करानी चाहिए.
पेट का कैंसर
पेट का कैंसर वैसे तो बहुत कॉमन नहीं है लेकिन ब्रिटेन में करीब हर साल 7000 लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं. इसके भी शुरुआती लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं और इनको अधिकतर लोग छोटी-मोटी बीमारी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं.
इसके शुरुआती लक्षणों में पेट दर्द, खाने के बाद ब्लोटिंग, पेट में सूजन, डकार, पाचन की समस्या, हार्टबर्न हैं. एडवांस स्टोमक कैंसर के लक्षण मल में खून आना, भूख खत्म हो जाना, अचानक से वजन घटना आदि हैं.
अग्नाशय का कैंसर
अग्नाश्य कैंसर के शुरुआती स्टेज में लक्षण ज्यादा स्पष्ट नहीं होते हैं जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है. इसका पहला लक्षण अक्सर बैक पेन या पेट में दर्द होना, अचानक से वजन घट जाना, पीलिया होना आदि है.
इसके दूसरे संभावित लक्षणों में वॉमिटिंग, डायरिया, कब्ज, बुखार, कांपना, ज्यादा भूख या प्यास लगना, पाचन में समस्या, खून के थक्के बनना है.
ओवरियन कैंसर
महिलाओं में ओवरियन कैंसर के लक्षणों को अक्सर बोवेल सिंड्रोम या पीरियड्स से जोड़कर देखा जाता है. ओवरियन कैंसर का सबसे सामान्य लक्षण है पेट या पेल्विस में बेचैनी महसूस होना, सूजन का बने रहना, जल्दी भूख खत्म हो जाना और सामान्य से ज्यादा बार पेशाब करना.
इसके दूसरे लक्षणों में लगातार भोजन ना पचना, उल्टियां, सेक्स के दौरान दर्द, बैक पेन, वजाइनल ब्लीडिंग, हर समय थकान महसूस करना और बिना किसी खास वजह के वजन कम हो जाना है.
इस तरह के कैंसर की मुख्य वजहें तंबाकू खाने की आदत, खान-पान और रहन-सहन के गलत तरीके हैं . इन कारकों की वजह से हमारे देश में इस समय दिखाई दे रहा अधिकतर कैंसर आसानी से दिखने वाली जगहों पर या अंगुली की पहुंच के भीतर होता है.
भारत में 80 प्रतिशत से अधिक कैंसर रोगी थर्ड और फोर्थ स्टेज में इलाज के लिए आते हैं और इस समय तक कैंसर के अधिकतर मामले लाइलाज हो जाते हैं. कैंसर के 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों का फर्स्ट स्टेज में इलाज हो सकता है. सेकंड स्टेज में यह अनुपात करीब 70 प्रतिशत है, तीसरे चरण में 40 प्रतिशत और चौथे चरण में 10 प्रतिशत से भी कम रह जाता है.
आजकल कई तरह के कैंसर को गंभीर लेकिन काबू में आने लायक बीमारी माना जाता है जिन्हें कैंसर के अलावा किसी भी दूसरे गंभीर रोगों की तरह दवाओं से कई सालों तक काबू में रखा जा सकता है.
अक्सर देखा गया है कि एक तिहाई से ज्यादा कैंसर तंबाकू या उससे बने उत्पादों के सेवन की देन हैं जबकि एक तिहाई खान-पान और रहन-सहन या दूसरे सामाजिक कारकों से जुड़े हैं. इसलिए दुनियाभर में विभिन्न भौगोलिक स्थितियों में कैसर के स्वरूप और फैलाव में भिन्नता नजर आती है.
हालांकि, ये सभी लक्षण दिखने का मतलब यह नहीं है कि आपको अनिवार्य तौर पर कैंसर ही है लेकिन फिर भी आपको अपने चिकित्सक से एक बार परामर्श जरूर लेना चाहिए.
Source - Aaj Tak