ICC ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की उस मैच विनिंग बेहतरीन पारी को याद करते हुए उन्हें सलाम किया है, जब शेन वॉर्न जैसे दिग्गज लेग स्पिनर भी बौने नजर आए.
दरअसल, 22 साल पहले आज ही के दिन सचिन रमेश तेंदुलकर नाम का बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के 285 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए मैदान पर उतरा. शारजाह में रेतीला तूफान आ गया और स्कोर को छोटा कर दिया गया.
दरअसल, 22 साल पहले आज ही के दिन सचिन रमेश तेंदुलकर नाम का बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के 285 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के लिए मैदान पर उतरा. शारजाह में रेतीला तूफान आ गया और स्कोर को छोटा कर दिया गया.
लेकिन, जब तूफान रुका तो मैदान के अंदर एक तूफान आया, जिसने पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को उड़ा दिया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा दिया. इस तूफान का नाम था सचिन रमेश तेंदुलकर.
सौरव गांगुली के साथ ओपनिंग करने उतरे सचिन ने मानो मन में कुछ ठान रखा हो. सचिन ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को जिस तरह खेलना शुरू किया वो गुस्सा बल्लेबाजी में दिख रहा था.
सचिन ने लगातार शेन वॉर्न, कास्प्रोविज, स्टीव वॉ, टॉम मूडी किसी को नहीं बख्शा. और आगे बढ़-बढ़ कर छक्के जड़े. भारत ये मैच हार गया था, लेकिन नेट रन रेट के दम पर फाइनल में जगह बना ली थी.
शारजाह में 1998 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच कोका-कोला कप खेला गया था. इस त्रिकोणिय सीरीज का 22 अप्रैल को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे मैच खेला गया. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए अपने 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 284 रनों का स्कोर खड़ा किया.
इसके जवाब में भारत को 46 ओवर में 276 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला. भारतीय टीम 5 विकेट पर 46 ओवर में 250 रन ही बना सकी और मैच को 26 रनों से गंवा दिया, लेकिन भारत को फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के लिए 46 ओवर में 238 रनों की ही जरूरत थी जो उसने हासिल कर लिया गया.
सचिन तेंदुलकर ने यहां की जबरदस्त गर्मी के बीच 131 गेंदो में 143 रनों की यादगार पारी खेली. सचिन की रेगिस्तान के बीच खेली गई इस पारी से भारत ने फाइनल में पहुंचने में कामयाबी हासिल की. इस मैच में उनकी पारी हर किसी के जेहन में आज भी ताजा है.
Source - Aaj Tak