बैंकिंग सेक्टर में सुधार को लेकर मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में बड़े फैसले लेने की तैयारी में है. पहले कार्यकाल में सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय पर मुहर लगाई थी. अब कहा जा रहा है कि सरकार ने अगले दो चरणों में छोटे-छोटे बैंकों का बड़े बैंकों में विलय करने के लिए प्लान तैयार कर लिया है.
सरकार का कहना है कि जितने कम बैंक होंगे, उतना बेहतर कामकाज होगा. फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा और खासकर बैंक घाटे पर लगाम लग सकेगी. खबर है कि अब दो चरणों में जिन बैंकों के विलय का प्लान तैयार किया गया है, उसमें पहले चरण के विलय पर जल्द फैसला लिया जा सकता है.
दरअसल मोदी सरकार की हमेशा से बैंकों की संख्या कम कर उसे संगठित करने की कोशिश रही है. एक बिजनेस चैनल के मुताबिक पहले चरण में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 2 बैंकों का विलय हो सकता है, ये दोनों बैंक बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इलाहाबाद बैंक हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक दो अलग चरणों में बैंकों के विलय पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
खबर के मुताबिक पहले चरण में जो-जो बैंक विलय के दायरे में आएंगे, उनसे वित्त मंत्रालय की चर्चा भी हुई है. यही नहीं, इस पर कैबिनेट नोट भी तैयार कर लिया गया है और उसे जल्द कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे चरण में 2 से 3 छोटे बैंकों का बैंक ऑफ इंडिया में विलय हो सकता है. बैंक ऑफ इंडिया में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), आंध्र बैंक, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नामों पर विचार किया जा रहा है.
अगर अगले दो चरणों में विलय को अंजाम दे दिया गया तो फिर देश में केवल 5 बड़े बैंक होंगे और यही पांचों बैंक लीडिंग भूमिका में होंगे, जिनके नाम SBI, BoB, PNB, केनरा, BoI लीड बैंक होंगे. हालांकि सरकार की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है.
दरअसल, बैंकों के विलय की खबर मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी जोर-शोर से उठी थी. तमाम छोटे बैंकों का पहले SBI में विलय किया गया और फिर बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ.
सरकार एनपीए के बोझ से दबे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत सुधारने के प्रयास में जुटी हुई है. इसके तहत छोटे और कमजोर सरकारी बैंकों का आपस में विलय कर उन्हें मजबूत बनाया जा रहा है.
हालांकि, बैंकों के विलय का ग्राहकों पर भी असर पड़ेगा. पीएनबी में विलय से बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इलाहाबाद बैंक के खाताधारकों पर असर पड़ेगा. इन बैंकों में खाताधारकों को अपना अकाउंट अपडेट कराने के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं.
पीएनबी में विलय के बाद इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाताधारकों को नए चेकबुक और पासबुक जारी किए जाएंगे. इसी तरह दूसरे चरण में जिन बैंकों का बैंक ऑफ इंडिया में विलय होगा, उनके ग्राहकों को भी इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.
ऐसे मौकों पर बैंक की ओर से ग्राहकों की समस्या दूर करने के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनाए जाते हैं. क्योंकि विलय के बाद ग्राहकों के चेकबुक, पासबुक के अलावा नए ATM कार्ड भी जारी किए जाएंगे. जिससे ग्राहकों का थोड़ा पेपरवर्क बढ़ जाता है.
वहीं विलय के बाद ग्राहकों को केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. हालांकि बैंकों के विलय से ग्राहकों के लोन पर कोई असर नहीं होगा और उस पर पहले की तरह ब्याज लगेगा.
Source - Aaj Tak