हरियाली तीज: चूड़ियां पहनने के 'वैज्ञानिक' फायदे भी, क्या आप जानते हैं?


बात श्रृगांर की हो रही हो और जिक्र चूड़ियों का न हो तो कुछ अधूरा सा लगता है. जी हां व्रत हो या कोई त्योहार महिलाओं का श्रृगांर तब तक पूरा नहीं होता जब तक उनके हाथों में लाल-हरी चूड़ियां न सजी हो.

अगर आप सोचते हैं कि चूड़ियों का संबंध सिर्फ श्रृगांर से जुड़ा हुआ है तो आपको बता दें आप गलता हैं. जी हां चूड़िया न सिर्फ हाथों की खूबसूरती बढ़ाती हैं बल्कि सेहत के लिहाज से भी इसे पहनने के कई फायदे हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कई शानदार फायदे. 

श्वास रोग-

कलाई में चूड़ियां या गहने पहनने से महिलाओं को श्वास रोग, ह्रदय रोग की संभावना कम होती है.

मानसिक संतुलन -

चूड़ी पहनने से महिलाओं का मानसिक संतुलन बना रहता है. वैज्ञानिक तर्क के अनुसार कांच की चूड़ियों से होने वाली खनक वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करके उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है.

रक्त प्रवाह

-चूड़ी कलाई की त्वचा से घर्षण करके हाथों में रक्त संचार बढाती है.

थकावट-

चूड़ी की वजह से पैदा होने वाली घर्षण से शरीर में ऊर्जा पैदा होती है. जिसकी वजह से महिलाओं को जल्दी थकान महसूस नहीं होती.

हार्मोंस का संतुलन-

महिलाओं का शरीर पुरूषों के मुकाबले ज्यादा संवेदनशील होता है और उनके शरीर में हार्मोंस का स्तर भी तेजी से बदलता है. चूड़ियों को पहनने से महिलाओं के शरीर में हार्मोंस संतुलित रहते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार, सोने और चांदी की भस्म शरीर के लिए बलवर्धक होती है इसीलिए सोने और चांदी की चूड़ियां पहनने से इन धातुओं के तत्व महिलाओं को बल प्रदान करते हैं, जिससे महिलाएं लंबी उम्र तक स्वस्थ रहती हैं.

Source - Aaj Tak