आज दुनिया भर में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में लोगों के सामने बचाव का एक ही रास्ता नजर आ रहा है. वो है होम आइसोलेशन, यानी ज्यादा से ज्यादा खुद को भीड़भाड़, समाज से काटकर अकेले रहना. ये कहने में जितना आसान लगता है, हकीकत में इतना आसान नहीं है. ऐसा माना जाता है कि अकेलेपन में लोग अक्सर डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. लेकिन, इसका दूसरा पहलू भी है. आप अकेले रहकर कुछ अलग भी कर सकते हैं. जानें- कैसे आप लॉकडाउन या आइसोलेशन जैसी स्थितियों को लक में बदल सकते हैं. पढ़ें-
क्रिएटिविटी की एक जरूरी शर्त है कि आप कभी अकेले रहकर अपनेआप से बात करें, अपने भीतर की कमियों और अपनी ताकत का विश्लेषण करें. लेकिन इस दौरान आपको ये ध्यान रखना होगा कि अकेलेपन और खुद के साथ वक्त बिताने में बहुत फर्क है.
आप आज मिले अपने अकेलेपन को एक अच्छा अवसर मानकर भी कुछ अलग कर सकते हैं. यकीन मानिए खुद के साथ वक्त बिताने से खुद के साथ दोस्ती का सबसे अच्छा मौका मिलता है. इस पूरे क्रम में आपका फोकस बेहतर हो सकता है.
दुनियाभर में 10 हजार लोगों पर हुए एक सर्वे में ये बात सामने आई थी कि अकेले रहकर काम करने वालों के पास रिलैक्स करने के सबसे टॉप टिप्स थे. सबसे लोकप्रिय टिप्स पढ़ना था, इसके बाद परिवार के साथ समय बिताने का नंबर 12वां था.
लॉ ऑफ मोशन जैसे सिद्धांत की खोज करने वाले न्यूटन का ही उदाहरण लें तो उन्होंने भी एक लंबे समय तक एकाकी जीवन जिया. खेतों में अकेले काम करते हुए उन्होंने गति के सिद्धांतों की खोज की थी. न्यूटन का जन्म उनके पिता की मौत के तीन माह बाद हुआ था.
फिर जब न्यूटन तीन साल के हुए तो उनकी मां ने दोबारा शादी कर ली और अपने नए पति के साथ रहने चली गई. उन्होंने बेटे को अपनी मां यानी न्यूटन की नानी के पास छोड़ दिया. आइजैक न्यूटन के साथ ये हुआ कि वो अपने सौतेले पिता को पसंद नहीं करने लगे. और उसके साथ शादी करने के कारण अपनी मां के साथ भी दुश्मनी का भाव रखने लगे.
वो ज्यादातर टाइम अकेले में ही रहते थे. न्यूटन ने खुद माना था कि उन्होंने बचपन में अपने माता पिता के घर को जलाने तक की धमकी दी थी. लेकिन होश संभालने के साथ ही वो उस एकाकीपन के काफी आदी हो चुके थे.
इस तरह अकेले रहकर आप बोर और डिप्रेस होने के बजाय कुछ ऐसा काम भी कर सकते हैं जो आपके लिए अनोखा अनुभव हो. मसलन अगर आप एक माह के लिए घर पर रहें तो आप इस दौरान कोई ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं.
आपको होम डेकोर या आर्कीटेक्ट में रुचि है तो आप घर में रहकर पूरे घर को फिर से नये लुक में ढाल सकते हैं. वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो भी आपको संयम बनाये रखना है. रूटीन के काम करते हुए भी आपको नीरसता से दूर रहना है.
देखा जाए इटली ने इस दौर का एक खूबसूरत उदाहरण पेश किया था. जब वहां के लोगों ने अकेले घर में कैद रहते हुए कम्युनिटी के साथ बेहतर संवाद स्थापित किया. शाम को लोग अपनी सोसायटी की इमारतों की बालकनी में आकर लेजर शो कर रहे थे तो कभी वो बालकनी में बैठकर एक सुर में गा-बजा रहे थे.
Source - Aaj Tak