महिला के शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है मासिक धर्म का होना . मासिक धर्म का पूरा चक्र सामान्यतः 28 दिनों का होता हैं. मासिक धर्म की अनियमित होने का मतलब हैं, मासिक धर्म का समय पर न होना. किसी – किसी महिला को मासिक धर्म दो महीने में एक बार होते हैं तो किसी को एक महीने में दो तीन बार होते हैं. मसिक धर्म का अपने समय पर होना बहुत ही आवश्यक होता हैं. मासिक धर्म के शुरू होने की जैसे एक उम्र होती हैं. ठीक उसी प्रकार इसके समाप्त होने की भी उम्र होती हैं. किसी भी महिला को मासिक धर्म सामान्यतः 32 साल तक होता हैं अर्थात जबसे महिला को मासिक धर्म शुरु होता है तब से 32 साल गिनना चाहिए. अर्थात मासिक धर्म अगर 16 साल के उम्र में शुरू होता है तो समाप्त 48 के उम्र में होना चाहिए . अगर इससे पहले या बाद में मासिक धर्म समाप्त होता है तो ये मासिक धर्म की अनियमितता का सूचक होता हैं.
मासिक धर्म की अनियमितता के कारण
- मासिक धर्म की अनियमितता थायराइड की बीमारी के कारण हो सकती हैं.
- मासिक धर्म की अनियमितता, गर्भावस्था की शुरुआत के कारण भी हो सकती हैं.
- परेशानी, मानसिक दबाव व तनाव बढ़ने से मासिक धर्म की अनियमितता हो सकती हैं. प्रत्येक महिला के शरीर मे तीन प्रकार के हार्मोन होते हैं. एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन तथा टेस्टोंस्टेरोन आदि. इन तीनों में से अगर महिला अधिक तनाव में रहती हैं तो पहले दो हार्मोन पर सीधा असर पड़ता हैं. जिसके कारण महिला के मासिक धर्म में अनियमितता होनी शुरू हो जाती हैं.
- अधिक व्यायाम करने के कारण भी कभी – कभी महिला को मासिक धर्म की अनियमितता की शिकायत हो जाती हैं. अधिक व्यायाम करने से महिला के शरीर में उपस्थित एस्ट्रोजन हार्मोन की संख्या में वृद्धि हो जाती हैं. जिससे मासिक धर्म रुक जाते हैं और महिला को मासिक धर्म की अनियमितता की समस्या का सामना करना पड़ता हैं.
- किसी प्रकार की बिमारी के कारण - अगर कोई महिला एक महीने से अधिक समय तक बीमार हो तो उसे मासिक धर्म की अनियमितता की शिकायत हो सकती हैं.
- महिला के खानपान में असंतुलन के कारण भी मासिक धर्म की अनियमितता हो जाती हैं.
- महिला के शरीर का वजन बढने या घटने के कारण भी मासिक धर्म की अनियमितता हो जाती है.
अनियमित मासिक धर्म के कारण लक्षण और उपचार
मासिक धर्म की अनियमितता के लक्षण
- महिला के शरीर में, स्तनों में, पेट में, हाथ – पैर में तथा कमर में दर्द रहता हैं..
- महिला के गर्भाशय में दर्द होता हैं.
- महिला को भूख कम लगती हैं.
- अधिक थकान महसूस होती हैं.
- महिला को पेट में कब्ज तथा दस्त की भी शिकायत हो सकती हैं.
- महिला के शरीर में स्थित गर्भाशय में रक्त का थक्का बन जाता हैं.
अनियमित मासिक धर्म से बचने के लिए क्या उपाय करें
- मासिक धर्म की अनियमितता में गरम दूध और अजवायन का सेवन कर सकती हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए एक गिलास दूध लें और उसके साथ 8 से 10 ग्राम तक अजवायन लें. अजवायन को खाकर उसके ऊपर से दुध पी लें.
- मासिक धर्म की अनियमितता एवं दर्द में दालचीनी के 4 या 5 ग्राम चुर्ण को पानी के साथ रोजाना सेवन करने से आराम मिलता है.
- मासिक धर्म की अनियमितता में राई (सरसों) के दानों का भी उपयोग कर सकते हैं. राई के दानों को पीस लें और राई के इस चुर्ण को खाना खाते समय पहले के कुछ निवालों के साथ खाएं.
- मासिक धर्म ठीक समय पर न हो तो दिन में दो बार गाजर के रस के साथ पानी का सेवन कर सकते है.
- मासिक धर्म के समय पर न होने पर आप तिल और गुड़ का भी सेवन कर सकते हैं. इस बीमारी से निजात पाने के लिए 20 गर्म तिल लें. अब एक बर्तन में 400 ग्राम पानी लें. अब पानी को गरम करने के लिए रख दें और उसमें तिल को डाल दें. अब इस पानी को कुछ देर तक उबाल लें. जब पानी अच्छी तरह से पककर आधा हो जाये तो उसे उतारकर रख दें और उसमें गुड़ डालकर मिला लें. अब इसका सेवन करें. इस मिश्रण का को पीने से मासिक धर्म समय पर होंगे तथा पेट का दर्द में भी फायदा मिलता है .
- मासिक धर्म की समस्या में तुलसी के बीजों को पानी में डालकर उबाल लें. उबालने के बाद पानी को उतारकर रख दे. थोड़ी देर के बाद इस पानी का सेवन करें.
- मासिक धर्म की अनियमितता में गाजर के रस या गाजर के सूप का सेवन करने से फायदा होता है .