कार्डियोवैस्कुलर रिस्क को कम करें
डॉक्टर्स द्वारा दिए गए निर्देेश को ध्यान में रखते हुए हेल्दी ब्लडप्रेशर बनाए रखें. कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी नियंत्रित रखें.
हेल्दी डायट लें
फल व सब्ज़ियों में सबसे ज़्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं. मीट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट फूड्स, जैसे-व्हाइट ब्रेड, शुगर, कोल्ड ड्रिंक्स व डेज़र्ट शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाते हैं.
नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रति हफ़्ते कुल मिलाकर 150 मिनट एक्सरसाइज़ करना बहुत ज़रूरी होता है. इसमें जिम, वॉकिंग, वर्कआउट और घर ऑफिस में किए गए छोटे-मोटे फिज़िकल एक्सरसाइज़ शामिल हैं.
मस्तिष्क को व्यस्त रखें
मस्तिष्क को ऐक्टिव बनाए रखने के लिए अपनी इच्छा के अनुसार किताब पढ़ें या दिमाग़ से जुड़ा कोई गेम खेलें. अगर आप दिमाग़ इस्तेमाल नहीं करेंगे तो वो धीरे-धीरे कमज़ोर पड़ती जाएगी.
सोशली ऐक्टिव रहें
जो व्यक्ति समाज, दोस्त, परिवारवाले व रिश्तेदारों से जुड़े रहते हैं, उनका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य ऐसा न करनेवालों की तुलना में ज़्यादा बेहतर होता है.
नई-नई चीज़ें सिखती रहेंः नई चीज़ सीखने की कोई उम्र नहीं होती. जीवन के हर पड़ाव में नई-नई चीज़ें सीखते रहने से बुढ़ापे में भी दिमाग़ तीक्ष्ण व ऐक्टिव रहता है.
ख़ुद पर विश्वास रखें
नकारात्मक सोच हमारे सोचने-समझने की शक्ति को ख़त्म कर देती है. जो लोग यह मानकर चलते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ यद्दाश्त कमज़ोर होनी हैं, उनकी याद्दाश्त उन लोगों की तुलना में ख़राब होती है, जो अपने दिमाग़ी ताक़त पर विश्वास रखते हैं. अतः ख़ुद पर भरोसा बनाए रखें.
Source-Meri saheli