गोखरू का रोगों में उपयोग, फायदे और नुकसान

गोखरू एक सरलता से उपलब्ध होने वाला और जमीन पर फैलने वाला पौधा है, जो सर्वत्र पाया जाता है | वर्षा के प्रारंभ में ही यह पौधा जंगल, खेतों के आसपास, आम जगहों पर उग आता है | इसकी शाखाए 2-3 फुट लम्बी होती हैं, जिनसे चने के सामान पत्ते निकलते है | हर पत्ती में 4 से 7 जोड़े पत्रक निकलते हैं | डंठल पर रोएं और जगह-जगह गांठे होती है | पुष्प शरद ऋतू में छोटे-छोटे व पीले रंग के लगते है | फल गोलाकार, 2 से 6 कांटे और अनेक बीजो से युक्त होते है | कांटे, छुरे की तरह तेज होने के कारण पशुओं के पैरों में गड़ जाते हैं, इसलिए इसे गौक्षुर कहते हैं | बीजों से सुगन्धित तेल निकलता है | जड़ 4 से 5 इंच लम्बी, मुलायम, रेशेदार, भूरे रंग की ईख जैसी गंध लिए होती है | गोखरू छोटा और बड़ा, दो प्रकार का मिलता है, लेकिन उनके गुणों में समानता होती है |
हम यहाँ पर जानेंगे – 

गोखरू के विभिन्न भाषाओँ में नाम Gokhru Names In Various Languages

गोखरू के औषधीय गुण Gokhru Ke Gun

गोखरू के साइड इफेक्ट्स Gokhru Ke Side Effects

गोखरू के फायदे Gokhru Ke Fayde

विभिन्न भाषाओं में नाम

संस्कृत (Gokhru In Sanskrit) – गोक्षुर 

हिंदी (Gokhru In Hindi) – गोखरू 

मराठी (Gokhru In Marathi) – सराटे 

गुजराती (Gokhru In Gujarati) – गोखुरू 

बंगाली (Gokhru In Bengali) – गोखरी 

अंग्रेजी (Gokhru In English) – लेंड केलट्राप्स (Land Caltrops) 

लैटिन (Gokhru In Latin) – ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus Terrestris) | 

गोखरू के औषधीय गुण Gokhru Ke Gun

आयुर्वेदिक मतानुसार गोखरू मधुर, गुरु, स्निग्ध, शीतल, वात-पित्त शामक, विपाक में मधुर, मूत्राशय का शोधन करने वाला, बलदायक, पुष्टिदायक, अग्नि प्रदीपक, स्वादिष्ट वीर्यवर्धक, मुत्रक्रिच्छ, पथरी गलाने वाला, पेट के समस्त रोगों को दूर करने वाला, मूत्र पिंड को उतेजना देने वाला, वेदनाशक, सुजाक, प्रमेह, श्वास, खांसी, बवासीर, वातरोग नाशक, गर्भाशय को शुध्द करने वाला, बन्ध्यत्व मिटाने वाला, प्रोस्टेट ग्रंथि की सुजन दूर करने वाला एव हृदय रोग में गुणकारी होता है |

यूनानी मतानुसार यह गरम और खुश्क होता है | ब्लेडर और गुर्दों की पथरी को नष्ट करता है | मुत्रावरोध को दूर कर सुजाक, प्रमेह में लाभदायक है | यह नपुंसकता में भी गुणकारी है |

वैज्ञानिक मतानुसार गोखरू का रासायनिक विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है की इसकी पत्तियों में 7.22 प्रतिशत प्रोटीन, 4.63 प्रतिशत राख और 79 प्रतिशत जल पाया जाता है | इसके अलावा अल्प मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और विटामिन ‘सी’ भी मिलता है | फल में एल्कोलायड की मात्रा एक प्रतिशत होती है | इसके अलावा राल, टैनिन, स्टिरोल, ग्लाइकोसाइड, शर्करा, नाइट्रेट्रस, अवाष्पशील तेल, सुगन्धित तेल भी होते है | पौधे में हरमन तथा बीजों में हरमिन नामक एल्कोलायड उपस्थित होते है | प्रचुर मात्रा में फास्फोरस और नाइट्रोजन बीजों में पाए गए हैं | खोजों से ज्ञात हुआ है की यह सभी प्रकार के गुर्दों के विकारों में प्रभावशाली दिखाई पड़ता हैं | मूत्र की मात्रा बढ़ाकर पथरी को कुछ ही हप्तों में टुकड़े-टुकड़े कर बाहर निकाल देना गोखरू का विश्लेषण गुण है | यह नेफ्राइटीस में भी गुणकारी पाया गया है |

गोखरू के नुकसान Gokhru Ke Side Effects

गोखरू की अधिक मात्रा में सेवन करने से प्लीहा और गुर्दों को हानी पहुंचती है और कफजन्य रोगों की वृध्दि होती है | 

गोखरू प्रयोग की मात्रा Gokhru Uses Quantity

फल का चूर्ण 3 से 6 ग्राम, दिन में 2 या 3 बार | काढ़ा 50 से 100 मिलीलीटर |

गोखरू का रोगों में उपयोग, फायदे Gokhru Se Rogo Ka Upchar aur Fayde

पथरी का गोखरू से उपचार Pathri Ka Gharelu Upchar

एक चम्मच की मात्रा में गोखरू के बीजों का महीन चूर्ण बनाकर शहद के साथ मिलाकर एक कप बकरी के दूध के साथ दिन में 3 बार एक सप्ताह तक नियमित पीने से पथरी गलकर पेशाब में निकल जाती हैं | गोखरू के पंचांग का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार गाय के दूध के साथ नियमित पिने से भी पथरी टूट-टूटकर गल जाती है |

मुत्रावरोध होने पर गोखरू से उपचार Urine Ruk Jaane Ka Upchar

बुढ़ापे में प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ जाने से अक्सर पुरुषों को रुक-रुक कर पेशाब बहुत कम मात्रा में उतरती है और इसके निवारण हेतु आपरेशन करना पड़ता हैं | गोखरू के फल का चूर्ण 2 चम्मच, 200 मिलीलीटर दूध में पकाकर छानने के बाद सुबह-शाम नियमित रूप से पिने से मूत्र संबंधी सारी समस्याएं दूर हो जाती है |

नपुंसकता का इलाज Napunsakta Ka Upchar

हस्तमैथुन की बुरी लत से उत्पन्न नपुंसकता को दूर करने के लिए एक-एक चम्मच गोखरू के फल का चूर्ण और काले तिल मिलाकर शहद के साथ दिन में तीन बार नियमित रूप से कुछ हप्ते तक सेवन कराएं |

सुजन का इलाज Sujan Ka Upchar

बड़े गोखरू के पंचांग को पीसकर सुजन वाले स्थान पर गर्म-गर्म लेप लगाएं |

प्रमेह का इलाज Pameh Ka Upchar

गोखरू के फल का चूर्ण समभाग मिसरी मिलकर सुबह-शाम सेवन करें |

स्वप्नदोष का उपचार Swapndosh Ka Upchar

एक चम्मच की मात्रा में बड़े गोखरू के फल का चूर्ण, थोड़ा घी और मिसरी मिलाकर एक हप्ते तक नित्य सुबह-शाम लें |

आमवात का इलाज

गोखरू और सोंठ का एक-एक चम्मच चूर्ण लेकर एक कप पानी में मिलाकर कुछ देर उबालें व छानकर पि लें | यह प्रयोग दिन में दो बार एक हप्ते तक करें |

यौन शक्ति की वृध्दि हेतु

गोखरू और शतावरी का चूर्ण एक-एक चम्मच की मात्रा में, एक कप पानी में कुछ देर उबालकर छान लें, फिर छानकर पि लें | इससे शीघ्रपतन की शिकायत दूर होकर यौन शक्ति बढ़ेगी |

गोखरू के पत्ते और फल समान मात्रा में मिलाकर पानी में काढ़ा तैयार करे और छानकर आधा कप की मात्रा में 3 बार लें, तुरंत आराम मिलेगा |

संक्रमण का इलाज

स्त्री जनन अंगों के संक्रमण में गोखरू के फल का 3 चम्मच चूर्ण, एक-एक चम्मच मिसरी और घी के साथ सुबहशाम सेवन करें |
Source-Kaiseaurkya