छोटी होने के बावजूद तिल गुणों से भरपूर होती है. तिल का उपयोग मकर संक्रांति के अवसर पर तिल के लड्डू, बर्फी, गजक आदि के रूप में करने की हमारे यहां परंपरा है. आइए, तिल के औषधीय गुणों का लाभ भी जानें.
* दांतों की मज़बूती के लिए एक चम्मच तिल रात को चबाकर खाइए.
* तिलों को पानी में पीसकर घावों पर बांधने से घाव जल्दी भर जाते हैं.
* 2 चम्मच काले तिलों को चबाकर ऊपर से ठंडा पानी पीने से बवासीर में लाभ होता है.
* ज़्यादा मूत्र आने की दशा में तिल भूनकर गुड़ के साथ लड्डू बनाएं. इसे सुबह-शाम खाएं. बहुमूत्र की शिकायत दूर हो जाएगी.
तिल को पीसकर गोमूत्र में पकाएं. इसे पुल्टिस की तरह फोड़े पर बांधने से फोड़ा पककर फूट जाता है.
* पेटदर्द होने पर एक चम्मच साफ़ तिल चबाकर ऊपर से गर्म पानी पीने से दर्द मिटता है.
* 4 चम्मच काले तिलों को पानी में भिगो दें. दूसरे दिन पीसकर छान लें. इस जल को प्रसवासन्न महिला को पिला देने से शीघ्र प्रसव हो जाता है.
* काले तिल को पीसकर मिश्री मिलाकर बकरी के दूध के साथ पीने से ख़ूनी दस्त में लाभ होगा.
* जाड़े के दिनों में तिल का शुद्ध तेल शरीर पर मलने से शरीर में गर्मी आती है. रक्त की गति तीव्र होती है. स्वास्थ्य बढ़ता है तथा त्वचा का रूखापन समाप्त हो जाता है.
मूली अधिक खा लेने पर होनेवाले अजीर्ण में थोड़ी-सी तिल चबा लेने से तुरंत आराम मिलता है.
* तिल को मक्खन के साथ पीसकर मुंह पर लेप करने से रंग गोरा होता है और कील-मुंहासे आदि ठीक हो जाते हैं.
* तिल के पौधों पर पड़ी ओस को नेत्रों में डालने से खुजली, गर्मी, लालिमा आदि विकार समाप्त हो जाते हैं.
Source - Meri Saheli