करवा चौथ: क्या है सरगी, बाया और पोइया का महत्व


हर सुहागिन के लिए खास होता है करवा चौथ. इस खास दिन का उन्हें सालभर बेसब्री से इंतजार रहता है. उत्तर भारत में तो इसे किसी त्योहार की तरह ही मनाया जाता है. इस व्रत में सरगी के बारे में सभी जानते होंगे, लेकिन हम दो और चीजों के बारे में भी बता रहे हैं जिन्हें करवा चौथ का व्रत करने वाली सुहागिन, ससुराल वालों और मायके वालों को भी जानना चाहिए.


बहू के लिए उपहार है सरगी
यह सास की ओर से बहू को मिलने वाला उपहार होता है. सरगी में मिली चीजों को व्रत शुरू करने से पहले खाया जाता है. इसमें मठरी, मेवे, फल, मिठाई आदि चीजें शामिल रहती हैं. पारंपरिक तौर तरीकों में इस सामान को मिट्टी के बर्तन में रखकर दिया जाता है.



मायके से आता है बाया
ये वो सामान है जो करवाचौथ के मौके पर लड़की के मायके से उसके ससुराल आता है. इसमें मिठाइयां, मेवे, कपड़े, बर्तन, चावल आदि शामिल रहते हैं. यह सामान आमतौर पर करवा चौथ की कथा होने से पहले लड़की के घर पहुंचाया जाता है.

ये होती है पोइया
करवाचौथ के व्रत के मौके पर जो सामान बहू अपनी सास को देती है, उसे पंजाब में पोइया कहा जाता है. इसमें सुहाग का सामान जैसे बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर के अलावा मठरी, मिठाइयां, मेवे और सूट या साड़ी शामिल रहते हैं. इस सामान को लड़कियां पूजा में पूजने के बाद ही सास को देती हैं.

इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
सरगी खाते समय ज्यादा हेल्दी खाना खाएं और पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं. व्रत खोलने के बाद अधिक भोजन नहीं करना चाहिए. अगर आपका कोई ट्रीटमेंट या दवाइयां चल रही हैं तो व्रत न करें. व्रत में कोई एक्सरसाइज न करें, इससे शरीर में कमजोरी आ सकती है.

Source - One India