गुजरात के एक करोड़पति कपड़ा कारोबारी के बेटे और बेटी ने दुनिया की सारी सुख-सुविधाओं का त्याग कर वैराग्य और संयम के पथ पर चलने का फैसला किया है. दोनों ही 9 दिसंबर को सूरत में दीक्षा लेने जा रहे हैं, जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसके बाद भाई-बहन, दोनों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी.
सूरत के अडाजण इलाके में स्थित इशिता सोसायटी करोड़पति परिवारों की रिहाइश के लिए मशहूर है. इसी सोसायटी के एक बंगले में पेशे के कपड़ा कारोबारी भरत भाई वोरा अपनी पत्नी ज्योत्सना बेन, बेटे यश, बेटी आयुषी और छोटे बेटे राज के साथ रहते हैं.
भरतभाई वोरा के पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद तीनों संतानों में सबसे बड़ी बेटी आयुषी और उससे छोटे बेटे यश ने सभी सुख-सुविधाओं का त्याग कर जैन धर्मानुसार दीक्षा लेने का फैसला लिया है.
कपड़ा कारोबारी भरतभाई वोरा की बेटी आयुषी और बेटे यशवोरा ने आजतक से बातचीत में बताया कि जीवन में उन्हें कुछ अलग करने की इच्छा थी. इसके लिए उन्होंने संयम का रास्ता अपनाया.
यश और आयुषी ने बाहरवीं तक ही पढ़ाई की है. 3 साल पहले पढ़ाई के दौरान ही वे अपने गुरु भगवंत यशोवर्मा के संपर्क में आए थे. इस दौरान भाई-बहन ने सांसारिक मोह-माया को त्याग करने का मन बना लिया था.
आज के आधुनिक युग में मोबाइल, टीवी, एयरकंडीशनर, कार जैसी सुख-सुविधाओं को छोड़ना बहुत मुश्किल होता है. मगर यह मुश्किल काम भी करने का फैसला करोड़पति कपड़ा कारोबारी के बच्चों ने लिया है. दोनों ने अपने गुरु की आज्ञा के अनुसार 15 अगस्त 2018 को दीक्षा मुहूर्त की तारीख ली थी.
वोरा परिवार ने बेटे को दीक्षा नहीं लेने के लिए बहुत समझाया. इसके लिए उसे दुबई तक घुमाने ले गए, लेकिन यश ने अपना फैसला नहीं बदला.
बेटे और बेटी के फैसले से परिवार में माता-पिता और सबसे छोटा बेटा भी खुश है. वहीं यश और आयुषी के मुताबिक सांसारिक संसाधनों में सुख क्षणिक मात्र होता है असली सुख तो परमात्मा की शरण में है.
भरतभाई वोरा का कहना है कि वे अपने बेटे और बेटी, दोनों की दीक्षा बड़ी ही धूमधाम से करेंगे. जैसे दोनों की शादी में करने वाले थे.
Source - Aaj Tak