देश के वो 10 गुरुद्वारे, जहां हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है प्रकाश पर्व



कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्मदिवस मनाया जाता है. इस दिन हर गुरुद्वारे में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस बार 12 नवंबर को गुरुनानक जयंती मनाई जाएगी. खास बात ये है कि इस साल गुरुनानक देव की 550वीं जयंती मनाई जाएगी, जिसे लेकर लोगों में खासा उत्साह है. प्रकाश पर्व के मौके पर आइए जानते हैं भारत में स्थित उन 10 गुरुद्वारों के बारे में जहां पर लोगों की गहरी आस्था है.


पंजाब का स्वर्ण मंदिर
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारा को श्री हरिमन्दिर साहिब और दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है. दूर-दूर से लोग इस गुरुद्वारे का दर्शन करने आते हैं. स्वर्ण मंदिर पूरे संसार में अपनी खूबसूरती के चलते प्रसिद्ध है. इस गुरुद्वारे की दीवारें सोने की बनी हुईं हैं. इस गुरुद्वारे की स्थापना महाराजा रणजीत सिंह ने की थी.


दिल्ली का शीशगंज गुरुद्वारा

शीशगंज गुरुद्वारा दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है. इस गुरुद्वारे को बघेल सिंह ने सिख धर्म के नौवें सिख गुरु तेग बहादुर की की याद में बनवाया था. इसी स्थान पर औरंगजेब ने इस्लाम स्वीकार न करने पर गुरु तेग बहादुर की हत्या करवा दी थी.


उत्तराखंड का श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा

इस गुरद्वारे का निर्माण सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने कराया था. ये गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. हेमकुंड साहिब को सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है.


पंजाब का गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब

फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा साहिबजादा फतेह सिंह और जोरावर सिंह की शहादत की याद में बनवाया गया था. साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह, को यहां दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. ये गुरुद्वारा वास्तुकला का एक नायाब नमूना है.


दिल्ली का बंगला साहिब गुरुद्वारा

ये गुरुद्वारा नई दिल्ली के बाबा खड़गसिंह मार्ग पर स्थित है. इस गुरुद्वारे का निर्माण राजा जय सिंह ने करवाया था. यहां हर दिन हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं. सिखों के आठवें गुरु हरकिशन सिंह के द्वारा यहां पर किए गए चमत्कारों की याद में ये गुरुद्वारा काफी प्रसिद्ध है. इस गुरुद्वारे की काफी मान्यता है.


महाराष्ट्र का हजूर साहिब गुरुद्वारा

गोदावरी नदी के किनारे बसा शहर नांदेड़ हजूर साहिब सचखंड गुरूद्वारे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. इसी स्थान पर सन 1708 में गुरु गोविंद सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था. महाराजा रणजीत सिंह ने बाद में इस गुरूद्वारे का निर्माण किया था.


पांओटा साहिब गुरुद्वारा, हिमाचल प्रदेश

इस गुरुद्वारा को सिख संप्रदाय के लिए बहुत बड़ा तीर्थ माना जाता है. इसी स्थान पर गुरु गोविंद सिंह जी ने जीवन के चार साल बिताए थे और दसवें ग्रंथ की रचना की थी.


पंजाब का तख्त श्री दमदमा साहिब

तख्त श्री दमदमा साहिब सिक्खों के पवित्र पांच तख्तों में से एक है. इसका इतिहास भी बेहद रोचक है. गुरु गोविंद सिंह जी यहीं आकर रुके थे और यहां आकर उन्होंने मुगलों का सामना किया था.


बिहार का श्री पटना साहिब गुरुद्वारा

पटना साहिब सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्मस्थान है. महाराजा रंजीत सिंह ने इस गुरुदारा का निर्माण करवाया था. गुरु गोविंद सिंह की याद में बने इस गुरुद्वारे में उनके कई स्मृति चिह्न आज भी श्रद्धालुओं के आस्था से जुड़े हैं.


गुरुद्वारा मणिकरण साहिब, हिमाचल प्रदेश

मणिकरण गुरुद्वारा को लेकर ऐसी मान्यता है कि सिखों के पहले गुरु नानकदेव ने इसी स्थान पर ध्यान लगाया था. ये पहाड़ियों के बीच बना बहुत सुंदर गुरुद्वारा है.

Source - Aaj Tak