ना कॉन्डोम और ना गोली, अब सिर्फ एक बैन्डेज लगाने से होगा बर्थ कंट्रोल



ज्यादातर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं. अनचाहे गर्भ से बचने के लिए ये गोलियां लेना सबसे आसान उपाय है. पर एक तरफ जहां इन गोलियों के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं वहीं इन्हें खाना याद रखना भी एक बड़ा काम बन जाता है.

अगर आपको गलती से दवा खाना नहीं याद रहा तो इससे अनचाहा गर्भ हो सकता है, जिससे आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. पर महिलाओं को अब इन समस्याओं से जल्द ही निजात मिल सकेगी. वैज्ञानिकों ने गर्भनिरोधक गोलियों का एक अच्छा विकल्प निकाला है.

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कॉन्ट्रासेप्टिव पैच निकाला है जो ठीक कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की तरह ही काम करता है. ये पैच त्वचा से चिपक जाता है और धीरे-धीरे 30 दिनों तक महिलाओं के खून में एक कॉन्ट्रासेप्टिव ड्रग छोड़ता है.

छोटे से आकार के इस डिवाइस में छोटी-छोटी कुछ सुइयां लगी हैं जो स्किन पर लगते ही कॉन्ट्रासेप्टिव निकालना शुरु कर देती हैं.

जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इसका प्रयोग सबसे पहले चूहों पर किया था जिसे पूरी तरह से सुरक्षित पाया गया. इसके बाद ये परीक्षण महिलाओं पर किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले.

जिन 10 महिलाओं पर इसका प्रयोग किया गया था, उनमें से किसी ने ये शिकायत नहीं की कि पैच लगाने से उनको किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचा है.

केमिकल और बायोमॉलेक्युलर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर मार्क प्रुस्निट्ज सहित दूसरे शोधकर्ताओं का भी यही कहना था कि ये कॉन्ट्रासेप्टिव पैच उन महिलाओं के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है, जो रोज दवा ले-लेकर थक चुकी हैं.

ज्यादातर महिलाएं तो सही समय पर गर्भनिरोधक गोलियां ही नहीं लेती हैं, जिससे इन गोलियों का असर वैसे भी कम हो जाता है. इन्ही वजहों से लंबे समय तक चलने वाले गर्भनिरोधक पैच को गाइनैकॉलजिस्ट ने भी मंजूरी दे दी है.

स्किन की बनावट पतली होती है जिसमें सूइयां आसानी से चली जाती हैं, जिसकी वजह से ही कॉन्ट्रासेप्टिव पैच के नीचे सूइयां लगाई गईं हैं.

सिडनी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और पीडियाट्रिक्स रेचल स्किनर का कहना है कि 'माइक्रोनीडल पैच से लोगों तक आम और एक जरूरी दवा पहुंच सकेगी'.

ये विशेष रूप से युवा महिलाओं और कम आय वाले देशों की महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जहां महिलाओं को आसानी से गर्भनिरोधक नहीं मिल पाता.