राशन लेने वालों के लिए देश का पहला ग्रेन एटीएम, जानिए कैसे करेगा काम?



अब सरकारी राशन डिपुओं के आगे अनाज लेने के लिए उपभोक्ताओं को न तो लंबी लाईनों में लगना होगा और न ही राशन कम मिलने की शिकायत का कोई मौका रहेगा.

हरियाणा सरकार ने अब उपभोक्ताओं के लिए ‘ग्रेन एटीएम’ (अनाज का एटीएम) स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. गुरुग्राम जिला में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश का पहला ग्रेन एटीएम (Grain ATM) स्थापित कर दिया गया है.

डिप्टी सीएम का कहना है कि ‘ग्रेन एटीएम’ लगने से सरकारी दुकानों से राशन लेने वालों के समय और पूरा माप न मिलने को लेकर तमाम शिकायतें दूर हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस मशीन लगाने का मकसद ‘राइट क्वांटिटी टू राइट बेनिफिशरी’ है.इससे न केवल उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा बल्कि सरकारी डिपुओं पर अनाज घटने का झंझट भी खत्म होगा. सार्वजनिक अनाज वितरण प्रणाली (PDS) में पहले से अधिक पारदर्शिता आएगी.

डिप्टी सीएम ने कहा कि ये मशीनें न केवल सरकारी डिपो सचालकों को अनाज वितरण में सहायक साबित होंगी, बल्कि इससे डिपो संचालकों का समय भी बचेगा. गुरुग्राम जिला के फर्रुखनगर में यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इन अन्न-आपूर्ति मशीनों को प्रदेशभर में सरकारी डिपुओं पर लगाने की योजना है. यहां पर मशीन ने काम करना शुरू कर दिया है.
ऐसे काम करती है ग्रेन एटीएम मशीन

यह एक स्वचालित मशीन है जो कि बैंक एटीएम (Bank ATM) की तर्ज पर कार्य करती है. मशीन में लगी टच स्क्रीन के साथ एक बायोमेट्रिक मशीन भी लगी हुई है, जहां पर लाभार्थी को आधार या राशन कार्ड (Ration Card) का नंबर डालना होगा. बायोमेट्रिक से प्रमाणिकता होने पर लाभार्थियों को सरकार द्वारा निर्धारित अनाज खुद मशीन के नीचे लगाए गए बैग में भर जाएगा. इस मशीन के माध्यम से तीन तरह के अनाज गेहूं, चावल और बाजरा का वितरण किया जा सकता है. एक बार में यह मशीन 70 किलोग्राम तक अनाज पांच से सात मिनट में निकाल सकती है.


यूनाइटेड नेशन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत स्थापित इस मशीन को ऑटोमेटिड, मल्टी कमोडिटी, ग्रेन डिस्पेंसिंग मशीन कहा गया है. इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी का कहना है कि अनाज के मापतोल को लेकर इसमें त्रुटि न के बराबर है.