साइबर क्राइम के बारे में जानकारी
सबसे पहले हम लोग बात करेंगे की साइबर क्राइम या अपराध क्या है। अगर हम इसे सामन्य शब्दों में कहें तो “साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जिसमे कंप्यूटर , इन्टरनेट ,सॉफ्टवेर आदि तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए किसी दुसरे व्यक्ति कंपनी आदि को किसी भी तरह का नुकसान पंहुचाना साइबर क्राइम या अपराध कहलाता है ” चाहे उसमे निजी जानकारी चुराना हो या फिर जानकारी मिटाना।
साइबर अपराध के अंतर्गत टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करते हुए किसी के बैंक सम्बन्धी निजी जानकारी चुराना, किसी के जानकारी में फेरबदल करना, किसी के आइडेंटिटी का गलत इस्तेमाल करना, ( जैसे कई लोग फेसबुक पे किसी और की आइडेंटिटी का इस्तेमाल करते हुए Fake ID बना लेते हैं ) ऑनलाइन ठगी करना यह सब चींजे Cyber crime के अन्तर्गत आतीं हैं।
Common method of cyber crime –
हम लोग अब Cyber crime के कुछ ऐसे method के बारे में जानेंगे जो सामन्य रूप से साइबर क्राइम करने वालों के द्वारा उपयोग में लाया जाता है। इन method के बारे हमें पता होना चाहए ताकि हम कुछ हद तक अपनी Security बनाये रख सकें।
Phishing –
यह method सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है क्योकि यह सबसे सरल तरीका है। इस method से किसी भी account के id पासवर्ड को पता लगाया जा सकता है। Phishing method में जिस भी platform के id पासवर्ड के बारे जानना होता है तो उस platform के लॉग इन page का Duplicate ( प्रतिलिपि ) page बनाया जाता है। जब भी कोई us Duplicate page से लॉग इन करता है तो उसके id पासवर्ड हैकर तक पहुँच जाते हैं।
Example – मान लो अगर हैकर को आपके फेसबुक account को हैक करना है तो वह फेसबुक लॉग इन page का डुप्लीकेट page बना कर किसी भी तरह से लॉग इन कराने की कोशिश करेगा जब आप हैकर के द्वारा बनाये गए डुप्लीकेट page से लॉग इन करोगे तो आपके फेसबुक id पासवर्ड हैकर तक चला जायेगा और फिर आसानी से आपके फेसबुक account में लॉग इन कर सकता है।
Keylogging –
Keylogging method बहुत खतरनाक method है। इस method में keylogger सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता है।keylogger ऐसे सॉफ्टवेर होते है जो चोरी छिपे, आप जो कुछ भी कीबोर्ड पे टाइप करते हैं उनको हैकर तक पहुँचता है। हैकर keylogger सॉफ्टवेर को आपके कंप्यूटर में Locally या Remotely Install कर सकता है। इस तरह से हैकर आसानी से आपके सारे एकाउंट्स details आसानी से चुरा सकते हैं।
Viruses & Warms –
कंप्यूटर वायरस से तो सभी वाकिफ होंगे हैकर इन सब का भी उपयोग किसी के डाटा को मिटाने,चुराने इत्यादि चीजों के लिए उपयोग में लाया जाता है। वायरस भी कई तरह के होते है जो अपने कोडिंग पे depend करता है की वो आपके कंप्यूटर में घुस कर कैसा काम करता हैं। कुछ viruses & warms ऐसे होते है जो सिस्टम के फाइल्स के साथ खुद को मिला लेते है।
AD Clicker –
Ad Clicker एक ऐसा method है जिसमे victim को लालच दिया जाता है जैसे की आपने i phone 6 जीत लिया इसे लेने के लिए क्लिक करें, इस तरह के कई विज्ञापन आते हैं कई user लालच में आकर उनके जाल में फस जाते हैं। इसके बाद हैकर उनके device में आसानी से एक्सेस कर लेता है और फिर कई सारे इनफार्मेशन, डाटा चोरी हो जाते हैं।
Source - Hindi Tips Duniya