योग से कील-मुंहासे शत प्रतिशत दूर हो जाते हैं। यहां कुछ योगासन बताए जा रहे हैं जो कील-मुंहासे दूर करने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
प्राणायाम
प्राणयाम योग प्राणायाम योग क्रिया के जरिए सांसों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसको करने से तनाव दूर होता है, शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और प्राणायाम करने के दौरान हमारे शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है जो शरीर में मौजूद सभी विषैले तत्व को बाहर कर देती है। जब स्किन से स्ट्रेस दूर हो जाता है और सारे विषैले तत्व भी बाहर निकल जाते हैं तो स्किन हेल्दी हो जाती है और कील-मुंहासे भी नहीं होते।
उत्तनासन
यह साधारण आसन है, मगर हर कोई इसे आसानी से नहीं कर पाता। इसमें खिंचाव अधिक महसूस होता है, जो शरीर के सिस्टम में गर्मी लाकर शांति प्रदान करता है। अगर शारीरिक और मानसिक थकावट दिन के दौरान महसूस होती है, तो इस आसन से बेहतर महसूस होता है। तुरंत आराम और शरीर की गर्मी के लिए यह आसन किया जा सकता है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले खड़े हो जाएं। दोनों हाथ सीधे कर लें और फिर उन्हें ऊपर की दिशा में ले जाएं और सीधे ही रखें। अब दोनों हाथों को धीरे-धीरे जमीन की तरफ लाएं और दोनों पैरों के अंगूठे टच करने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि इस दौरान हाथ और बाजू एकदम सीधे रहें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें और फिर नॉर्मल अवस्था में आ जाएं। इस आसन को करने से बॉडी में ब्लड का फ्लो स्मूद होता है जिससे शरीर में मौजूद गंदगी बाहर निकल जाती है और स्किन हेल्दी होती है।
त्रिकोणासन
इस आसन को करने के लिए खड़े होकर दोनों पैरों को ज्यादा-से-ज्यादा खोल लें। दोनों हाथों को कंधों के पैरलल साइड में उठा लें। लंबी-गहरी सांस भरें और सांस निकालते हुए कमर को लेफ्ट साइड में घुमाएं और आगे की ओर झुककर, उल्टे हाथ से सीधे पैर के पंजे को छूने की कोशिश करें। गर्दन को ऊपर की तरफ घुमाकर ऊपर वाले हाथ की ओर देखें। सांस की गति सामान्य रखते हुए इस आसन में जब तक संभव हो, रुके रहें। दोनों ओर से यह आसन 3-4 बार कर लें।
कपालभाति प्राणायाम
चेहरे पर कील-मुंहासों का कारण खराब खान-पान, तनाव, थकान और खराब लाइफस्टाइल होता है और इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कपालभाति प्राणायाम से बेहतर कुछ नहीं। शायद इसीलिए इस आसन को जीवन के लिए संजीवनी बूटी कहा जाता है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधी अवस्था में बैठ जाएं और सांस को अंदर और बाहर छोड़ें। लेकिन सांस बाहर छोड़ते वक्त पेट को अंदर की तरफ खींचना है। 3 से 4 बार इस आसन को दोहराएं। इस आसन से शरीर में खून का संचार सही तरह से होगा और वह सभी अंगों में पहुंचेगा। इससे न सिर्फ थकान दूर होती है, बल्कि मानसिक शांति मिलती है। इतना ही नहीं, इस आसन को करने से शरीर से सारे विषैले तत्व भी बाहर निकल जाते हैं।
बरतें ये सावधानियां:
- इन आसन को करते वक्त अपने शरीर को ज्यादा स्ट्रेच न करें। स्ट्रेचिंग उतनी ही कर पाएं जितनी संभव हो सके।
- अगर कमर में दर्द है या सांस की तकलीफ है तो इन योगासनों को न करें।
- सांस फूलने लगे और दिल की धड़कनें तेज हो जाएं तो भी यह आसन न करें।
- डायबीटीज और हार्ट के मरीज इन आसनों को डॉक्टर से सलाह लेकर किसी योग एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
Source - Nav Bharat