'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारे की नींव का पत्थर है बाढ़ की ये तस्वीर



भारत के कुछ राज्य बाढ़ की चपेट में हैं. केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में 150 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है.सबसे ज्यादा मौतें केरल में हुई हैं. महाराष्ट्र और गुजरात में हालात ठीक नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र में 27 और गुजरात में 22 लोगों की मौत हो चुकी है. रेस्क्यू टीमें बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगी है.

इस बीच गुजरात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. एक पुलिस वाला अपने दोनों कंधों पर दो बच्चियों को बिठाकर कमर तक पानी में चल रहा है. लोग इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं. और पुलिसवाले की तारीफ कर रहे हैं.

क्या है मामला?

तस्वीर गुजरात के मोरबी के टंकारा की है. बच्चे पढ़ाई करने कल्याणपुर के कस्तूरबा गांधी स्कूल गए थे. लेकिन पांच घंटों तक बारिश होती रही और बच्चे फंस गए. चारों ओर पानी जमा हो गया. 43 बच्चे फंसे हुए थे. स्कूल ने पुलिस से मदद मांगी. पानी का प्रवाह ज्यादा था. जिला प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. लेकिन बच्चों तक बोट से पहुंचना मुश्किल हो रहा था. बच्चों को एक-एक कर निकाला गया. गुजरात पुलिस के इस सिपाही ने दो बच्चियों को अपने कंधे पर बिठाया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. कुछ पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि सिपाही एक किलोमीटर से ज्यादा दूर तक इन बच्चियों को अपने कंधों पर बिठाकर चला.

जो भी हो लेकिन कमर तक पानी में, किसी को बचाना अपने आप में बड़ी बात है. सिपाही का नाम पृथ्वीराज सिंह जाडेजा है. उन्होंने खुद की जान की परवाह न करते हुए बच्चियों की जान बचाई. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पुलिस के इस जवान को बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

ए मैन इन यूनिफॉर्म ऑन ड्यूटी

पुलिस कॉन्स्टेबल पृथ्वीराज सिंह जडेजा, विपरित हालात में कर्तव्यों का निष्पादन करते हुए सरकारी अधिकारी की कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और समर्पण के कई उदाहरणों में से एक है. उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करें.



A man in uniform on duty...!!

Police constable Shri Pruthvirajsinh Jadeja is one of the many examples of Hard work , Determination and Dedication of Government official, executing duties in the adverse situation.

Do appreciate their commitment...
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गुजरात के सीएम के इस ट्वीट पर लोग पृथ्वीराज सिंह जाडेजा की तारीफ कर रहे हैं. लोगों ने उन्हें प्रमोट करने की भी मांग की है. इस तस्वीर की तारीफ इसलिए भी होनी चाहिए कि जाडेजा के कंधों पर दोनों बेटियां हैं. नारों का क्या है, नारे बनते हैं और हवा में सदियों तक तैरते रहते हैं. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ भी इसी तरह का एक नारा है. लेकिन जिन्हें वाक़ई बेटियों की फ़िक्र है वो नारों के मोहताज नहीं होते. नीयत साफ़ हो तो नीति अपने आप बन जाती है और पृथ्वीराज जैसे लोगों की नीयत ही उन्हें इन नारों की नींव का पत्थर बनाती है. इन्हीं अनाम लोगों के दम पर ये नारे जिंदा रहते हैं.

Source - Aaj tak